राजस्थान के जैसलमेर जिले में थार रेगिस्तान में स्थित पोखरण एक प्राचीन विरासत का शहर है। इसके चारों ओर पांच बड़ी लवणीय चट्टानें हैं। पोखरण का शाब्दिक अर्थ है 'पाँच मृगमरिचिकाओं का स्थान’। यह स्थल पहली बार सुर्खियों में तब आया, जब भारत ने यहां श्रृंखलाबद्ध परमाणु परीक्षण किये। 18 मई, 1974 को, पोखरण में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया जिसका कूट था 'ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा’।
क्या बनता है शहर को अद्वितीय
यह स्थान अपनी हवेलियों, स्मारकों और मंदिरों के लिए विख्यात है। यहाँ के लोकप्रिय धार्मिक केन्द्रों में से एक बाबा रामदेव मंदिर है जो पोखरण से 12 किमी की दूरी पर रामदेवरा गांव में स्थित है। मंदिर में रामदेव जी की समाधि है। वह राजस्थान के हिंदूओं के आराध्य हैं। लोकप्रिय रामदेवर मेले के दौरान इस स्थान पर हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
पोखरण में आकर्षण के अन्य स्थान
इस गंतव्य का एक अन्य लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण पोखरण का किला है जिसे 'बालागढ़' के नाम से भी जाना जाता है। चम्पावत के शासकों का यह किला 14 वीं सदी का है। किले की सुंदर वास्तुकला और सुनहरा अतीत दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करता है।किले में एक संग्रहालय भी है जहां यात्री राजपूत काल के पोशाक, हथियार, और मिट्टी के बर्तनों को देख सकते हैं।
शहर कई सुंदर और शाही हवेलियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां लोकप्रिय हवेलियों जैसे सालिम सिंह की हवेली, पटवोंजी की हवेली और नथमलजी की हवेली हैं जो पर्यटकों के भ्रमण का मुख्य केन्द्र हैं।
शहर से अन्य स्थानों के लिए कनेक्टिविटी
पर्यटक वायु, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पोखरण पहुँच सकते हैं। पोखरण के लिए निकटस्थ हवाई अड्डा ,जोधपुर हवाई अड्डा तथा निकटस्थ रेलखंड जोधपुर रेलवे स्टेशन हैं। यात्री आस-पास के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर से पोखरण बस से पहुंच सकते हैं।
इस क्षेत्र की जलवायु
हालांकि यहां सालभर एक चरम जलवायु रहती है। पर्यटक अक्टूबर और मार्च के महीने के बीच पोखरण की यात्रा की योजना बना सकते हैं क्योंकि इस अवधि के दौरान मौसम सुखद और अनुकूल रहता है।