श्रीशैल, हिंदुओं के लिए महान धार्मिक महत्व का एक छोटा सा शहर है। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में नल्लमाला पर्वत पर स्थित, इस शहर को कृष्णा नदी के तट पर स्थापित किया गया है। श्रीशैल हैदराबाद की दक्षिणी दिशा में स्थित है और आंध्र प्रदेश की राजधानी से 212 किलोमीटर की दूरी पर बसा है।
श्रीशैल के और उसके आसपास के पर्यटक स्थल
हिंदू धर्म के लोग श्रीशैल को एक पवित्र शहर मानते हैं और यहां हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इस शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर और थीर्थम हैं जो इसे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल बनाते हैं। इन शहर के मंदिरों में से सबसे प्रसिद्ध मंदिर भर्मरंभा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर है जो भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है।
इस मंदिर में शिव भगवान को मल्लिकार्जुन स्वामी के रूप में पूजा जाता है और देवी पार्वती को भर्मरंभा के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। धार्मिक दृष्टि से मल्लेला थीर्थम भी एक अन्य महत्वपूर्ण स्थान है।
यह वास्तव में एक झरना है और माना जाता है कि इस थीर्थम के पानी से नहाने से एक व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं।
कैसे पहुंचे श्रीशैल
हालांकि श्रीशैल में कोई हवाई अड्ड़ा या कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, लेकिन यहां तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचना बहुत आसान है।
श्रीशैल की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
सर्दियों के महीने श्रीशैल की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है और उत्तर भारत में पड़ती कड़ाके की ठंड़ की तुलना में यहां हलकी सर्दी पड़ती है। यहां की आबोहवा उष्णकटिबंधीय है, और गर्मियों के महीने यात्रा को टालने के लिए बिलकुल सही हैं।