करंजिया पर्यटन – भगवान और मंदिर
करंजिया ओड़िशा (उड़ीसा) के मयूरभंज जिले में स्थित एक शहर है। यह शहर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो विभिन्न हिंदू देवी देवताओं को समर्पित है। कई पर्यटन स्थलों से घिरा होने के कारण......
पुरी पर्यटन – जहां ब्रह्मांड़ के देवता राज करते हैं
पुरी, पूर्वी भारत के ओड़िशा राज्य का एक शहर है जो गर्व से बंगाल की खाड़ी पर खड़ा है। यह ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर से 60 किमी दूर स्थित है। पुरी शहर को जगन्नाथ मंदिर के कारण......
क्योंझर - बहुतायत की भूमि
क्योंझर, उड़ीसा के उत्तरी किनारे पर स्थित एक सुंदर जगह है। यह राज्य के सबसे बड़े जिलों में से एक है और यह एक नगरपालिका भी है। इस जिले के उत्तर में झारखंड,......
भुवनेश्वर पर्यटन - मंदिरों से भरा एक शहर
भारत के पूर्वी हिस्से में बसा भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी है। यह शहर महानदी के किनारे पर स्थित है और यहां कलिंगा के समय की कई भव्य इमारतें हैं। यह प्रचीन शहर अपने दामन में 3000......
कटक : एक ऐतिहासिक शहर
कटक, उड़ीसा की वर्तमान राजधानी भुवनेश्वर से 28 किमी. की दूरी पर स्थित है, जो पहले उड़ीसा की मूल राजधानी हुआ करती थी। इसे उड़ीसा की सांस्कृतिक और वाणिज्यिक राजधानी के......
चांदीपुर- जहाँ सागर अदृश्य हो जाता है।
चांदीपुर एक बीच रिसोर्ट है जो उड़ीसा के बालेश्वरजिले में स्थित है। यह बालेश्वर रेलवे स्टेशन से 16 किमी की दूरी पर स्थित है, और यहाँ का समुद्र अपनी तरह का एकलौता समुद्र है। आप......
ढेंकानाल - सूर्य की रोशनी से सराबोर हेमलेट
ढेंकानाल, राज्य की राजधानी भुवनेश्वर से 99 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह एक सुंदर जगह है जो प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। ढेंकानाल का हेमलेट, सूर्य की रोशनी से सराबोर......
कोणार्क – पत्थरों पर तराशी एक कथा
राजधानी भुवनेश्वर से 65 किमी की दूरी पर स्थित कोणार्क आश्चर्यजनक इमारतों और प्राकृतिक सुन्दरता वाला खूबसूरत शहर है। बंगाल की खाड़ी से लगा इस छोटे से शहर में भारत के खूबसूरत......
चिल्का पर्यटन - लैगून की भूमि
चिल्का भारत में सबसे बड़े तटीय लैगून, चिल्का झील के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील होने का गौरव हासिल है। चिल्का पर लैगून होने के कारण यह ओडिशा के लोकप्रिय......