16 जुलाई से विस्टाडोम कोचों में दूधसागर झरने की सुंदरता का आनंद लेने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। दूधसागर के बारे में थोड़ा बता दें की गोवा-कर्नाटक की सीमा के पास मांडवी नदी एक विशाल नदी हैं। इसी पर स्थित है ये दूधसागर वाटरफॉल।यह झरना विश्व का 227वां और भारत का पांचवा सबसे मंत्रमुग्ध करने वाला झरना है। साथ ही इसे देश-विदेश में सी ऑफ मिल्क के नाम से जाना जाता है। यह झरना गोवा की राजधानी पणजी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं इसकी ऊंचाई की बात करे तो यह 310 मीटर उंचा है और लगभग 30 मीटर चौड़ा है।मानसून के मौसम में जब पानी का बहाव ज्यादा हो जाता है तब यह दूधसागर वाटरफॉल काफी भव्य और मनोरम दीखता है।
दरअसल दक्षिण पश्चिम रेलवे ने प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए हुबली और वास्को डी गामा के बीच प्रत्येक शनिवार स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। जिसमें एक विस्टाडोम कोच शामिल होगा। बता दें कि यह सेवा 16 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। वहीं यह साप्ताहिक ट्रेन 16 जुलाई से ह शनिवार को 9 चक्कर लगाएगी। साथ ही समय की उम्मीद कुछ इस तरह है की यह विशेष ट्रेन हुबली रेलवे स्टेशन से सुबह 7:00 बजे चलेगी और उसी दिन दोपहर 1:40 बजे वास्को डी गामा रेलवे स्टेशन पहुंचगी। इस सफर के दौरान ट्रेन धारवाड़, लोंदा, कैसलरॉक, कुलेम, मडगांव, मजोरदा से होते हुए वास्को पहुंचेगी।
वहीं वापसी के दौरान वास्को डी गामा से हुबली स्पेशल ट्रेन वास्को डी गामा से दोपहर 2:30 बजे प्रस्थान करेगी और रात 8:00 बजे हुबली जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।