पठानकोट, पंजाब राज्य के सबसे बड़े शहरों में से एक है, और यह पठानकोट जिले के मुख्यालय के रुप में कार्य करता है। कांगड़ा और ड़लहौजी की तलहटी पर स्थित, यह शहर हिमालय पर्वत श्रृंखला का प्रवेश द्वार है। कई यात्री हिमालय जाने से पहले इस स्थान पर रुकते हैं। 1849 से पूर्व, पठानकोट नूरपुर का एक हिस्सा था- पठानिया वंश द्वारा शासित एक राज्य।
पठानकोट और उसके आस पास के पर्यटक स्थल
इस शहर में और इसके आस पास कई स्थल हैं जो पठानकोट पर्यटन के भ्रमण का एक हिस्सा हैं, जैसे कि नूरपुर किला जिसे पठानिया राजपूतों ने 900 साल पहले बनाया था। इसके अलावा, शाहपुर कंड़ी किला, शिव मंदिर कथगढ़ और जुगियाल नगरी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हैं। ज्वालाजी और चिंतपूर्णी प्रसिद्ध सप्ताहांत स्थल हैं जिन्हें पठानकोट में छुट्टियां मनाने आए पर्यटक देख सकते हैं।
खाएं, खरीदें और आराम करें – पठानकोट में क्रियाएं
एक ऐसा शहर जहां हर साल भारी संख्या में सैलानी आते हैं, पठानकोट में कई ऐसे होटल हैं जो आरामदायक आवास और स्वादिष्ट भोजन प्रदान करते हैं। शहर के और आसपास के विभिन्न ढ़ाबों में कई मशहूर उत्तर भारतीय और पंजाबी व्यंजन परोसे जाते हैं। पर्यटन के अलावा, पठानकोट पर्यटन सैलानियों को खरीदारी में लिप्त होने के पर्याप्त अवसर भी प्रदान करता है। मिशन रोड़, सुजानपुर बाजार और गांधी चौक शहर के कुछ प्रसिद्ध शॉपिंग स्पॉट हैं। पश्मीना शाल, पर्यटकों के बीच खरीदा जाने वाला सबसे अधिक लोकप्रिय वस्तु है।
कैसे पहुंचे पठानकोट
पठानकोट नियमित रुप से चलने वाली ट्रेनों और बसों द्वारा देश के कई शहरों से जुड़ा है। यहां दो रेलवे स्टेशन हैं एक है पठानकोट और दूसरा है चक्की बैंक, दूसरा रेलवे स्टेशन शहर से केवल 4 कि.मी दूर है। बस स्टैंड़ रेलव स्टेशन के निकट स्थित है और यह पठानकोट को शिमला, नई दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों से नियमित बसों की सेवा द्वारा जोड़ता है। पर्यटक अपनी रुचि अनुसार राज्य परिवहन या निजी बसों द्वारा पठानकोट पहुंच सकते हैं।
पठानकोट की सैर के लिए सबसे अच्छा समय
भारत के उत्तरी भाग में स्थित होने के कारण, पठानकोट गर्म ग्रीष्मकाल, नम मानसून और सर्द सर्दियों को अनुभव करता है। मधुर वातावरण के कारण अक्टूबर और नवंबर के महीने पठानकोट की सैर के लिए बहुत अच्छे हैं।