रोइंग, हरी - भरी घाटियों और करामती पहाडि़यों वाला पर्यटन स्थल है जो अरूणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग वैली जिले का मुख्यालय है। यह अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग का एक हिस्सा है। रोइंग का उत्तरी हिस्सा दिबांग घाटी की पहाडि़यों और नदियों से घिरा हुआ है, पूर्वी हिस्से में लोहित जिला स्थित है और पश्चिमी भाग में मैकमोहन रेखा व अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले बसे हूए है, वहीं दक्षिणी छोर पर असम का तिनसुकिया जिला स्थित है।
बर्फ से ढकी चोटियां, अशांत नदियां, रहस्यवादी पहाडियां और यहां पाएं जाने वाले जीव - जन्तु और सुंदर वनस्पतियां, रोइंग के कुछ प्रमुख आकर्षण है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध रोइंग में रंगीन और आकर्षक जनजातियां व प्राचीन पुरातात्विक स्थल है जो प्रकृति प्रेमियों, साहसिक पर्यटकों, पुरातत्वविदों और मानव विज्ञानी के बीच इस जगह को बेहद खास बना देते है।
रोइंग और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित पर्यटन स्थल
रोइंग काफी क्षेत्र में फैला हुआ है जहां पर्यटक अक्सर सैर के लिए आया करते है, रोइंग में झीलें, घाटियां और वन्यजीव अभयारण्य स्थित है। यहां के कुछ प्रमुख आकर्षणों में से सैली और मेहाओ झील, मेहाओ वन्यजीव अभयारण्य हैं। रोइंग,प्राचीन पुरातात्विक स्थलों भीष्माकर और रूक्मणी नाती के लिए भी खासा जाना जाता है।
झीलों का शांत पानी, नदियों की कलकलाहट और ऊंचाई से गिरते झरने की आवाज के बाद उनके पानी का आसमान के रंग से प्रतिबिंम्बित होना और नीले रंग का दिखना, बादलों को भूमि के ऊपर मंडराना आदि पर्यटकों के मन में यादगार अनुभव छोड़ देता है। सच्चे प्रकृति प्रेमी जो वास्तव में प्रकृति का आनंद उठाना चाहते हो, वह रोइंग की वादियों में सैर के लिए जरूर आएं।
रोइंग - भूमि और लोग
रोइंग शहर, मिस्मी पहाड़ी की तलहटी पर स्थित एक शहर है जहां मैत्रीपूर्ण लोग रहते है। रोइंग में प्रमुख रूप से मिस्मी और अदि जनजाति के लोग निवास करते है। मिस्मी लोगों का रेह त्यौहार प्रति वर्ष फरवरी महीने में मनाया जाता है जबकि अदि लोगों का सोलांग त्यौहार हर साल सितम्बर माह में पहली तारीख को धूमधाम और उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। \
इदु मिस्मी, जिले की दो अन्य जनजातियों में से एक है। इदु मिस्मी जनजाति के लोगों को अन्य जनजाति के बीच में भी आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि उनका पहनावा, बालों को संवारने का तरीका, विशिष्ट कलात्मक पैर्टन वाली वेशभूषा बिल्कुल हटकर होती है। अरूणाचल प्रदेश की यह जनजाति आज भी गर्व और सम्मान के साथ अपनी पंरपरा और जीवन के गहरे मूल्यों को बनाएं रखने वाले नियमों को पालन करते है।
रोइंग की सैर का सबसे अच्छा समय
रोइंग की सैर का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है जब सर्दियां हल्की - हल्की पड़नी शुरू होती है यानि अक्टूबर के महीने में। वैसे जनवरी के आखिर में भी सर्दी हल्की पड़ती है तो इस दौरान भी सैर के लिए जाया जा सकता है। इस अवधि में तालाब और नदियां पूरी तरह से भरी हुई होती है जिनमें भारी तादाद में कमल के फूल खिलते है और उस स्थल के दृश्य को मनोरम बना देते है।
रोइंग तक कैसे पहुंचे
रोइंग तक यातायात के विभिन्न साधनों द्वारा आसानी से पहुंच सकते है। शहर में उचित रेलवे स्टेशन नहीं है और न ही हवाई अड्डा है। यहां आने के लिए रोइंग के नजदीकी रेलवे स्टेशन तिनसुकिया तक की ट्रेन पकड़नी होती है जो असम के एक जिले का रेलवे स्टेशन है। असम से रोइंग तक सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंच सकते है। असम से कई सड़कें रोइंग की ओर जाती है। पर्यटक रोइंग आने के लिए अरूणाचल प्रदेश के कई शहरों से बस या टैक्सी को भी हॉयर कर सकते है।