यह एक गांव है जो पुंछ जिले की रट्टन चोटी पर 8600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस गांव में चारो तरफ हरियाली और घने जंगल है। यहां परनई और थाटा पानी नाम की दो जलधाराएं बहती है।
पुंछ से 25 किमी. दूर स्वामी बुद्ध अमरनाथ जी मंदिर बना हुआ है। गागरी और पुल्सटा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर हिंदू धर्म का धार्मिक स्थल है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में प्रति वर्ष रक्षाबंधन के दिन मेला लगता है। इस मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया...
इतिहास के अनुसार, 1760 ई. में एक प्रसिद्ध धार्मिक गुरु, स्वामी जवाहर गिरि जी यहां आएं। उस दौरान रूस्तम खान का शासन था। रूस्तम खान ने स्वामी जी के सम्मान में इस मंदिर का निर्माण करवाया, बाद में स्वामी जी ने अपने जीवन के आखिरी पल इसी...
नूरी चाम्व एक झरना है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध मुगल सम्राट जहांगीर अपनी बेगम नूरजहां के साथ यहां आकर वक्त बिताना पसंद करते थे और रानी यहां आराम फरमाना पसंद करती थी। रानी ने इस जगह एक आईना भी लगवाया थ जिसमें...
यह मुस्लिम धर्म का धार्मिक स्थल है जो गुनट्रेन गांव में सीमा रेखा के पास स्थित है। यहां कई धर्मो के लोग प्रार्थना करने और मन्नत मांगने आते हैं। इस स्थल तक जाने के लिए बस और टैक्सी चलती है।
पुंछ से 7 किमी. की दूरी पर स्थित ननगाली साहिब गुरूद्वारा जिले का सबसे प्राचीन धार्मिक स्थल है। इसका निर्माण 1803 में संत भाई फेरू सिंह के चौथे वशंज ठाकुर भाई मेला सिंह ने करवाया था। सिंह राजवंश के पहले राजा रणजीत सिंह, सन् 1814 में यहां आएं थे जिसके...
यह श्राइन एक विख्यात सूफी संत की याद में बनवाया गया था जिन्हे लोग संत ईल्लाही बख्स साहिब के नाम से पुकारते थे। यह श्राइन पुंछ से 37 किमी. की दूरी पर बट्टलकोटे में स्थित है। यह जगह एक सुंदर सा गांव है जो पीर पंचल माउंटेन रेंज और दो झरनों नैन सुख...
लोरन एक छोटा सा पुरवा यानि गांव है जो अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव के एक तरफ पीर पजांल पर्वत और एक तरफ लोरन धारा बहती है। यहां लोरन कोटे नाम का पुराना किला भी है जो आज के समय में बदहाल स्थिति में है।
किसी जमाने में यह किला गेटवे ऑफ कश्मीर...
यह एक छोटा सा गांव है जो पुंछ से 27 किमी. की दूरी पर स्थित है। सुरान नदी के किनारे बसे इस गांव को सुरान घाटी के नाम से भी जाना जाता है। इस घाटी को स्थानीय लोग पुंछ का पहलगाम कहते है। यहां एक किला भी है जिसे कोटे किला कहा जाता है जिसका निर्माएा 1036 ई. में...
लोरन गांव से 12 किमी. की दूरी पर नंदी शूल झरना है जहां जाकर पर्यटक अपनी सारी थकान भूला देते है। ग्रामीण विकास विभाग ने इसी झरने के पास एक पर्यटक झोपड़ी का निर्माण किया है जिसमें पर्यटकों के ठहरने का उचित प्रबंध है। यह झरना 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है।
पुंछ किले का निर्माण 1713 ई. में राजा रूस्तम खान ने करवाया था। किले का निर्माण मुगलों की स्थापत्य शैली से प्रभावित दिखता है। कहा जाता है कि इस किले के निर्माण में कई साल लग गए थे। सिखों के यहां आने पर किले में कई परिवर्तन किए थे जो सिख स्टाइल...
पुंछ में मंडी एक छोटा सा गांव है जो बेहद सुंदर है। यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा इस गांव में बेहद साफ-सफाई रखी गई है। गांव के नियम और कायदे, यहां के वातावरण को खुशहाल रखते है। इस गांव में प्राकृतिक सुंदरता की कोई कमी नहीं है। यहां धार्मिक स्थल...
गिरगान ढ़ोक को सात झीलों की घाटी के रूप में जाना जाता है जो पुंछ से 70 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां की सबसे बड़ी झील नंदनसार है, जो एक मील की लम्बाई वाली है और आधे मील की चौड़ाई वाली है। यहां की सात झीलों के नाम गुमसागर, काल्दाचिनिसार, नंदनसार,...
यह एक खुबसूरत जगह है जो पुंछ से 45 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह पर्यटकों की पुंछ में पहली पसंद है जो 6300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का मौसम सुहाना रहता है। जंगलो के कारण हरियाली ही हरियाली रहती है। पर्यटकों को इन जगहों पर जाने के लिए भरपूर समय होने की...
पुंछ से 4 किमी. की दूरी पर स्थित मधांर गांव में रामकुंड़ मंदिर बना हुआ है। भगवान राम को समर्पित इस मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, और माता सीता की मूर्ति लगी हुई है। चैत्र के महीने में श्रद्धालु यहां के कुंड में स्नान करना पवित्र मानते है।