मखदूम साहिब तीर्थ, हजरत सुल्तान के रूप में विख्यात सूफी संत मखदूम साहिब को समर्पित है। यह श्रीनगर के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है जो हरि पर्वत के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। इस स्थल में दो मंजिला इमारत बनी हुई है। हरि पर्वत किले के...
शोपियां को राज्य में एप्पल बाउल के नाम से जाना जाता है जो श्रीनगर के आसपास के क्षेत्र में स्थित है। इस आकर्षक जगह सेब का उत्पादन होता है जो पूरे भारत में फल बाजार में आपूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व रखता है...
अंचार झील, श्रीनगर में एक झील है जो वर्तमान समय में बुरी दुर्दशा में है क्योकि यहां अवैध निर्माण, अतिक्रमण और आसपास के क्षेत्र में भयंकर प्रदुषण फैलाया जाता है। इन्ही कारणों से अंचार झील का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर आ गया है।
झील...
मखदूम साहिब तीर्थ के नीचे स्थित अखुंद मुल्ला की मस्जिद एक छोटी सी मस्जिद है जिसे शाहजहां के बेटे, दारा शिकोह द्वारा बनवाया गया था। दारा शिकोह ने इस मस्जिद को अपने शिक्षक अखुंद मुल्ला शाह के सम्मान में निर्मित करवाया था। मस्जिद के अंदर के...
डल झील, श्रीनगर में 'श्रीनगर का गहना' या कश्मीर के मुकुट के नाम से लोकप्रिय है। डल झील, कश्मीर में दूसरी सबसे बड़ी झील है। यह सुरम्य झील 26 वर्ग किमी. के बड़े क्षेत्र में फैली हुई है जो श्रीनगर आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र...
संगिन दरवाजा, हरि पर्वत किले का दूसरा दरवाजा है जिसे किले का मुगल फोर्ट भी कहा जाता है। इस गेट की दीवारों और छत पर फारसी शिलालेख नहीं बने हुए हैं जिन्हे किले के प्रथम दरवाजे यानि काठी गेट पर देखा जाता है। इस दरवाजे पर की गई चिनाई और ईंट या पत्थर का...
श्री प्रताप सिंह संग्रहालय को सन् 1898 में झेलम नदी के किनारे पर स्थापित किया गया था। शुरूआती दौर में इस संग्रहालय को तोष खाना के नाम से जाना जाता था जिसमें शॉल और शस्त्रों का प्रर्दशन किया जाता था। संग्रहालय में परीहासपोरा, अवंतीपुरा और पंडेरेंनाथ आदि...
खानकाह ऑफ ख्वाजा मोइनुद्दीन नक्शबंदी को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है जो श्रीनगर शहर के केंद्र में स्थित है। इस्लामिक पंरपरा में विश्वास रखने वालों श्रद्धालुओं के लिए यह श्राइन महत्वपूर्ण है क्योकि उनका मानना है कि...
मदिन साहिब के मकबरे को मदिन साहिब के नाम से जाना जाता है जो यहां के एक लोकप्रिय मुस्लिम संत थे। यह मकबरा, श्रीनगर के सबसे सुंदर मकबरों में से एक है जो जादीवल की मदिन साहिब मस्जिद के उत्तर दिशा में स्थित है। इस मस्जिद की बाहरी डिजायन काफी प्रभावशाली है जो...
शालीमार गार्डन, श्रीनगर से 15 किमी. दूर स्थित है जो इस शहर के सभी मुगल गार्डन में से सबसे लोकप्रिय है। शालीमार शब्द का अर्थ होता है - प्रेम का वास। इस गार्डन को शालीमार बाग, फैज बख्श, गार्डन ऑफ चार मीनार और फराह बख्श के नाम से भी जाना जाता है।
...नसीम बाग को गार्डन ऑफ ब्रीज के नाम से भी जाना जाता है जो एक प्रसिद्ध मुगल गार्डन है। यह गार्डन, डल झील के पश्चिमी ओर स्थित है। महान मुगल सम्राट अकबर ने अपने शासनकाल के दौरान 1586 में एक बगीचे का निर्माण करवाया था। बाद में 1635 ई. में एक और प्रसिद्ध मुगल बादशाह...
निशात बाग, डल झील के पूर्वी तरफ स्थित है, जिसे 1633 में हसन आसफ खान, मुमताज महल के पिता और नूर जहान के भाई द्वारा बनाया गया था। निशात बाग का अर्थ होता है खुशियों का बगीचा। इस गार्डन में फूलों की दुर्लभ प्रजातियां, चिनार वृक्ष और सरू के पेड़ भी पाएं जाते हैं।यह...
श्रीनगर की नागिन झील क्षेत्र में ज्वैल इन द रिंग के नाम से काफी विख्यात है जो चारों तरफ से पेड़ों से घिरी हुई है। यह झील, डल झील से एक पतले सेतु द्वारा अलग है। झील में कई शिकारा और हाउसबोट तैरते हुए दिखते हैं जो यहां आने वाले सभी पर्यटकों के लिए आकर्षण...
शंकराचार्य मंदिर, श्रीनगर में शहर की सतह पर समुद्र स्तर से 1100 फुट की ऊंचाई पर स्थित है जिसे तख्त - ए - सुलेमान के नाम से भी जाना जाता है जो एक हिल पर स्थित है। यह मंदिर, हिंदू धर्म के देवता भगवान शिव को समर्पित है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर...
खानकाह ऑफ शाह हमदान को शाह - आई - हमदान और खानकाह - ई - मोला के नाम से भी जाना जाता है। इस धार्मिक स्थल को सुल्तान सिकन्दर ने श्रीनगर में झेलम नदी के किनारे पर 1400 ई. में बनवाया था। यह मस्जिद मुस्लिम सूफी संत मीर सैयद अली हमदानी के सम्मान में...