जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित पुलवामा जिला बेहद सुंदर है जिसे कश्मीर का धान का कटोरा कहा जाता है। इस जिले में 323 गांव है जो 5 तहसीलों के अर्न्तगत आते है। इन तहसीलों के नाम क्रमश: अवंतीपुरा, शोपियांन, पुलवामा, त्राल और पामपोर हैं। पुलवामा को 1979 में जिला घोषित कर दिया गया था। श्रीनगर से इस जगह की दूरी लगभग 40 किमी. है।
पुलवामा को सबसे पहले पनवानगम के नाम से जाना जाता था, बाद में पुलगाम कहा जाने लगा और वर्तमान में पुलवामा नाम हो गया। पुलवामा पर 1346 ई. से 1586 ई. तक कश्मीरी सुल्तानों ने शासन किया, बाद में 16 वीं शताब्दी में मुगल शासकों ने पुलवामा पर कब्जा कर लिया और 19 वीं शताब्दी के शुरूआती दौर तक अफगानों ने इस क्षेत्र पर अपना अधिपत्य कर लिया था। कई सल्तनत के शासन के कारण पुलवामा में विभिन्न प्रकार की धार्मिक और ऐतिहासिक संरचनाएं देखने को मिलती हैं।
पुलवामा के आस पास के स्थान
हर जगह से पर्यटकों को आकर यहां की प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मुगल रोड़ घूमने जरूर आना चाहिए। इस रोड़ पर अहरबाल झरना, शिकारगाह, अरीपाल नाग, हुरपूरा और तरसार व मरसार झील स्थित हैं। जम्मू कश्मीर राज्य में सबसे ज्यादा पर्यटक इन्ही स्थलों पर भ्रमण करने आते है।
पुलवामा में धार्मिक स्थल
कुंगबट्टन और नागबेरन भी पर्यटकों के घूमने लायक जगह है। पुलवामा में कई धार्मिक स्थल भी है जैसे - पायेर मंदिर, अवंतेश्वर मंदिर, द श्राइन ऑफ शाह हमदेन, द श्राइन ऑफ सैयद हसन मांताक्यू आदि। जामा मस्जिद सोपियान और असर शरीफ भी इस जिले में भ्रमण करने लायक स्थल हैं।
कैसे पहुंचे पुलवामा
पुलवामा तक किसी भी साधन से आसानी तक पहुंचा जा सकता है। हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक श्रीनगर के शेख-उल- आलम हवाई अड्डे तक आ सकते हैं। इस एयरपोर्ट को श्रीनगर हवाई अड्डा भी कहा जाता है। और वहां से बस से पुलवामा आना होगा। इस एयरपोर्ट से देश के कई हिस्सों और शहरों जैसे - जम्मू, मुम्बई, नई दिल्ली और बंगलौर आदि के लिए उड़ानें भरी जाती हैं। पुलवामा में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है इसलिए यात्रियों को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर उतरकर सड़क मार्ग से अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचना होगा। यह रेलवे स्टेशन देश के कई स्थलों और शहरों से जुड़ा हुआ है।
पुलवामा का मौसम
पुलवामा पर्यटकों के बीच यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आर्दश वातावरण के कारण प्रसिद्ध है, यहां गर्मियों में मौसम में भ्रमण करने का प्लान बनाएं। अप्रैल से अक्टूबर तक यहां घूमने का आर्दश समय है। सर्दियों में यहां का तापमान माइनस में होता है।