तिरुचेंदूर को तिरुचेंदुर भी कहा जाता है जो कि एक छोटा लेकिन खूबसूरत तटीय शहर है और तमिलनाडु के दक्षिण भारतीय राज्य में टूथुकुड़ी जि़ले में स्थित है। भगवान मुरुगन को समर्पित अपने मंदिर के लिए प्रसिद्ध तिरुचेंदूर मन्नार की खाड़ी में स्थित एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है।
मंदिरों का शहर-तिरुचेंदूर में और इसके आसपास के पर्यटन स्थान
तिरुचेंदूर मुख्य रूप से मंदिरों का एक शहर है जिसमें तिरुचेंदूर मुरुगन मंदिर, वल्ली की गुफा या दत्तात्रेय की गुफा जैसे खूबसूरत मंदिर हैं। मंदिरों के अलावा, पंचालमकुरिचि किला, मेलापुथुकुड़ी, कुधियारी मोझीथेरी, तूतिकोरिन तथा वनतिरुपथि, पुन्नई नगर आदि इस शहर के अन्य आकर्षण हैं।
तिरुचेंदूर के बारे में कुछ और...
यह शहर शुष्क तटीय जंगलों से घिरा हुआ है। इन शुष्क भूमि वाले जंगलों में खजूर के पेड़, काजू के पौधों और उष्णकटिबंधीय पौधों की समृद्ध वनस्पति है। इस शहर का उल्लेख पूर्व ईसाई युग के प्राचीन ग्रंथों में किया गया है। किंवदंतियों के अनुसार भगवान मुरुगन ने थिरुचेंदुर में सुरापदमन दानव को मारा था। यह जगह भगवान मुरुगन के पवित्र स्थानों में से एक मानी जाती है।
प्राचीन समय में तिरुचेंदूर को कपदापुरम कहा जाता था जो बाद में तिरुचेन-चेंदिलूर हुआ और फिर समय के साथ तिरुचेंदूर हो गया। तिरुचेंदूर पर अनेक राजवंशों जैसे चेर, पंड्या आदि ने शासन किया था। 1649 में डच लोगों ने इस शहर पर आक्रमण किया जो पुर्तगालियों से टूथुकुड़ी को जीतने का एक प्रयास था। लेकिन पुर्तगालियों ने मदूरई के नायकों के साथ डच लोगों को हराकर उन्हें यह जगह छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।
तिरुचेंदूर का मौसम
तिरुचेंदूर की जलवायु सालभर सौम्य रहती है। अक्तूबर से मार्च तक का समय पर्यटन गतिविधियों और तीर्थयात्रा के लिए उपयुक्त होता है। मंदिर देखने और छोटी यात्राओं के लिए जून से सितंबर तक का समय अच्छा रहता है।
कैसे पहुँचे तिरुचेंदूर
सड़कमार्ग से अच्छी तरह से जुड़े होने के कारण तिरुचेंदूर की यात्रा बहुत आसान हो जाती है। निकटतम हवाईअड्डा तूतिकोरिन हवाईअड्डा है जो तिरुचेंदूर से 27कि.मी. दूर है। तिरुचेंदूर रेलमार्ग के माध्यम से तिरुनेलवेली जंक्शन से भी जुड़ा है जो भारत के बड़े शहरों से कनेक्टिड है। यदि आप इतिहास और धार्मिक पर्यटन में रुचि रखते हैं तो आपको तिरुचेंदूर ज़रूर आना चाहिए।