भगवती मन्दिर प्राचीन स्थापत्य कला का जीता-जागता उदाहरण है। इसके महान और विस्तृत भित्तिचित्र तथा सौम्य शिलामूर्तियों में अपार कौशल झलकता है। भगवती मन्दिर पतनमतिटटा से 9 किमी की दूरी पर स्थित मलयालापपुझा में स्थित है। हलाँकि मन्दिर देवी मूकाम्बिका को समर्पित है...
त्रिवेणी संगमम् सबरीमाला के रास्ते पर पड़ता है। सबरीमाला में स्थित अयप्पा मन्दिर जाते समय श्रृद्धालु यहाँ रुक कर मुक्ति के लिये डुबकी लगाते हैं। इसलिये इस स्थान को सबरीमाला जाते समय मुख्य पड़ाव के रूप में माना जाता है। त्रिवेणी संगमम् तीन नदियों का मिलाप स्थान...
मन्जिनिक्कारा चर्च एक तीर्थ स्थल है। यह पतनमतिटटा से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित मन्जिनिक्कारा में बनाया गया है। सन् 1931 में ऐन्थियॉड के पवित्र प्रधान मार इग्नेटियस इलियास-3 भारत आये थे। जब वे मन्जिनिक्कारा पहुँचे तो यहाँ की सुन्दरता से आश्चर्यचकित होकर उन्होने...
वलियाकोइक्कल मन्दिर अंचनकोविल नदी के सुन्दर तट पर स्थित है। यह केरल की धार्मिक राजधानी पतनमतिटटा से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। श्री धर्म सास्थ के वलियाकोइक्कल मन्दिर को पंडलम् के राजा द्वारा बनवाया गया था। मान्यताओं के अनुसार अयप्पा के नाम से जाने जाने वाले श्री...
पेरूनथेनारूवी झरना पेरूनथेनारूवी का एक सुन्दर जलप्रपात है। यह जलप्रपात पतनमतिटटा कस्बे से 36 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झरना पम्बा नदी से मिल जाता है। पानी का 100 फीट की ऊँचाई से पथरीली चट्टानों पर गिरने और फिर नदी में मिलने का मनमोहक दृश्य अपनी ओर आकर्षित करता...
कदमानित्ता देवी मन्दिर, पतनमतिटटा कस्बे से 6 किमी की दूरी पर एक छोटे से गाँव कदमानित्ता में स्थित है। पदायनी के कारण यह मन्दिर उल्लेखनीय है। पदायनी एक दस दिन चलने वाला नृत्य समारोह है। पदायनी का अर्थ 'लड़ाकों की एक पंक्ति' है। हलाँकि पदायनी केरल के अन्य भागों के...
कुडूमॉन चिलन्थियम्बलम् मन्दिर पतनमतिटटा से 16 किमी की दूरी पर स्थित है। यह पतनमतिटटा के छोटे से कस्बे कुडोमॉन में स्थित है। इस मन्दिर की इष्टदेवी महालक्ष्मी हैं जिनकी लोग, धर्म जाति के भेदभाव के बिना, पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तीर्थ स्थल को शक्तिभद्र...
अरनमूल पार्थसारथी मन्दिर पतनमतिटटा के एक छोटे से गाँव में स्थित है। पवित्र पम्बा नदी के किनारे स्थित इस मन्दिर के आस-पास का वातावरण हरियालीयुक्त है। यह मन्दिर भगवान कृष्ण के एक स्वरूप पार्थसारथी को समर्पित है। इस मन्दिर की पार्थसारथी की सुन्दर मूर्ति के हाथ में एक...
मुलूर स्मारकम् मुलूर एस. पद्मनाभ पैनिकर (1869-1931) को समर्पित है। ये स्वतन्त्रता पूर्व केरल के प्रसिद्ध कवि और समाज सुधारक थे। मुलूर एस. पद्मनाभ पैनिकर की स्मृति में बना मुलूर स्मारकम् पतनमतिटटा से 12 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटे से गाँव इलावुमथीट्टा में है।...
मलंकारा मरथोमा सीरियाई चर्च पतनमतिटटा जिले के थिरूवल्ला में स्थित है। यह पतनमतिटटा का एक और प्रसिद्ध आकर्षण है। ऐसा माना जाता है कि इस प्राचीन चर्च को सेंट थॉमस ने स्थापित किया था। चर्च का इतिहास 52वी ई का है जब सेंट थॉमस केरल आये थे। सेंट थॉमस को अपॉस्टल के लाम...