विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद काशी के पर्यटन में चार चांद लग गया है। इससे ना सिर्फ धार्मिक आवाजाही बढ़ी है, बल्कि लोग इस मंदिर की सुंदरता देखने के लिए भी दूर-दूर से आ रहे हैं। काफी दिनों से काशी विश्वनाथ धाम में मशीनों की आवाज सुनाई दे रही है, जो अब थमने वाली है।
50 हजार वर्ग मीटर में फैला बाबा का धाम
बाबा काशी विश्वनाथ का धाम 50 हजार वर्गमीटर में फैला है, जिसके कॉरिडोर में अब तक काम हो रहा है, जो 15 अगस्त के बाद से थम जाएगा। बाबा के धाम में हो रहा काम तब तक पूरा हो जाएगा। धाम का दूसरे चरण का काम अब अंतिम दौर में चल रहा है। साथ ही मंदिर परिसर में बने दुकानों के आवंटन के लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है।
खरीददारी का लुत्फ उठा सकेंगे श्रद्धालु
अब तक बाबा के धाम में भक्त सिर्फ बाबा के दरबार में मत्था टेक मां गंगा के दर्शन ही कर पाते हैं। लेकिन अब कॉरिडेर में भक्त सामानों की खरीददारी भी कर सकेंगे, जिससे काशी के पर्यटन में भी बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी।
जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण
दूसरे चरण में जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा गंगा दर्शन सहित घाट पर अन्य काम भी किया जा रहा है, जिसके घाट की सुंदरता और भी भव्यता के साथ दिखाई देगी। इन दोनों घाटों को जोड़कर बाबा के प्रवेश द्वार तक भक्तों की सुविधा के लिए करीब 60 करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी खर्च किया गया है।
पहले चरण में खर्च किए गए थे 434 करोड़
इससे पहले काशी के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 हजार वर्ग मीटर में बने बाबा के धाम के लिए 434 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट बनाकर काशी की जनता और श्रद्धालुओं को समर्पित किया था।