कैमल सफारी, पर्यटकों को यहां आकर रेत पर ऊंट की सवारी के साथ खुले मैदान में रेत के टीलों पर डेरा डालने की सुविधा भी प्रदान करता है। यह सफारी, रेगिस्तान की भव्य सुंदरता को पता लगाने का उत्कृष्ट तरीका है। यात्री यहां आकर राम के विश्राम के लिए...
रत्नागिरी पहाडि़यों के शीर्ष पर, सावित्री मंदिर को 1687 में बनाया गया था और यह मंदिर भगवान ब्रहमा की त्यागी गई पत्नी सावित्री को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि पुष्कर में पहुंचने पर देवी ने इसी पहाड़ी पर विश्राम किया था। माना जाता है कि...
अप्टेश्वर मंदिर, पुष्कर के सबसे पवित्र और लोकप्रिय तीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 10 वीं सदी के दौरान बनाया गया था और हिंदूओं के ईश्वर, भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के मुख्य हॉल में एक भव्य शिवलिंग है। यह उन मंदिरों में से एक...
पुष्कर, विश्व प्रसिद्ध पशु मेले के लिए विख्यात है। प्रत्येक साल, नवंबर महीने में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान इस पशु मेले का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव के दौरान, लाखों श्रद्धालु पुष्कर में पधारते हैं और पवित्र पुष्कर झील में पावन...
वराह मंदिर, मूल रूप से 12 वीं सदी में बनाया गया था, लेकिन हठधर्मी मुगल सम्राट औंरगजेब द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया। फिर पुन: इस मंदिर को सन् 1727 में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर की संरचना बेहद खूबसूरत है जिसे भारी और...
रामबैकुंठ मंदिर, पुष्कर के सबसे आकर्षक मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1920 में किया गया था। इस मंदिर में 361 विभिन्न देवताओं की प्रतिमाएं लगी हुई हैं। कहा जाता है कि दक्षिण भारत से आएं राजमिस्त्री ने इस मंदिर का निर्माण किया था। यह...
मन महल, मूल रूप से आमेर के राजा मान सिंह प्रथम के द्वारा बनवाया गया था। यह महल, पवित्र पुष्कर झील के पूर्वी भाग पर स्थित है। पर्यटक यहां से महल के चारों तरफ स्थित मंदिरों और झील के किनारों का पूरा शानदार दृश्य देख सकते हैं। महल के पैतृक गेस्ट हाउस...
पुष्कर झील, एक अर्द्ध गोलाकार पवित्र जल से भरी झील है जिसे तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवाना ब्रहमा ने दानव वज्र नाभ का कमल के फूल से वध किया तो उस फूल की एक पंखुडी टूटकर यहां गिर गई और झील की उत्पत्ति हुई। इस...
ब्रहमा मंदिर, पुष्कर झील के किनारे पर स्थित है। यह भारत के कुछ मंदिरों में से एक है जो हिंदूओं के भगवान ब्रहमा को समर्पित है। हिंदु लोक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रहमा ने पुष्कर में यजन्या ( आग की पूजा ) की पूजा करने कर प्रतिज्ञा की थी। यद्पि उनकी...
रंगजी मंदिर, पुष्कर में स्थित एक पवित्र मंदिर है जिसे सन् 1823 में सेठ पूरन मल गनेरीवाल ने बनवाया था। यह मंदिर, भगवान विष्णु के अवतार, रंगजी को समर्पित है। इस मंदिर को द्रविण स्थापत्य शैली में बनाया गया है, लेकिन कहीं - कहीं राजपूत और मुगल...
पुष्कर बाजार, राजस्थान की सांस्कृतिक प्रदर्शनी का एक विशेष प्रतीक है, खासकर पुष्कर मेले के दौरान। पुष्कर बाजार में कई वस्तुओं की किस्में, राजस्थानी वेशभूषा और कठपुतलियां, कढाई वाले आइटम, चूडि़यां और बीट्स, पीतल के...