यह आकृषक वन्यजीव अभ्ययारण्य दो जिलों पोरबंदर और जामनगर के अंतर्गत आता है। हालांकि, अभयारण्य पोरबंदर से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए यह जामनगर के मुकाबले पोरबन्दर के ज्यादा नजदीक पड़ता है। यह इलाका जोकि एक आरक्षित वन क्षेत्र है और इसे वर्ष 1979 में एक...
पोरबंदर पक्षी अभ्यारण्य, अन्य सामान्य पक्षी अभ्यारण्यों के विपरीत, पक्षियों एवं प्रकृति के सुंदर सह-अस्तित्व की एक मिसाल है। वर्ष 1988 में अभयारण्य के रूप में घोषित, यह सुंदर हरे पेड़ और पौधों से घिरी एक जलीय आकृति है।
हवासील से लेकर कूट्स तक, सपून बिल्स...
कीर्ति मंदिर वह पवित्र स्थान है, जहां महात्मा गांधी का जन्म हुआ। मोहनदास करमचंद गांधी ने 2 अक्टूबर, 1869 को, पोरबंदर में तीन मंजिला नीली हवेली में जन्म लिया था। तथा अब यह स्थान कीर्ति मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
इस जगह को अब महात्मा के जीवन पर आधारित एक...
चौपाटी नाम से प्रसिद्ध पोरबंदर बीच इस शहर में एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। 2003 में पुनःनिर्मित इस स्थान पर आगंतुकों के बैठने व आराम करने की अच्छी व्यवस्था है। बच्चों के लिए एक स्केटिंग रिंक भी है। चौपाटी परिसर में हर वर्ष जन्माष्टमी का मेला भी लगता है।
पोरबंदर में हुजूर पैलेस राणा नटवसिंहजी, पोरबंदर रियासत के अंतिम शासक, ने बनवाया था। 20 वीं सदी के दौरान निर्मित, यह शहर में मरीन ड्राइव समुद्री तट के करीब स्थित है।