समुद्र तल से 1966 मीटर ऊंची शिलांग पीक शिलांग की सबसे ऊंची चोटी है। यहां से आप पूरे शहर का विहंगम नजारा देख सकते हैं। यह शहर का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। वास्तव में पर्यटकों की दिलचस्पी इस चोटी से दिखने वाले शहर के नजारों में ही होती...
भव्य और खूबसूरत कैथिडरल कैथोलिक चर्च से शिलांग की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। पहले इसे ‘कैथिडरल ऑफ मैरी हेल्प ऑफ क्रिश्चियन’ नाम से जाना जाता था। यह चर्च शिलांग के सर्वाधिक घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां करीब 3 लाख कैथोलिक पूजा अर्चना...
स्वीट फॉल शिलांग का सबसे खड़े और खूबसूरत झरनों में से एक है। इस झरने को स्थानीय भाषा में वेतदेन कहते हैं। यह सीधी ढाल वाला झरना 96 मीटर की ऊंचाई से काले चट्टानों पर गिरता है। बरसात के समय में इसके पानी की गति और भी बढ़ जाती है और यह पूरे बल के साथ गिरता है। इस...
शिलांग गोल्फ कोर्स शहर से 3 किमी दूर है और यहां खूब भीड़ जुटती है। स्थानीय लोगों के बीच यह गोल्फ लिंक्स के नाम से चर्चित है। इसकी आधारशिाला 1898 में एक ब्रिटिश जनसेवक और गोल्फर द्वारा रखी गई थी। समुद्र तल से 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गोल्फ कोर्स चीड़ और बुरुंश...
लेडी हैदरी पार्क शिलांग का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जिसे आप नजरअंदान कर ही नहीं सकते। यह एक हरा-भरा गार्डन है, जो पूरे साल रंग-बिरंगे फूलों से सजा रहता है। साथ ही इससे सटा हिरण पार्क वाला मिनी जू लेडी हैदरी पार्क को और भी खास बना देता है। पर्यटक और स्थानीय लोग यहां...
स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में स्थित कैप्टन विलियमसन संगमा स्टेट म्यूजियम राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। इसका प्रबंधन कला एंव संस्कृति विभाग के हाथों में है। दरअसल इस म्यूजियम में इस क्षेत्र के जनजातीय जीवन को दर्शाया गया है। यहां खास तौर से मेघालय की...
शहर के बीच में स्थित वार्डस झील शिलांग का एक और चर्चित पर्यटन स्थल है। स्थानीय लोगों में भी यह उतना ही लोकप्रिय है और वे सप्ताहांत और छुट्टियों में यहां आते हैं। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान विलियम वार्ड असम के मुख्य आयुक्त हुआ करते थे। उसी समय इस झील का निर्माण किया...
स्प्रेड ईगल फॉल शिलांग का सबसे चौड़ा झरना है। पोलो ग्राउंड से 3 किमी दूर स्थित इस झरने की ढाल काफी खड़ी है। यह झरना पहाड़ से दबे पांव निकलता है और धीरे-धीरे गति हासिल करने के बाद काफी ताकत के साथ नीचे गिरता है। यानी यह झरना शांत होने के साथ-साथ शोर व गुल वाला भी...
बटरफ्लाई म्यूजियम भारत का एकमात्र ऐसा म्यूजियम है, जो तितली और पतंगो को समर्पित है। यह एक निजी म्यूजियम है और यहां तितलियों और पतंगो का विशाल संकलन है। यह बटरफ्लाई म्यूजियम शिलांग के मुख्य शॉपिंग स्थल पुलिस बाजार से 2 किमी दूर स्थित है। इस म्यूजियम में तितली और...
पहले विश्व युद्ध में शहीद हुए खासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोटफ्रान नामक स्मारक अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था। मोटफ्रान के आसपास का क्षेत्र लेवडुह या बड़ा बाजार नाम से जाना जाता है, जो एक देसी बाजार होने के साथ-साथ शहर का सबसे बड़ा बाजार भी है। स्थानीय...
शहर से 8 किमी दूर स्थित एलिफेंट फॉल शिलांग का एक चर्चित पर्यटन स्थल है। यहां जाने के क्रम में खूबसूरत सड़कों का नजारा देख कर आप मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकेंगे। इस झरने का स्थानीय नाम ‘का कशैद लाई पातेंग खोहस्यू’ है, जिसका अर्थ होता है- तीन चरणों...
क्रिसलिस द गैलरी एक स्थानीय आर्ट गैलरी है, जो एक स्थानीय कलाकार जया कालरा द्वारा संचालित किया जाता है। यह आर्ट गैलरी शिलांग में अपने तरह का इकलौता आर्ट गैलरी है, जो फोटोग्राफर, मूर्तिकार, दस्तकार और चित्रकार उपलब्ध कराता है। गैलरी के हॉल में पेंटिंग, फोटोग्राफ,...
देसी संस्कृतियों का डॉन बोस्को सेंटर एशिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संग्रहालय है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्ध संस्कृतियों को बड़े पैमाने पर प्रदर्शित किया गया है। पर्यटक यहां इस क्षेत्र के सात राज्यों से एकत्रित किए गए शिल्पकृति, परिधान, हस्तशिल्प, सजावट के...