रामेश्वरम की यात्रा का सबसे अचछा समय सर्दियों के दौरान होता है। इस अवधि में रामेश्वरम की सैर सुखदायी होती है। सभी कुंडों में आसानी से स्नान किया जा सकता है और शाम को सैर के लिए भी जाया जा सकता है। एक स्थान से दूसरे स्थान के मंदिर तक जाने के दौरान पैरों और शरीर की त्वचा झुलस सकती है।
रामेश्वरम में गर्मियों की शुरूआत मार्च के अंत से होती है और यहां मई के अंत तक गर्मी पड़ती है। गर्मी के दिनों में रामेश्वरम का मौसम काफी गर्म और आर्द्र होता है। हालांकि, दोपहर के दौरान आप सैर के लिए जा सकते है। सूरज की धूप काफी कड़क होती है।
रामेश्वरम में जून, जुलाई और अगस्त के महीने में भारी वर्षा होती है। सितम्बर मध्य में सबसे ज्यादा बारिश होती है। लगातार होने वाली बारिश के कारण यहां काफी कीचड़ हो जाता है। मानसून के दिनों में रामेश्वरम का तापमान गिर जाता है लेकिन पर्यटकों को इस मौसम में न आने की सलाह दी जाती है।
रामेश्वरम में सर्दियां मध्य नबंवर से पड़ना शुरू हो जाती है और फरवरी तक सर्दी पड़ती है। रामेश्वरम में उत्तर भारत की तरह की कड़क सर्दियां नहीं पड़ती है। यहां रात, दिन की अपेक्षा अधिक ठंडी होती है। पर्यटकों को साथ में शॉल व स्वेटर लाने की आवश्यकता है।