तमिलनाडू राज्य में कोरोमंडल समुद्रतट पर स्थित पुलिकट, एक छोटा परंतु खूबसूरत शहर है। सत्रहवीं शताब्दी में यहाँ प्रमुख रूप से डच लोगों का आधिपत्य था इसलिए ये छोटा सा शहर जीवंत और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करता है।
परंतु इस क्षेत्र का इतिहास केवल डच कॉलोनियों तक सीमित नहीं है। यदि हम पुलिकट के इतिहास को देखें तो यहाँ पुर्तगाली और अंग्रेजों के स्थापत्य के निशान भी देखने को मिलते हैं। इन्होंने भी इस स्थान की संस्कृति और विरासत को बढाने में अपना योगदान दिया है। एक बंदरगाह और व्यावसायिक हब होने के कारण, इस स्थान ने पूर्व शाताब्दियों में, तमिलनाडू में व्यापार और अर्थव्यवस्था को बढाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पुलिकट और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
यात्रियों के बीच पुलिकट दो स्थानों के लिए प्रसिद्ध है: पुलिकट झील और पुलिकट पक्षी अभयारण्य। पुलिकट में स्थित इस झील को भारत की दूसरी बड़ी खारी झील माना जाता है और इसे देखने के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं।
पुलिकट झील के भौगोलिक क्षेत्र में ही पक्षी अभयारण्य भी आता है जो कई प्रवासी पक्षियों का मौसमी आवास है। पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियाँ यहाँ देखने को मिलती हैं इसलिए बर्ड वाचिंग यहाँ पर्यटकों की एक पसंदीदा गतिविधी है। पुलिकट में कई अन्य पर्यटक आकर्षण हैं जिनमें डच चर्च, डच कब्रगाह, लाईट हाउस, चिंतामणीश्वर मंदिर और पेरिया पल्लिवासल सम्मिलित हैं।
इस क्षेत्र की संरचनाओं जैसे कि चर्चों, प्राचीन इमारतों और मकबरों में डच वास्तुकला का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
पुलिकट कैसे पहुंचे
पुलिकट, चेन्नई से 60 किमी दूर है और यहाँ सडक द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
पुलिकट आने का सबसे उत्तम समय
यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय प्रकार की है इसलिए अत्यधिक गर्मी और भारी मानसून के महीनों को छोड़कर आप यहाँ कभी भी आ सकते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, पक्षीजीवन, प्राचीन इमारतें और समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के कारण पुलिकट पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।