नारायण आश्रम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 2734 मीटर की ऊंचाई पर है। यह पिथौरागढ़ से 44 किलोमीटर दूर है वर्ष 1936 में श्री नारायण स्वामी द्वारा इसे बनवाया गया था। आश्रम अपने सदस्यों के लिए विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन करता है।...
मुन्स्यारी, पिथौरागढ़ से 127 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटा सा शहर है। यह स्थान हिमालय पर्वतमाला में स्थित जौहर क्षेत्र का गेटवे है। मिलम नामिक और रालम हिमनद इस शहर के निकट स्थित हैं। शहर के दोनों ओर महेश्वर कुंड और थमरी कुंड की झीलें हैं। इसके अलावा, गोरी गंगा नदी...
पिथौरागढ़ आने वाले पर्यटकों के बीच स्कीइंग लोकप्रिय है।बैतुल धार को पिथौरागढ़ की सबसे लोकप्रिय स्की ढलान माना जाता है। पर्यटक, समुद्र तल से 3090 मीटर की ऊंचाई पर बसे, चिपलकोट, में स्कीइंग करने का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा सुंदर अल्पाइन घास का मैदान, खालिया टॉप...
अर्जुनेश्वर मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो समुद्र तल से 6000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पिथौरागढ़ से लगभग 10 किमी दूर है तथा पैदल चलकर यहा पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर हिंदूओं के देवता भगवान शिव को समर्पित है। लोक कहावतों के अनुसार, यह मंदिर हिन्दू महाकाव्य...
पिथौरागढ़ जिले में स्थित डीडीहाट एक शांत पर्यटन स्थल है। यह एक नगर पंचायत है तथा पिथौरागढ़ शहर से इसकी दूरी 54 किमी है। यह समुद्र तल से 1725 मीटर की ऊंचाई पर ‘डिग्टड़’ नामक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस जगह का नाम कुमाऊंनी शब्द ‘डंड' से लिया गया...
पिथौरागढ़ टाउन के पास ही स्थित मस्तमनु मंदिर एक विख्यात धार्मिक स्थल है।मंदिर पहुंचने के लिए शहर से 6 किमी बस द्वारा और शेष 2 किमी पैदल चलना पड़ता है। यह मंदिर मोस्त भगवान को समर्पित है। यहाँ हर साल अगस्त या सितम्बर में एक मेला आयोजित किया जाता है।
थाल से 9 किमी की दूरी पर स्थित कोट गरी देवी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।इस मंदिर की मान्यता 'अंतिम दिव्य अदालत' के रूप में है, जहां वंचित भक्त भगवान से अपनी इच्छाओं को पूरा करने की अपील करने के लिए आते हैं।
कपिलेश्वर महादेव मंदिर टकौरा एवं टकारी गांवों के ऊपर सोर घाटी में स्थित एक विख्यात मंदिर है। 10 मीटर गहरी गुफा में स्थित यह मंदिर हिंदूओं के भगवान शिव को समर्पित है। एक पौराणिक कहावत के अनुसार, प्रसिद्ध ऋषि कपिल ने यहां पर तप किया था। यह मंदिर शहर से केवल 3 किमी...
चंडाक पिथौरागढ़ शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। यह खूबसूरत पहाड़ी सोर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है।यहां पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। यहां पर्यटक हैंग ग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, यहां मनु नामक मंदिर और एक मैग्नेसाइट खनन का...
थल केदार एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।पिथौरागढ़ से इसकी दूरी 8 किमी है। समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पहुंचने का मार्ग संकरा है। लोकप्रिय हिंदू त्योहार, शिवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्त इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। यात्री...
ध्वज मंदिर पिथौरागढ़ के पास स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर समुद्री तल 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला की बर्फ से ढंकी चोटियों का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। यह हिंदू भगवान शिव और देवी जयंती को समर्पित है।
पिथौरागढ़ शहर के निकट स्थित पिथौरागढ़ किला एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यहां से पर्यटक काली कुमाऊं के खूबसूरत दृश्यों को देखने का आनन्द ले सकते हैं। अभिलेखों के मुताबिक, वर्ष 1789 में शहर पर आक्रमण के पश्चात गोरखों द्वारा इस किले का निर्माण किया गया था।
नकुलेश्वर मंदिर एक विख्यात धार्मिक स्थल है जो पिथौरागढ़ शहर से 4 किमी दूर तथा शिलिंग गांव से 2 किमी दूर स्थित है। 'नकुलेश्वर' शब्द ‘नकुल ‘ और 'ईश्वर' दो शब्दों का मेल है। महिषासुर मर्दिनी की नकुल प्रतिमा शक्तिशाली हिमालय का संकेत है, तथा ईश्वर शब्द...
पिथौरागढ़ नगर से 68 किमी की दूरी पर स्थित जौलजीबी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह स्थान गोरी और काली नामक दो नदियों का संगम स्थल भी होने के कारण प्रसिद्ध है।इसके अलावा,यहाँ प्रतिवर्ष एक प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है, जो पूरे भारत से एवं नेपाल के लोगों को भी...
पिथौरागढ़ से 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झूलाघाट एक गांव है यह गांव भारत - नेपाल सीमा पर स्थित है। भारत-नेपाल सीमा पर काली नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। काली नदी पर बना एक छोटा सस्पेन्शन पुल भारत और नेपाल को जोड़ता है।
काली नदी के बगल में स्थित...