पोचमपैल्ली, आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में स्थित एक लोकप्रिय शहर है जिसे भारत की सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां देश की सबसे उच्च गुणवत्ता वाली रेशम की साडि़यों का निर्माण किया जाता है। पोचमपैल्ली, सिर्फ साडि़यों के कारण विख्यात नहीं है बल्कि इस स्थान की संस्कृति, पंरपरा, विरासत, इतिहास और सुंदरता आदि भी यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेते है।
यह सुंदर शहर, पहाडि़यों, खजूर के पेड़ों, झीलों, तालाबों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस शहर में हमेशा हलचल रहती है, लोग अपने कामों में हमेशा व्यस्त रहते है और मेहनती होते है। इतने काम के बावजूद भी यहां के लोग बाहरी पर्यटकों का दिल से स्वागत करने में नहीं चूकते है।
वास्तव में, कई विदेशी पर्यटक यहां आकर सिल्क की साड़ी बनाने की प्रक्रिया सीखते है और इसके लिए वह खुश होकर पैसे भी देते है। इस शहर का इतिहास बेहद दिलचस्प है। पोचमपैल्ली में हुई एक घटना के बाद से, यह स्थान भारत की स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण आंदोलन की रीढ़ की हड्डी बन गया।
विनोबा भावे ने इस शहर का दौरा 1951 में किया था और पोचमपैल्ली के लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया था। लोगों के स्वंय उनके लिए और उनके परिवारों के लिए 80 एकड़ जमीन दी गई थी। पोचमपैल्ली के जमींदार, वेद्रे रामचंद्र रेड्डी थे जिन्होने इस शहर को 250 एकड़ जमीन देने की पेशकश की थी। इसी घटना के बाद से, भूदान आंदोलन या भूमि दान आंदोलन ने जन्म लिया था। तब से इस शहर को भूदान पोचमपैल्ली के रूप में जाना जाता है।
पोचमपैल्ली और उसके आसपास स्थित अन्य पर्यटन स्थल
पोचमपैल्ली के कुछ आकर्षक स्थलों में विनोबा भावे मंदिर है और यहां 101 दरवाजा हाउस भी स्थित है। इस शहर के दिलचस्प इतिहास, अनूठी संस्कृति और खरीददारी की ढेंरों संभावनाओं के कारण, यहां दूर - दूर से पर्यटक सैर करने आते है।
पोचमपैल्ली कैसे पहुंचे
पोचमपैल्ली तक हैदराबाद के रास्ते आसानी से सड़क मार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। यहां कोई रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट नहीं है।
पोचमपैल्ली का मौसम
पोचमपैल्ली की जलवायु, उष्णकटिबंधीय है जिसके कारण, यहां गर्मियों का मौसम बेहद गर्म और शुष्क होता है लेकिन सर्दियां, शांत और सुखदायी होती है।