एक शहर एवं प्रशासनिक जिला, नमक्कल, भारत के दक्षिणी भाग के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। तमिलनाडु में स्थित नमक्कल विभिन्न रुचियों के लोगों को कई श्रेणियों के आकर्षणों को प्रदान करता है। यह शहर अपने बुनियादी ढांचों और पर्यावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह एक ऐतिहासिक शहर, शैक्षिक शहर, कुकुट शहर और परिवहन शहर के रूप में प्रसिद्ध है। 1997 में, सलेम जिले से अलग होने के बाद यह आधिकारिक तौर पर एक जिला बन गया। नमक्कल का इतिहास 7 वीं सदी का है।
नमक्कल और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
नमक्कल अपने यात्रियों को दर्शन करने के लिए कई मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों को प्रदान करता है। अंजनियर मंदिर, नृसिंह मंदिर, कोलिप्पट्टी मुरुगन मंदिर, तातगिरी मुरुगन मंदिर, तिरुचेंगोडु अर्द्धनारेश्वर मंदिर और मुतुगापट्टी पेरिया स्वामी मंदिर कुछ प्रसिद्ध आकर्षण हैं। यहां का नमक्कल दुर्गम किला एक अन्य पर्यटन स्थल है। इसके साथ रॉक किला और नैना-मलाई एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं।
इतिहास की एक झलक....
इस शहर को अपना नाम, शहर के बीचोंबीच गठित नमगिरी नामक चट्टान से प्राप्त हुआ है। नमक्कल तमिलनाडु के कोंगू नाडु क्षेत्र का हिस्सा था। इस शहर पर आदियमन वंश के राजा गुनाशील का शासन था। यहां राजा गुनाशील द्वारा बनाई गई कई ऐतिहासिक स्मारकें जैसे रंगनाथ स्वामी मंदिर और नृसिंह स्वामी मंदिर मौजूद हैं।
पल्लव राजवंश के साथ उनके वैवाहिक संबंधों ने वास्तुकला पर गहरा प्रभाव ड़ाला है। बाद में इस राज्य पर चोलाओं ने कब्जा किया और 14 वीं सदी तक यह राज्य होयसाल के अधिन रहा। आगे चलकर इस राज्य पर विजयनगर राजाओं, मदुरै नायकों, बीजापुर के सुल्तानों, गोलकुंडा मैसूर के राजाओं, मराठों, हैदर अली और अंत में अंग्रेजों ने शासन किया। हर एक शासनकार ने इस क्षेत्र की संस्कृति पर अपनी छाप छोड़ी है।
नमक्कल का मौसम
दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों की तरह, नमक्कल भी अत्यंत गर्म मौसम को अनुभव करता है, इसलिए इस शहर की यात्रा करने के लिए मानसून के बाद अक्तूबर से मार्च महीने के बीच का समय सबसे अच्छा है। इस दौरान तापमान सुखद बना रहता है।
कैसे पहुंचें नमक्कल
नमक्कल कई प्रमुख शहरों के निकट स्थित है इसलिए नमक्कल तक पहुंचना ज्यादा मुश्किल नहीं है। यह सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नमक्कल निश्चित रूप से हर एक यात्री के लिए एक देखने योग्य स्थान है।