यह राजकोट के केंद्र में स्थित है। राजकुमार कॉलेज, इस शहर का सबसे पुराना कॉलेज और शिक्षा केंद्र है। इसकी स्थापना, कठियावाड शाही परिवार के युवाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी ताकि वह सफल शासक और अच्छे इंसान बन सकें। यह कॉलेज...
बंजाना, सौराष्ट्र में स्थित भारतीय रियासतों में से एक है - एक ऐसा राज्य जो आजादी से पूर्व ब्रिटिश शासन का हिस्सा नहीं था। बंजाना, एक प्रसिद्ध पर्यटन हब है जो राजकोट में स्थित है और इसे यहां स्थित शाही सफारी कैम्प के कारण जाना जाता है जिसमें आप...
जेतपुर, राजकोट में कपड़ो की रंगाई के लिए विख्यात है जो जूनागढ़ के पास में ही स्थित है, यहां महिलाएं काफी रूचि से कपड़ों की खरीददारी करती है। इसे मिनी दुबई के नाम से जाना जाता है। यहां घरेलू उद्योग के तौर, ऊन को रंगा जाता है, स्क्रीन और ब्लॉक...
यहां आने वाली हर महिला पर्यटक को इस बाजार में जरूर आना चाहिए, उन्हे यह जगह बेहद पसंद आएगी। यह बाजार, राजकोट के पुराने हिस्से में स्थित है, यहां कई प्रकार के घरेलू और उपयोगी सामान, अच्छी गुणवत्ता वाले और कम दामों में मिलते है।
यहां चांदी...
करमचंद्र गांधी, महात्मा गांधी के पिता थे, जिन्हे काबा गांधी के नाम से जाना जाता है जो राजकोट में पुराने घर में रहते थे, जो घी कांता रोड पर स्थित था। और महात्मा गांधी ने अपना प्रारम्भिक जीवन यहीं बिताया था। वर्तमान में, इसे एक संग्रहालय में बदल दिया...
वीरपुर, राजकोट से 53 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध स्थान है जहां बाबा जलाराम का जन्म हुआ था। बाबा जलाराम को भगवान राम के कट्टर अनुयायी बहुत मानते है। यह बाबा जलाराम का घर था, जिसे बाद में एक मंदिर में बदल दिया गया, इस मंदिर में बाबा जलाराम की...
राजकोट में राष्ट्रीयशाला, पर्यटकों के लिए दिलचस्प पर्यटन स्थल है। इसे महात्मा गांधी के द्वारा 1921 में शुरू किया गया था, इस स्कूल की स्थापना, केवल राष्ट्रीय अवधारणाओं पर आधारित विषयों पर की गई थी ताकि लोगों को शिक्षित किया जा...
हमारे देश में स्थित कई अन्य गुफाओं की तरह, इस गुफा की वास्तुकला भी आश्चर्यचकित कर देने वाली है। यह गुफा, राजकोट के गोंडल में स्थित है। वर्तमान में यहां तीन गुफाएं स्थित है, बीच वाली गुफा को चैत्या कहा जाता है जो एक स्तुप का घर है। यह चूना...
हिंगोलगढ़, वन्यजीव के प्रति उत्साही है। यह स्थान, एक आकर्षक शिक्षा संस्थान के लिए जाना जाता है। इस अभयारण्य में वनस्पतियों और जीवों की विविध प्रजातियां पाई जाती है। इसे 1984 में एक पारिस्थितिकी केंद्र के रूप में घोषित किया गया था...
श्री रामकृष्ण आसाराम या डा. याज्ञनिक रोड़ पर स्थित यह मठ, राजकोठ में पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख स्थल है। इस मठ का वातावरण बेहद रमणीय है। राजकोट की सैर के दौरान यहां आना जरूरी लगता है। इस मठ में एक सार्वजनिक पुस्तकालय, एक आर्युवेदिक सेंटर और...
टंकारा स्थान कई कारणों से जाना जाता है। इसी जगह पर आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था। यह जगह, चांदी के नकली गहने बनाने के लिए अधिक प्रसिद्ध है। यह छोटा सा शहर, राजकोट से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है।
वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी रखने वाले लोग रामपारा वन्यजीव संरक्षण में अवश्य आएं। यहां उनके देखने और मनोरंजन के लिए काफी कुछ है। यह पूरी जगह हरियाली से भरा है जहां कई प्रकार के जीव रहते है, रंग - बिरंगी चिडियां आदि भी इस सेंचुरी में रहती है...
सौराष्ट्र के क्षेत्र में यह सबसे पुराना संग्रहालय है, गुजरात में यह ऐसा स्थान है जहां भ्रमण करना आवश्यक है। यहां का हरा - भरा वातावरण और दिलचस्प कलाकृतियां व पेटिंग्स, इस जगह को पर्यटकों के बीच और अधिक आकर्षित बनाती है। यह संग्रहालय, जुबली...
जिन लोगों को पढ़ने में और साहित्य में रूचि हो, उन्हे इस जगह का रूख जरूर करना चाहिए। राजकोट की लैंग लाइब्रेरी में किताबों का बड़ा संग्रहालय है। यह पुस्तकालय, जुबली गार्डन में स्थित है जहां कई प्रकार की प्राचीन पुस्तकें रखी हुई है। इस संग्रहालय...