नागापट्टिनम एक क़स्बा है जो तमिलनाडू के नागापट्टिनम जिले में स्थित है। यह शहर जिला मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। बंगाल की खाड़ी से, भारतीय प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित नागापट्टिनम तब उभर कर सामने आया जब इसे थंजावूर जिले से अलग किया गया। यह क़स्बा चेन्नई से 270 किमी दूर स्थित है।
इस स्थान का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला शब्द है ‘नगर’ जिसका प्रयोग श्रीलंका के लोगों का उल्लेख करने के लिए किया जाता है और दूसरा है ‘पट्टिनम’ जिसका अर्थ है, नगर। इतिहास में इस नगर को कई नामों से जाना जाता है। जब यहाँ चोल राजाओं का राज्य था तब इसे चोलाकुला वल्लिपट्टीनम कहा जाता था। टॉलेमी ने इस स्थान को निकम कहा। पोर्तुगीज़ इसे “कोरोमंडल का शहर” कहते थे।
नागापट्टिनम और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
नागापट्टिनम अपने समृद्ध इतिहास संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। नागापट्टिनम अपने बंदरगाहों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनमें से कुछ देश के सबसे उत्तम बंदरगाहों में से एक हैं। यह नगर कई तीर्थयात्रियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है जो यहाँ पर स्थित मंदिरों में प्रार्थना करने आते हैं।
सौंदराराजा पेरूमल मंदिर, नेल्लुकड़ाई मरिअम्मन मंदिर, कायरोहनास्वामी मंदिर, अरुमुगास्वामी मंदिर इस क्षेत्र के कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं। इस जिले के पड़ोसी कस्बे वेदअरण्यम में, प्रसिद्ध वेदअरण्येश्वर मंदिर है। मंदिरों के अलावा यहाँ सोलहवीं शताब्दी में निर्मित एक प्राचीन नागौर दरगाह भी है।
नागापट्टिनम, वेलंकन्नी के भी काफ़ी नज़दीक है जो ‘बासिलिका ऑफ़ आवर लेडी ऑफ़ गुड हेल्थ’ चर्च के लिए प्रसिद्ध है। यह नगर कई धर्मों की एकता का प्रतीक है। यहाँ मुख्यत: चार धर्मों हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चन और बौद्ध धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं।
नागापट्टिनम के पास एक खारे पानी का दलदल भी है जो अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा प्रसिद्ध कोडीक्काराई वन्यजीव अभयारण्य भी नागापट्टिनम के नज़दीक ही है जहाँ पर्यटक कई रोचक स्थलों का आनंद उठा सकते हैं।
शहर में यात्रा – इस स्थान का संक्षिप्त इतिहास
नागापट्टिनम का इतिहास चोल राजाओं के समय से ज्ञात है। उस समय यह स्थान एक प्रसिद्ध बंदरगाह और व्यावसायिक केंद्र था तीसरी शताब्दी के दौरान सम्राट अशोक ने यहाँ एक बौद्ध विहार के निर्माण की आज्ञा दी और इसके बाद पांचवीं और छठवीं शताब्दी में यह एक प्रसिद्ध बौद्ध केंद्र बन गया|
इस स्थान का औपनिवेशिक इतिहास सोलहवीं शताब्दी से प्रारंभ होता है जब पुर्तगालियों ने इस क्षेत्र में व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्र स्थापित किया| उन्होंने यहाँ मिशनरी उद्यम की स्थापना करने की योजना के साथ भी काम किया। इसके बाद सत्रहवीं शताब्दी के मध्य में यहाँ की सत्ता, एक समझौते के तहत, तंजावुर के राजा द्वारा डच लोगों को सौंप दी गई।
डच लोगों ने इस क्षेत्र में कई चर्चों और अस्पतालों का निर्माण किया। 1690 में यह डच कोरोमंडल की राजधानी था। डच आक्रमणों के अवशेष आज भी यहाँ देखे जा सकते हैं और डच किला इसकी गवाही देता है। वर्ष 1781 में अंग्रेजों ने नागापट्टिनम को अपने स्वाधीन कर लिया। अंग्रेजों के शासन के दौरान यह मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा था और इस क्षेत्र के मुख्य बंदरगाहों में से एक था।
नागापट्टिनम कैसे पहुंचे
नागापट्टिनम, तमिलनाडू और केरल दोनों राज्यों से पहुंचा जा सकता है। इसके सबसे नज़दीक का हवाईअड्डा तिरुचिरापल्ली है जो लगभग 141 किमी दूर है। तिरुचिरापल्ली से नागापट्टिनम जाने के लिए टैक्सीयां आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
चेन्नई का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इसके सबसे नज़दीक का हवाईअड्डा है जो इसे भारत और विश्व के अन्य भागों से जोड़ता है। नागापट्टिनम रेलवे स्टेशन जो शहर में ही स्थित है इसे तमिलनाडू के कई शहरों से जोड़ता है।तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के कई शहरों से नागापट्टिनम के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं।
नागापट्टिनम का मौसम
नागापट्टिनम आने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च के बीच का है जब मौसम बहुत सुहावना होता है। हालांकि तीर्थयात्री यहाँ साल भर आते हैं खासकर अप्रैल और मई के महीनों में। जून से सितंबर के बीच में मानसून के दौरान यह स्थान बहुत सुंदर दिखाई देता है।