1923 में बना पराशक्ति मरियम्मा मंदिर शिवकाशी शहर के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में पंगुनी उत्तिरम त्योहार को बड़े धूमधाम तथा वैभव के साथ मनाया जाता है और यह त्योहार शिवकाशी एवं उसके पड़ोसी क्षेत्रों का मुख्य त्योहार है। 21...
पिलवक्कल बांध मदुरै से 90 किमी और विरुधुनगर से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। यह बांध विरुधुनगर जिले का एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। बांध के परिसर में छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए सभी सुविधाओं से भरा एक बच्चों का पार्क भी है।
यह बांध कोविलर और पेरियार बांध...
विरुधुनगर से शिवकाशी के मार्ग पर स्थित तिरुतनंगल, भगवान विष्णु के 108 पवित्र धामों में से एक है। तिरुतनंगल का आसपास का क्षेत्र लगभग 4000 ई.पू. से बसा है। यह माना जाता है कि संगम काल के मुदक्कोर्रनर, पोर्कोल्लन वेन्नहनर और अधिरेयन सेंगन्ननर नामक तीन कवि इस शहर में...
राजपलायम की पश्चिम दिशा में 12 किमी दूर पश्चिमी घाटों की तलहटी पर स्थित अइयनर झरना शिवकाशी का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। इसके निकटतम क्षेत्र में अइयनर भगवान को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। 15 फीट ऊंचे इस अइयनर झरना की पृष्ठभूमि के...
श्री भद्रकालीअम्मान मंदिर दक्षिण भारत में काली माता का सबसे बड़ा मंदिर है। भद्रकाली में स्थित, इस मंदिर में देवी की एक सोने की मूर्ति स्थापित है एवं एक लंबा बुर्ज जुड़ा हुए है। यह शिवकाशी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी भद्रकालीअम्मान के...
नेन्मेनि गांव सत्तूर की पूर्वी दिशा में 9 किमी की दूरी पर तथा वईपारु नदी के तट पर स्थित है। यह गांव अपने धान के खेतों के लिए प्रसिद्ध है और इसे अपना नाम भी नेन्मेनि से प्राप्त हुआ है, जिसका अर्थ है धान की फसल। सर्दियों के महीनों में लोक निर्माण विभाग का सिंचाई ताल...
काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। दक्षिणी मदुरै के शासक राजा हरिकेसरी परक्किराम पांडियन, काशी से एक शिवलिंग लाए और उसे अपने राज्य के इस हिस्से में स्थापित किया। जिसने इस शहर को यह नाम दिया।
बाद में 15 वीं और 16 वीं...