गंगटोक से 92 किमी दूर स्थित नामची सिक्किम का एक चर्चित पर्यटन स्थल है। यहां से दार्जिलिंग, कलिमपोंग हिल्स और अन्य बर्फ से ढके पहाड़ों के अलावा खूबसूरत घाटियों का विहंगम नजारा देखने को मिलता है।
भूगोल
समुद्र तल से 1675 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नामची को हाल ही में उस समय प्रसिद्धि मिली जब यहां सिक्किम के एक संत गुरु पद्मसंभव की विशाल प्रतिमा का निर्माण किया गया। इसे विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होने का भी गौरव हासिल हुआ। नामची को बौद्ध मठों और ऊंची-ऊंची चोटियों के लिए भी जाना जाता है। सिलीगुरी से 90 किमी दूर स्थित नामची पश्चिम बंगाल से काफी करीब है। साथ ही सिक्किम के कई प्रमुख शहर भी यहां से ज्यादा दूर नहीं है।
भूटिया भाषा में नामची का अर्थ होता है-‘‘आकाश जितना ऊंचा।’’ प्रकृतिक सुंदरता के अलावा अपने समृद्ध इतिहास, पर्यटन स्थलों में विविधता और कई गतिविधियों के कारण नामची पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। हालांकि नामची राज्य की राजधानी गंगटोक से काफी मिलता-जुलता है, लेकिन यहां के वातावरण में गंगटोक जितना शोर-शराबा नहीं हैं। यानी अगर आप एकांतता को पसंद करते हैं तो यह जगह आपके लिए है। नामची अपने रोचक इतिहास और रहस्यमयी कहानियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
जनसंख्या
नामची में ज्यादातर आबादी हिन्दू और बौद्ध धर्म को मानने वालों की है। यहां नेपाली, हिंदी और अंग्रेजी भाषा बोली जाती है।
नामची और आसपास के पर्यटन स्थल
नामची के प्रमुख पर्यटन स्थलों में नामची मठ, रालंग मठ, समद्रुपत्से हिल का निष्क्रिय ज्वालामुखी, तेंदोंग हिल, रॉक गार्डन, डोलिंग गोंपा, न्गादक मठ, तेमी चाय बगान और चारधाम प्रमुख हैं। हर साल फरवरी के महीने में नामची में सिक्किम के सबसे बड़े फूल प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस प्रदर्शनी में विभिन्न प्रजाति के फूलों को देखा जा सकता है।
इतना ही नहीं, नामची के वाइचुंग स्टेडियम में गोल्ड कप फुटबाल टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता, जिसमें भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है। सरकार ने इस स्टेडियम का निर्माण सिक्किम के फुटबाल खिलाड़ी वाइचुंग भूटिया के सम्मान में करवाया था।
जाने का सबसे अच्छा समय
मार्च से जून का समय नामची जाने के लिए आदर्श माना जाता है।
नामची कैसे पहुंचे
हवाई और रेल मार्ग से आप नामची पहुंच सकते हैं।