पालमपुर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अल्–हिलाल पर्यटन का एक प्रमुख स्थान है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘अर्धचंद्राकार चाँद की भूमि’। अल्-हिलाल से पर्यटक धौलधर श्रेणियों का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यह स्थान महाराजा रणजीत सिंह का सैन्य गढ़ था।...
चामुंडा देवी मंदिर, पालमपुर के पश्चिम और धर्मशाला से 15 किमी की दूरी पर 10 किमी की दूरी पर स्थित है, ये मंदिर कोई 700 साल पुराना है जो घने जंगलों और बनेर नदी के पास स्थित है। इस विशाल मंदिर का विशेष धार्मिक महत्त्व है जो 51 सिद्ध शक्ति पीठों में से एक...
पालमपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिये चाय के बागान प्रमुख आकर्षण है। शहर के विशाल चाय बागानों के कारण पालमपुर उत्तर पश्चिमी भारत की चाय राजधानी के रूप में जाना जाता है। कई एकड़ भूमि में फैले हुए ये चाय के बागान इस क्षेत्र के अनेक स्थानीय लोगों की जीविका का...
ट्रेकिंग पालमपुर की लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है। धौलाधार पर्वत से जाने वाले ट्रैकिंग के कई रास्ते पालमपुर और चंबा के बीच मौजूद हैं। पालमपुर से होली श्रीनगर पास से, पालमपुर से धरमशाला इन्द्रहार पास से और बैजनाथ से मनाली थम्सर पास से कुछ प्रमुख ट्रेकिंग के...
अन्द्रेत्ता जिसे कलाकारों का गाँव भी कहा जाता है पालमपुर का प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गाँव संस्कृतियों का अनूठा सम्मिश्रण प्रस्तुत करता है। इस क्षेत्र में शिल्प की कई दुकानें हैं जहाँ आप काँगड़ा, शोभा आर्ट गैलरी, नोराह कला...
मुख्य शहर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेवगल खाड, पालमपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। बुन्दला चश्म के नाम से भी प्रसिद्द इस स्थान का प्रमुख आकर्षण इसकी 300 मीटर चौड़ी धारा है। पिकनिक के अलावा पर्यटक यहाँ यहाँ की प्राकृतिक सुंदरत का आनंद उठा सकते हैं...