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सिक्किम- जहां मन मोह लेते हैं पवित्र स्थल और बर्फीले पर्वत

किसी पर्यटन स्थल पर घूमने जाना हमेशा ही एक रोमांचकारी अनुभव होता है और आप वहां से लौटते वक़्त अकेले नहीं होते, आपके साथ होती हैं वहां की ढ़ेर सारी यादें। बात चाहे किसी ऐसी जगह पर जाने की हो जहाँ लोग पहले भी जा चुके हैं या फिर ऐसी जगह की जहाँ ज्यादा लोग नहीं गए , दोनों ही स्थिति में आपको कुछ नया देखने और सीखने को मिलता है।

पर जब बात आती है उस जगह पर जाने की, जिसे अपने सुन्दर प्राकृतिक स्थल, बर्फ से ढके पहाड़ों, रंग बिरंगे फूलों से बिछे मैदान, प्राचीन पानी के पिंड और कई और वजहों से स्थानीय निवासीयों द्वारा 'जन्नत' के नाम से पुकारा जाता है, तो सफर शब्द ही अत्यंत मोहक लगने लगता है।

पर ऐसी कौन सी जगह हो सकती है जो इतनी आकर्षक हो कि कुछ शब्द ही उसे अद्भुत और बेमिसाल बना दें? हम बात कर रहे हैं शानदार सिक्किम की।सिक्किम को भारत के सुन्दर शहरों में से एक माना जाता है और प्रकृति के वरदान से भरी यह जादुई जगह हिमालय पर्वत क्षेत्र में स्थित है। ऐसी कई जगहों में यह जगह भी कई महत्वपूर्ण स्थानों के लिए मशहूर है और यह कहा जाता है कि अपने जीवनकाल में आप यहाँ नहीं गए तो आपने कुछ खोया है।आइये इस अज्ञात पहाड़ी वाले भारतीय राज्य के बारे में कुछ जानें।

सिक्किम का भूगोल

सिक्किम एक पहाड़ी इलाका है जो हिमालय पर्वत इलाके में बसा है। सिक्किम राज्य में कई पहाड़ी जगह हैं जिनकी उंचाई 280 मीटर से 8,585 मीटर तक है। राज्य का सबसे उंचा बिंदु माउंट कंचनजंगा है, जिसे पृथ्वी की तीसरी सबसे ऊँची चोटी के रूप में भी जाना जाता है। सिक्किम की सीमा के पूर्व में भूटान, पश्चिम में नेपाल और उत्तर में तिब्बत की ऊँची चौरस भूमि पड़ती है।इस राज्य में करीबन 28 पहाड़ की चोटियाँ हैं, करीबन 227 अत्यधिक उंचाई वाले तालाब और 80 हिमनदियां हैं। एक ऐसी चीज़ जो यहाँ की भौगोलिक स्थिति को और अनोखा बनाती है वह है यहाँ मौजूद करीब 100 नदियाँ और धार और कई प्रमुख गर्म सोता। सिक्किम का गर्म सोता जिसका स्वाभाविक औसतन तापमान 50 डिग्री सेल्सियस होता है, काफी ख़ास है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसमें कई रोगों को दूर करने की ताकत है।इस जगह की भौगोलिक स्थिति पर ध्यान देने से पता चलता है कि सिक्किम का करीबन एक तिहाई भाग घने जंगलों और बर्फ से ढकी धाराओं की श्रृंखलाओं से घिरा है जो तीस्ता नदी से आकर जुड़ती है, जिसे 'सिक्किम की जीवन रेखा' भी कहते हैं।

मौसम

जितनी खूबसूरत जगह, उतना ही खूबसूरत मौसम है सिक्किम का। सिक्किम भारत के उन चुनिन्दा राज्यों में आता है जहाँ हर साल नियमित तौर पर बर्फ़बारी होती है। यहाँ के निवासी हमेशा नियंत्रित और सुहाने मौसम का लुत्फ़ उठाते हैं।यहाँ का मौसम उत्तरी क्षेत्र में टुन्ड्रा से पूर्वी क्षेत्र में उपोष्णकटिबंधीय मौसम में बदल जाता है। उत्तरी क्षेत्र, जहाँ टुन्ड्रा मौसम पाया जाता है, हर साल चार महीने के लिए बर्फ से ढका रहता है और यहाँ का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है।यहाँ का मौसम सुहाना इसलिए भी रहता है क्योंकि यहाँ का तापमान गर्मियों में कभी 28 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादातर बढ़ता नहीं है और ठण्ड में 0 डिग्री सेल्सियस पर जमता नहीं है। मानसून मौसम थोड़ा खतरनाक है क्योंकि इस दौरान यहाँ भारी बारिश होती है जिससे भूस्खलन होने का डर रहता है और पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वह इस समय यहाँ आने से बचें।

सिक्किम के विभिन्न नाम, उपखंड और जन साधार

सिक्किम राज्य के कई नाम हैं। लेप्चाओं के द्वारा इसे न्ये-माए-एल कहा जाता है जिसका मतलब है 'स्वर्ग', लिम्बू समुदाय के लोग इसे 'सू खिम' कहते हैं जिसका मतलब होता है 'नया घर'। और भूटिया समुदाय के लोग इसे 'बेयमुल देमाज़ोंग' कहते हैं जिसका मतलब है 'चावल की रहस्यमय घाटी'।यह राज्य पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण सिक्किम नाम के चार विभागों में बंटा है और इनकी राजधानी है गंगटोक, गेजिंग, मंगन और नामची। यहाँ की आबादी करीबन 6 लाख 7 हज़ार लोगों की है और इस राज्य को भारत की सबसे कम आबादी वाले राज्य के साथ साथ गोवा के बाद सबसे छोटा राज्य भी माना जाता है।

सिक्किम में क्या देखें?

सिक्किम जाने पर आपको यह सलाह दी जाती है कि कुछ प्रमुख जगहों को ज़रूर देखें और यहाँ की गतिविधियों में हिस्सा लें। यहाँ का प्रमुख स्थल है गंगटोक जहाँ पहुंचकर आप त्सोम्गो झील, डियर पार्क, नाथुला पास, रूमटेक मठ, इंची मठ, तशी दार्शनिक स्थल और लाल बाज़ार नाम का स्थानीय बाज़ार घूम सकते हैं और अपने ख़ास लोगों के लिए उपहार खरीद कर ले जा सकते हैं। यहाँ के कुछ और मशहूर जगह हैं: सिक्किम के महान साधू गुरु पद्मसंभव की सबसे ऊँची मूर्ती जो नामची में मौजूद है, सुन्दर रोडोडेनड्रोन सैंक्चुअरी जिसमें राज्य के विभिन्न प्रजाति के फूल मौजूद हैं, कंचनजंगा पर्वत-दुनिया का तीसरा सबसे ऊँचा पर्वत, कई पवित्र और चमकीले बौद्ध मठ, सुन्दर हरी घाटियाँ और नदियाँ, सिक्किम का मशहूर गर्म सोता, कुछ अनदेखे स्थल जो बस्ती और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए उपयुक्त है, घाटियों की श्रृंखला जो साहसी और जोखिम भरे खेल-कूद के लिए सही है।

खाना और उत्सव...

सिक्किम का खाना और संस्कृति दो चीज़ें हैं जिसने इस छोटे, सुन्दर जगह को एक महत्वपूर्ण जगह दी है। सिक्किम के लोग ज़्यादातर चावल खाते हैं। सिक्किम के कुछ प्रमुख परंपरागत व्यंजन हैं: मोमो, चाऊमीन, वानटोन, फ़कथू, ग्या थुक या थुकपा- नूडल पर आधारित सूप, फग्शापा और चुर्पी के साथ निंग्रो। मदिरा पर आधारित पेय पदार्थ भी सिक्किम के लोगों द्वारा लिए जाते हैं।यहाँ के स्थानीय बौद्ध सिक्किमी द्वारा मनाये जाने वाले कुछ परंपरागत त्यौहार हैं माघे संक्रांति, भीमसेन पूजा, द्रुपका तेशी, लोसर, बुम्चु, सगा दावा और लूसांग। सिक्किम में बसी नेपाली जनता सारे हिन्दू त्यौहार भी मनाती है।इतना सब कुछ होने पर यह ताज्जुब की बात नहीं है कि सिक्किम नाम का यह राज्य धीरे धीरे भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनता जा रहा है। आइये यह समृद्ध राज्य घूमकर इसके बारे में और जानें जहाँ पर छुट्टियाँ बिताना एक अद्भुत और रोमांचकारी अनुभव हो सकता है।

 

सिक्किम स्थल

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