दीक्षा भूमि में हर साल हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां एक बौद्ध स्तूप है जो 120 फुट लंबा है। इसी जगह में कई सैकड़ों दलित लोगों ने डॉ. बी आर अम्बेडकर को अपना नेता मानते हुए बौद्ध धर्म को अपनाया था।
यहां इस दिन को अशोक विजय...
सीताबुल्दी फोर्ट नागपुर शहर में एक महत्वपूर्ण स्मारक है। यह भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में विधमान है। यह किला ट्विन पहाड़ों के बीच में स्थित है। एक ब्रिटिश अधिकारी ने इस किले को 1857 में सिपाही विद्रोह होने के आसपास ही बनवाया था।
...रामटेक किला अपने साथ जुड़ी पौराणिक कहानी के लिए प्रसिद्ध है। किंवदंती है कि भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी जगह पर विश्राम किया था। यह मंदिर छह सदियों से भी पुराना है, यही बैठ कर कालीदास ने अपना महाकाव्य मेघदूत लिखा था।
रामटेक,...
मरकांडा, एक लोकप्रिय ऋषि, मार्कंडेय के नाम पर स्थित जगह है यह 24 मंदिरो का एक गुच्छा है जोकि खजुराहों मंदिर जैसा दिखता है।
यह वेनगंगा नदी के तट पर स्थित है। यहां भगवान शिव की आराधना की जाती है।
तीलनकाडी झील नागपुर के बाहर स्थित एक आकर्षक जगह है। अपने परिवार के साथ एक शांत शाम गुजारने के लिए यह स्थान परफेक्ट है। नदी के किनारे रेत पर चलने से चलने से पैरों को सुकून मिलेगा।
पास में बच्चों के लिए मछलीघर और ग्रीन पार्क भी बने है। पास के...
श्री पोदेश्वर राम मंदिर 1923 में बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी कलाकृति है जो नागपुर में सेंट्रल एवेन्यू रोड पर स्थित है। यह प्राचीन मंदिर, रामायण के मुख्य देवताओं को समर्पित है।
जिसे स्थानीय लोगों द्वारा विधि विधान से पूजा जाता है।
अमाबज़ारी झील , नागपुर में एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह लगभग 15 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है जहां लोग अपनी हॉलीडे को एंजाय करते है। यहां स्थित गार्डन में एक म्यूजिक फाउंटेन भी है जो छोटे बच्चों के लिए एक रमणीय स्थान है।
बगीचे में...
ड्रैगन पैलेस एक विशाल, प्रतिष्ठित मंदिर है जो 10 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की बड़ी सी प्रतिमा हॉल की पहली मंजिल में लगी हुई है। यह मंदिर नागपुर में सेटेलाइट टाउन में है जिसे कम्पटी कहा जाता है। यह स्थल एक शांतिपूर्ण बौद्ध...
नागपुर में जंगलो के बाद विदर्भ क्षेत्र में नावेगांव का ही नाम आता है। इस बांध को स्थापित करने में कोलू पटेल कोहली को सराहा जाता है। 300 से अधिक साल पुराने इस बांध घर में एक अभयारण्य है जिसका नाम डॉ. सलीम पक्षी अभयारण्य है। यहां पर्यटक आलस भालू और चीतल की तरह...