तिरुवनंतपुरम शहर भगवान की अपनी भूमि की राजधानी है। इसे अक्सर त्रिवेंद्रम कहा जाता है, जो अंग्रेजों द्वारा दिए गए मूल नाम से लिया गया है। जब तक सरकार ने 1991 में इसे इसका मूल नाम नहीं दिया तब तक ये शहर इसी नाम से जाना जाता था। यह भारत के दक्षिणी सिरे के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह लम्बे समय से एक ऐसा स्थान रहा है, जहां लोगों को 'जरूर आना चाहिए' और हाल के दिनों में नेशनल ज्योग्राफिक ट्रैवलर ने इसे इसी रूप में सूचीबद्ध किया है। महात्मा गांधी ने इस जगह को "भारत के सदाबहार शहर" की संज्ञा दी थी। त्रिवेंद्रम "भारत के दस हरियाली वाले शहरों" में गिना जाता है।
परसुरामन से लेकर मध्यकालीन खोजकर्ता जैसे फाहीन, मार्को पोलो, कोलम्बस, वास्को दा गामा और कई अन्य जिनका वर्णन इतिहास की पुस्तकों में नहीं है, त्रिवेंद्रम ने अपने यहां आने वालों की प्रतिष्ठा बढ़ायी है।
तिरुवनंतपुरम अनाथन के नाम पर है, जो हजार सिर वाला प्रसिद्ध नाग है, जिस पर भगवान विष्णु विराजमान रहते हैं। इस शहर को शहर के बीच में स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में वास करने वाली मूर्ति से अपना नाम मिला है। शहर सात तटीय पहाड़ियों पर स्थित है, जो अब एक दौड़-धूप वाला शहर बन गया है, लेकिन इसने अपने अतीत की चमक नहीं खोयी है। स्थानीय धारणाओं के अनुसार, बाबा परशुराम ने इस जगह के लिए समुद्र के भगवान, वरुण से युद्ध किया था। शक्तिशाली और अकेले राजा महाबली ने पाताल लोक भेजे जाने से पहले इस उत्तम जगह पर शासन किया था।
तिरुवनंतपुरम के आस पास के स्थान
प्रसिद्ध श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर प्रतिदिन कई भक्तों को आकर्षित करता है। हर साल नवरात्रि मंडप में एक संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है। यह त्यौहार विद्या की देवी, सरस्वती को समर्पित है। पारंपरिक वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण कुटिर मलिका देखने लायक है। त्रिवेंद्रम में महात्मा गांधी मार्ग पर परंपरागत शैली में निर्मित सुन्दर भवन हैं। यह सड़क बीते हुए और वर्तमान दोनों युगों को साथ-साथ संजोये हुए है: जिसे लाल टाइल और लकड़ी के पारम्परिक भवन और सीमेंट और गिलास की गगनचुंबी इमारतों के रूप में देखा जा सकता है। पालायम मुस्लिम, पुराना गणपति मंदिर और गॉथिक टावरों के साथ ईसाई कैथेड्रल सभी साथ-साथ स्थित हैं।
कनकाकुन्नू पैलेस त्रावणकोर के राजा के जीवन की फिर से याद दिलाता है। इस महल में आकर आप इसकी भव्य वास्तुकला देख कर मंत्रमुग्ध हो जायेंगे। नेपियर संग्रहालय और श्री चित्रा आर्ट गैलरी में अपना समय बितायें। आप इसके काम को देख कर चकित हो जाएंगे। कर्मणा नदी और अक्कुलम झील के तट पर शांति से बैठ कर आप इसकी मनोहर पृष्ठभूमि का आनंद ले सकते हैं। जब आप तिरूवनंतपुरम में हों, तो ज़ूलॉजिकल पार्क के साथ-साथ नैय्यर बांध और वन्यजीव शरण स्थल जाना ना भूलें। आप प्रकृति के करीब आकर इतना अच्छा मह्सूस करेंगे कि आप सांसारिक दुनिया को भूल जाएंगे। चाहे आप युवा हों या बुजुर्ग, हैप्पी लैंड वॉटर थीम पार्क एक और जगह है जहाँ आप जाना पसंद करेंगे। चलाई बाजार ज्यादा खरीदारी करने वालों के लिए बेहतरीन स्थान है।
सुनहरे तट, ताड़ के पेड़ों से भरी तटरेखाएं, मंत्रमुग्ध कर देने वाला अप्रवाही जल, समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर और धार्मिक स्थल दूर और पास के स्थानों से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अगस्त्यार्कूडम, तिरुवनंतपुरम जिले का उच्चतम बिंदु है जो समुद्री स्तर से 1869 मीटर की ऊंचाई पर है। जब आप इस दक्षिणी शहर में आएं तो पास ही में स्थित पोनमुडी और मुक्कुनिमाला पहाड़ी पर जरूर जायें। यह वाकई में घूमने लायक स्थान है। मनोरम सूर्योदय देखने के लिए तिरुवनंतपुरम के पूर्व में स्थित पराई कोविल जा सकते हैं।
मानसून के मौसम में शहर ओणम मनाने के लिए पूरी तरह से सजा रहता है। चाहे वो वसन्त ऋतु के अनाज कटने का त्योहार हो या उत्साही साँप नौका दौड़ या राजसी हाथी जुलूस, जब यहां के सभी निवासी इनको उत्साह के साथ मनाने के लिए एकजुट होते हैं तो यह शहर पहले से कहीं ज्यादा सुंदर लगने लगता है। तिरुवनंतपुरम उत्सव के मौसम में एक परीलोक की तरह लगता है। इस मौसम के दौरान मोहिनीयत्तोम, कथकली, कूडियाट्टोम और केरल की अन्य कलाओं के प्रदर्शन कल्पना की एक चमक प्रदान करते हैं।
तिरुवनंतपुरम के अन्य पहलु
त्रिवेंद्रम में कई कार्यालय और संगठन, स्कूल एवं कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान हैं। यहां भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी), विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, विकास अध्ययन केंद्र, फ्री और ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र (आईसीएफओएसएस), भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, श्री चित्रा थिरूनल चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, पृथ्वी विज्ञान अध्ययन और टेक्नोपार्क केंद्र भी हैं।
तिरुवनंतपुरम का मौसम
केरल में अधिकतर स्थानों की तरह, तिरुवनंतपुरम का मौसम भी साल भर मनोहर रहता है। यहां के मौसम अलग नहीं होते।
तिरुवनंतपुरम कैसे जाएं
हवाई, रेल और सड़क मार्ग से तिरुवनंतपुरम आ सकते हैं। तो आपको इस अद्भुत जगह पर आने के लिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। अपना सामान पैक करिए और अगली छुट्टी पर तिरूवनंतपुरम आने की योजना बनाइए।
तिरुवनंतपुरम सबसे अच्छा समय
तिरुवनंतपुरमजाने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से फरवरी के बीच का है।