आधिकारिक तौर पर 2006 के बाद से पुडुचेरी नाम से जाना जाने वाला पांडिचेरी, इसी नाम से प्रसिद्ध संघ क्षेत्र की राजधानी है। यह शहर और क्षेत्र, दोनों ही फ्रेंच उपनिवेशवाद से प्राप्त विरासत में समृद्ध है जिसका इस क्षेत्र की अद्वितीय संस्कृति और विरासत में महत्वपूर्ण योगदान है। पांडिचेरी का संघ क्षेत्र तीन भारतीय राज्यों में फैले चार तटीय क्षेत्रों से बना हैः यानम(आंध्र प्रदेश में), पांडिचेरी शहर, कराईकल(दोनों तमिलनाडु के पूर्वी समुद्रतट पर स्थित) और माहे(केरल के पश्चिमी तट के पास स्थित है)।
बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित, पांडिचेरी शहर, चेन्नई से162कि.मी. दूर है। यह क्षेत्र फ्रांसीसी शासन के अधीन था और 1670 से 1954 तक एक प्रमुख फ्रांसीसी उपनिवेश था। फ्रांसीसियों ने पांडिचेरी में लगभग तीन शताब्दियों तक निर्बाध शासन किया और शहर में सबसे अच्छी संस्कृति और वास्तुकला के रूप में एक महान विरासत छोड़ गए।
पर्यटन स्थल के विकल्पों की जानकारी - पांडिचेरी में और इसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
यात्रा के विविध अनुभव लेने की इच्छा रखने वाले यात्री के लिए पांडिचेरी एक उत्कृष्ट स्थान है। इस शहर में चार बेहतरीन तट हैं- प्रोमनेड तट, पैराडाइस तट, सेरेनिटी तट तथा आरोविले तट जो यहाँ आने वाले यात्रियों को छुट्टियों का एक नया अनुभव प्रदान करते हैं। इस जगह का एक अन्य प्रमुख आकर्षण, श्री अरबिंदो आश्रम, भारत का प्रसिद्ध आश्रम और योग केंद्र है।
प्रातःकाल के शहर के नाम से भी प्रसिद्ध आॅरोविले शहर अपनी अद्वितीय संस्कृति, विरासत रूपी स्मारक और वास्तुकला से पर्यटकों को आकर्षित करता है। पांडिचेरी में अनेक स्मारक तथा मूर्तियाँ हैं जैसे-गाँधी जी की मूर्ति, मातृमंदिर, फ्रांसीसी युद्ध स्मारक, जोसफ फ्रेंकोअस डुपलीक्स की मूर्ति तथा गूबर्ट मार्ग पर स्थित संगमरमर से बनी आर्क के जोन की मूर्ति। इस शहर के अन्य आकर्षण हैं- पांडिचेरी संग्रहालय, जवाहर खिलौना संग्रहालय, बॉटनिकल गार्डन, ऑसटेरी वैटलैंड, भारथिदसन संग्रहालय तथा राष्ट्रीय पार्क, अरिकामेडु, डुपलीक्स की मूर्ति तथा राज निवास। इस शहर में धार्मिक स्थानों का एक रोचक मिश्रण है जिसमें चर्च और हिंदू मंदिर सम्मिलित हैं। पांडिचेरी के सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वालेधार्मिक स्थान हैं- एगलाइस दि नोत्रे देस एंजल्स(जो चर्च ऑफ आवर लेडी ऑफ एंजल्स के नाम से भी प्रसिद्ध है), दि चर्च ऑफ सैक्रेड हार्ट ऑफ जीसस, दि कैथेड्रल ऑफ आवर लेडी ऑफ इम्मेक्यूलेट कॉनसेप्शन, श्री मनाकुला विनयागर मंदिर, वरदराजा पेरुमल मंदिर तथा कन्निगा परमेश्वरी मंदिर।
अद्वितीय वास्तुकला का शहर
समुद्र और अनूठी वास्तुकला से समृद्ध पांडिचेरी यहाँ आने वाले यात्रियों को एक सुखद अहसास कराता है। इस पूरे शहर को एक ग्रिड पैटर्न पर बनाया गया है और यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण फ्रांसीसी प्रभाव के कारण जाना जाता है। शहर की अनेक सड़कों के फ्रेंच नाम हैं तथा महलनुमा घर और औपनिवेशिक वास्तुकला से बने विला यात्रियों के लिए एक शानदार नज़ारा प्रस्तुत करते हैं।
इस शहर को दो भागों में बाँटा गया है; फ्रेंच भाग(यह व्हाइट टाउन या विले ब्लान्चे के नाम से भी जाना जाता है) और भारतीय भाग(यह काले टाउन या विले नोइरे के नाम से भी जाना जाता है)। पारंपरिक औपनिवेशिक वास्तुकला में बने भवन पहले भाग की विशेषता हैं और दूसरे भाग की विशेषता है प्राचीन तमिल शै
अद्भुत व्यंजन
पांडिचेरी, अपने फ्रेंच और तमिल प्रभावों से भरपूर संस्कृति के साथ भोजन प्रेमियों के लिए पाककला के आश्चर्यजनक मोज़ेक प्रस्तुत करता है। पारंपरिक तमिल और केरल व्यंजनों के साथ-साथ यात्री इस शहर में वास्तविक बैग्युएट, ब्राओच और पेस्ट्री का मज़ा भी ले सकते हैं। ली क्लब, ब्लू ड्रैगन,स्ततसंग, मिलन स्थल, गल्स सागर, ली कैफे, ला कोरोमेंडेल और ला टैरेसे आदि कुछ स्थानों पर स्वादिष्ट खाने का अनुभव लेने कर सुझाव दिया जाता है।
खरीदारी का मज़ा लेने वालों के लिए शहर की सड़कें और बुटीक स्वर्ग के समान हैं। हस्तशिल्प, कपड़े, पत्थर, लकड़ी की मूर्तियाँ, मैट, मिट्टी के बर्तन, इत्र, अगरबत्तियाँ, शीशे का काम, दीपक और मामबत्तियाँ आदि शहर की गलियों में टहलने वालों के लिए खरीदारी का अनोखा अनुभव प्रदान करते हैं। दिसंबर के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, अगस्त महीने के दौरान फ्रेंच खाद्य महोत्सव और जनवरी का शॉपिंग फेस्टिवल, क्षेत्र के प्रमुख त्योहारों में से हैं।
कैसे पहुँचे पांडिचेरी
पांडिचेरी शहर रेलगाड़ी और सड़क से भली प्रकार जुड़ा है। इस जगह का मौसम सुहावना रहता है और पूरा साल दुनियाभर से यात्री यहाँ आते रहते हैं।
पांडिचेरी आने का सबसे अच्छा समय
अद्वितीय सांस्कृतिक विशेषताओं, भोजन की उत्कृश्ट वैरायटी और खूबसूरत नज़ारों के अनेक विकल्पों के साथ पांडिचेरी यात्रियों को एक सुखद यात्रा का अनुभव प्रदान करता है।