पाकुड़, झारखंड का एक जिला है तथा बीड़ी बनाने के लिए जाना जाता है। झारखंड़ में बीड़ी उद्योग को एक महत्वपूर्ण राजस्व आय के रूप में माना जाता है। यह साहिबगंज का एक उपखंड़ बना रहा जब तक 1994 में इसे एक जिले का दर्ज नहीं मिला। यह उत्तर में साहिबगंज जिले से, दक्षिण में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से, पूर्व में मुर्शिदाबाद और पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कुछ हिस्सों से तथा पश्चिम में दुमका और गोड्ड़ा जिलों से परिबद्ध है।
यह जिला, कभी अपने घने और विशाल जंगलों के लिए जाना जाता था, लेकिन आज अपनी वन्य संपत्ति के लिए महरुम है। यहां आज सर्पगंधा , रायग्मि या धामी, खज़्वा, चिरैता जैसे औषधीय पौधे लगभग विलुप्त हो चुके हैं। पिछले कुछ सालों में जंगल को बड़े पैमाने पर तबाह किया गया है। इस जिले में बन्सलौय, तोराय और ब्राह्मिणी नामक तीन प्रमुख नदियां बहती हैं। बन्सलौय और तोराय नदियां जिले के मध्य में बहती हैं और ब्राह्मिणी नदी जिले के दक्षिणी हिस्से में बहती है।
पाकुड़ का इतिहास
इस क्षेत्र के मध्ययुगीन काल के पहले के प्रामाणिक इतिहास के बारे में बहुत कम जानाकारी है। असल में, इस क्षेत्र में पाकुड़ राज और महेशपुर राज नामक दो छोटी रियासतें अस्तित्व में थीं। ये दोनों जमींदार मुगल प्रशासन के साथ जुड़े थें तथा पहारिया प्रदेश की देखभाल और पोषण के लिए जिम्मेदार थे।
प्लासी की लड़ाई के बाद विजयी अंग्रेजों ने अपने प्रशासनिक तंत्र को विकसित किया ताकि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के माध्यम से वे इन क्षेत्रों को नियंत्रित कर सकें। कप्तान बोरोनै, पहले ब्रिटिश अधिकारी थे जिन्होंने पहारिया पर जीत हासिल करने के लिए एक योजना तैयार की, इस क्षेत्र के वास्तविक निवासी।सिद्धु, कान्हू चांद और भैरव जैसे संथाल नायकों का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उनके अमर अवशेष संथाल परगना विभाग के अलग अलग स्थानों पर देखे जा सकते हैं।
पाकुड़ और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
पाकुड़ में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण हैं जो दोनों धार्मिक और रोमांचक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सिद्धु कान्हा उद्यान और नित्यकाली मंदिर पाकुड़ के कुछ मुख्य आकर्षण हैं, जो पाकुड़ की सैर करने आए सैलानियों के लिए भ्रमण के अनिवार्य स्थान हैं। कुछ अन्य दिलचस्प स्थानों में धरणि पहाड़ और गरम पानी का स्रोत शामिल हैं जहां यात्री इस कुंड़ में पवित्र स्नान कर सकते हैं।
पाकुड़ की सैर के लिए सबसे अच्छा समय
यात्रियों के लिए सर्दियों का मौसम पाकुड़ की सैर के लिए बहुत अच्छा है। इस मौसम में वातावरण सुखद बना रहता है और इस मौसम में अपने साथ कुछ गरम कपड़े ले जाना एक सही निर्णय होगा।
कैसे पहुंचें पाकुड़
पाकुड़ तक झारखंड की राजधानी रांची से बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है और यहां आप टैक्सी या बस का चयन कर सकते हैं। पाकुड़ में एक रेलवे स्टेशन भी है और ट्रेनें परिवहन का एक लोकप्रिय साधन हैं।