नारनौल एक ऐतिहासिक शहर है जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में स्थित है। इस शहर का उल्लेख महाभारत में किया गया है। ऐसा विश्वास है कि यह बीरबल का जन्म स्थान है जिन्हें अकबर के दरबार के नवरत्नों में गिना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शेर शाह सूरी जिसने मुग़ल राजवंश को हिलाकर रख दिया था, उनका जन्म भी यहीं हुआ था। ऐतिहासिक और पौराणिक जड़ों के अलावा नारनौल विभिन्न जड़ी बूटियों से बने आयुर्वेदिक च्यवनप्राश के लिए भी प्रसिद्ध है।
नारनौल तथा इसके आसपास पर्यटन के स्थान
नारनौल का प्रमुख पर्यटन स्थल धौसी हिल है। वास्तव में यह स्थान एक विलुप्त ज्वालामुखी है और आज भी यहाँ लावा मिलता है। हालांकि इसकी प्रसिद्धि का एक अन्य कारण वैदिक काल के ऋषि च्यवन का आश्रम भी है।
नारनौल चामुंडा देवी मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है जो शहर के मध्य में पहाड़ी के नीचे स्थित है। मुग़ल काल में इस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया था। स्वतंत्रता के बाद मंदिर को खुदाई करके निकाला गया तथा यह मंदिर पूरे वर्ष लोगों को अपने ओर आकर्षित करता है।
नारनौल की यात्रा के दौरान आप चोर गुंबद की सैर भी कर सकते है, जो शहर के उत्तरी भाग में एक अकेली चट्टान पर स्थित प्रसिद्ध स्थान है।
यहाँ के अन्य आकर्षणों में शामिल है इब्राहिम खान सूर की कब्र, जल महल, एक महल जो चारों ओर से जल से घिरा हुआ है, त्रिपोलिया गेटवे, उद्यान का प्रवेश द्वार जिसके तीन सिरे हैं और चट्टा राय बाल मुकुंद दास, एक आलीशान महल जिसका निर्माण राय बाल मुकुंद दास ने करवाया था।
नारनौल का मौसम
नारनौल में तीन मौसमों का आनंद उठाया जा सकता है – गर्मी, मानसून और ठंड।
नारनौल कैसे पहुंचें
नारनौल शहर सभी प्रमुख गंतव्यों से रेल, रास्ते या हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।