जैसा कि नाम से स्पष्ट है, सलार गंज गेट, हैदराबाद के निज़ाम के प्रधानमंत्री, सलार गंज की स्मृति में बनवाया गया था। चूंकि, हैदराबाद का निज़ाम भारत में ब्रिटिश सरकार की एक कठपुतली था, इसलिए स्वाभाविक रूप से सलार गंज भी उसी के नक्शेकदम पर चला।
भारत की आज़ादी की पहली लड़ाई छिड़ने पर उसने खुले तौर पर ब्रिटिश सरकार का साथ दिया था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की हैदराबाद रेजि़डेंसी पर हमला करने की योजना का पता चलने पर उसने अपने मालिकों को सूचित कर दिया ताकि वे उन्हें हराने के लिए तैयार हो जाए।
उसे सर की उपाधि दी गई और साथ ही सलार जंग का खि़ताब भी दिया गया था। औपचारिक रूप से उसे सर के रूप में संबोधित किया जाता था जबकि आम लोग उसे नवाब साहब कहते थे। उसके एक दोस्त और प्रशंसक, फैज़ नवाब सदक ने उसकी स्मृति में सलार गंज गेट का निर्माण करवाया था। यह पानीपत शहर के बीच मुख्य आर्टीरियल सड़क पर स्थित है।