कीरतपुर शहर अपने गौरवशाली इतिहास और गुरुद्वारों के लिए जाना जाता है। गुरुद्वारा पताल पुरी यहां का सबसे प्रसिद्ध स्थान है, जहां सिक्ख दिवंगत की अस्थियों को बहाते हैं। इस जगह की स्थापना 1627 में सिक्ख गुरू, गुरू हरगोबिंद सिंह जी ने किया था।
साथ ही यह गुरू हर...
चमकोर साहिब शहर सिरहिंद केनाल के किनारे पर बसा हुआ है। यहीं पर 10वें सिक्ख गुरू, गुरू गोबिंद सिंह जी और मुगलों के बीच चमकोर की लड़ाई हुई थी। इस शहर में कई गुरुद्वारे हैं, जहां काफी संख्या में श्रद्धालू आते हैं। यह रूपनगर से 17 किमी दूर है और यहां पहुंचने में करीब...
विरास-ए-खालसा को पहले खालसा हेरिटेज मेमोरियल कॉम्पेक्स के नाम से जाना जाता था। इसे बनाने में 13 साल का समय लगा और यह 2011 में बनकर तैयार हुआ। म्यूजिम में आपको सिक्ख धर्म की स्थापना और बाद में बने खालसा पंथ से जुड़ी घटनाओं का विस्तृत विवरण मिल जाएगा।
यहां...
आनंदपुर साहिब हिमालय पर्वत श्रृंखला के निचले इलाके में बसा है। इसे ‘होली सिटी ऑफ ब्लिस’ के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर की स्थापना 9वें सिक्ख गुरू, गुरू तेग बहादुर ने की थी। एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, बिलासपुर की दोवागर रानी चंपा ने अपने पति राजा...
भाखड़ा बांध सतलुज नदी पर बने भाखड़ा-नंगल बांध का ही हिस्सा है। बिलासपुर जिले में स्थित इस बांध का नामकरण भाखड़ा गांव पर किया गया है और यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। इस बांध पर लगे पनबिजली संयंत्र से पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश...
पुरातात्त्विक म्यूजियम की स्थापना 1998 में भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण ने किया था। इसका मकसद रूपनगर के पास खुदाई में मिले हड़प्पा काल के शिल्प कृति को प्रदर्शित और संरक्षित करना था। म्यूजियम में वीणा वादिनी, चंद्रगुप्त काल के सोने के सिक्के सहित कई शिल्पकृतियों...
नंगल एक सुनियोजित शहर है, जहां रहवासी क्षेत्र ब्लॉक में बंटे हुए हैं और इसमें तय संख्या में अपार्टमेंट भी बने हैं। शुरू में यह स्थान तीन गांवों यानी नंगल निक्कू, हंबेवाल और दोबेत्ता कॉलोनी का हिस्सा था। शिवालिक पर्वत श्रृंखला और ढेरों नदियां होने के कारण इस जगह का...
नेशनल हाइवे 95 पर स्थित मोरिंडा या बागांवाला को ‘सिटी ऑफ आर्किड’ के नाम से भी जाना जाता है। एक समय यह जगह आर्किड से भरा हुआ था, पर लोगों ने घर बनाने लिए इन्हें नष्ट कर दिया। मोरिंडा का सबसे बड़ा आकर्षण गुरुद्वारा श्री कोतवाली साहिब है, जहां गुरू गोबिंद...