अलुवा - त्योहार का एक निरपेक्ष प्रवेशद्वार
अलुवा एक स्थान है जो यहाँ के शिव मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले महाशिवरात्रि के त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि का त्योहार मनाने के लिए पूरे राज्य से यहाँ लोग......
कंजिरापल्ली – धार्मिक एकता का आवास
कंजिरापल्ली केरल के कोट्टयम जिले में स्थित है। यह एक तालुका और छोटा शहर है। यहाँ सीरिया के ईसाईयों की बड़ी आबादी है। यहाँ की जनसंख्या में मुसलमान और हिंदू भी शामिल हैं। इस......
पालक्कड़ – धान के कटोरे में बीते युग का एहसास
पालक्कड़, जिसे पूर्व में पालघाट के नाम से जाना जाता था, केरल का एक जिला है जो पश्चिमी घाट की सर्पीली पहाड़ियों में स्थित है। पालक्कड़ केरल के अन्य भागों से मुख्य रूप से अपने......
पय्योली - वैभव में घुली-मिली विरासत और समुद्र तटों का एक सूप!
पय्योली, दक्षिणी केरल के कालीकट जिले में एक छोटा सा गांव है। उत्तरी मालाबार तट पर स्थित, रेत और उथले पानी के सुनहरे खिंचाव के साथ यह एक शांत स्थान है। यद्यपि यह अपने समुद्र तटों......
देवीकुलम - पुनर्जीवित कर देने वाले परिदृश्य
“खुदा के अपने घर” केरल में स्थित पर्वतीय स्थल देवीकुलम अपने सुरम्य प्राकृतिक परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। मख़मली हरी दूब के मैदानों से घिरी संकरी पहाड़ियों व नुकीली......
अथिराप्पिल्ली - एक रोमांचक आकर्षण
अथिराप्पिल्ली, त्रिशूर जिले के मुकुंदपुरम तालुक में स्थित है । यह एक प्रथम दर्जे का ग्राम पंचायत है जो त्रिशूर से 60 किलोमीटर और कोच्चि से 70 किमी की दूरी पर स्थित है । यह अपनी......
कोट्टयम् - शब्दों का सुखद शहर
कोट्टयम्, केरल का एक प्राचीन शहर है। यह कोट्टयम् जिले में ही स्थित है जो भगवान की स्वंय की भूमि पर बने जिलों में से एक है। शहर का प्रिंट मीडिया और साहित्य में एक बड़ा......
सुल्तान बत्तेरि - पर्वतों के बीच बसा ऐतिहासिक शहर
सुल्तान बत्तेरि, जिसे गणपतिवातोम भी कहा जाता है, केरल के वायनाड़ जिले का ऐतिहासिक शहर है। केरल - कर्नाटक बॉर्डर पर बसा यह शहर, एक दिन की पिकनिक के लिए उत्तम स्थान है। मैसूर के......
गुरूवायूर - भगवान दूसरा घर
गुरूवायूर त्रिशूर जिले में एक भरा हुआ शहर है। इस जगह को भगवान कृष्ण का घर मन जाता है, भगवान विष्णु के देहधारण का घर भी माना जाता है। गुरूवायूर केरल के कई में से एक लोकप्रिय......
अडूर – परम्पराओं का एक मिश्रण
केरल के पथानामथिट्टा जिले में स्थित अडूर एक पारंपरिक शहर है जो अपनी संस्कृति, मंदिरों, त्योहारों और स्थानों के लिए जाना जाता है। अडूर शहर, तिरुवनंतपुरम से लगभग 100 किमी. की दूरी......
कोडुन्गल्लुर - मंदिरों और इतिहास का एक सुंदर शहर
कोडुन्गल्लुर, त्रिशूर जिले का एक छोटा सा शहर है, जो मालाबार समुद्र तट पर स्थित है। मुख्य रूप से अपने बंदरगाह और देवी भगवती के मंदिर के लिए जाना जाने वाला यह शहर कई शताब्दियों को......
कोट्टारक्करा – कथकली का जन्मस्थान
अपने मंदिरों और महलों के लिए प्रसिद्ध कोट्टारक्करा, कोल्लाम जिले का छोटा सा शहर है। इसका नाम मलयालम के दो शब्दों को जोडने से बनता है, वे है कोट्टारं (महल) और कारा मतलब (भूमि)।......
पोनानी - एक सर्वश्रेष्ठ तटीय विश्राम
केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित पोनानी एक छोटा लेकिन सुन्दर कस्बा है। पश्चिम में अरब सागर से घिरा यह कस्बा मालाबार का मुख्य तटीय क्षेत्र व मछली पकड़ने का प्रमुख केन्द्र है। यह......
थालास्सेरी - सर्कस, केक और क्रिकेट की भूमि
कन्नूर जिले में स्थित, थालास्सेरी, उत्तरी केरल के सबसे गतिशील शहरों में से एक है। इसे तेलीचेरी के नाम से भी जाना जाता है, यह शहर मालाबार तट पर सुनहरे पंखों के साथ......
मरारीकुलम - समुद्र तट तक एक यात्रा
मरारीकुलम एक सुंदर गांव है, जो अलपुझा शहर में सिमटा हुआ है, यह अपने पीले रेतीले समुद्री तट मरारी के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। यह अलपुझा से लगभग 11 किमी दूर है। इसमें......
तिरुवल्ला -भक्ति का शहर, कथाओं का शहर
तिरुवल्ला केरल के पथानमथिट्टा जिले में मणिमाला नदी के तट पर बसा एक छोटा सा, शांत शहर है। यह 'मंदिरों के शहर' के रूप में जाना जाता है और कई मंदिरों के साथ यह अपने इतिहास और......
कोच्चि - जहाँ प्राचीन और नवीन एक साथ हैं
कोच्चि एक अनूठा पर्यटन स्थल है और अपने जीवनकाल में इसे एक बार अवश्य देखना चाहिए। यह शानदार शहर भारत का प्रमुख बंदरगाह शहर है और यह अपने शक्तिशाली अरब सागर के पानी पर इठलाता है।......
अलेप्पी – पूरब का वेनिस
लगून, शांति और फुरसत के पल बिताने की जगह के रूप में प्रसिद्ध अलेप्पी को पूरब का वेनिस कहा जाता है। यहाँ की नहरों और पाम के पेड़ों के बीच स्थित सुन्दर जलभराव और हरियाली रोमाँच को......
चोट्टानिकारा - परमेश्वर द्वारा समृद्ध, मन्दिरों से समृद्ध
चोट्टानिकारा केरल के मध्य में स्थित एक सुंदर गांव है। एर्नाकुलम जिले में कोच्चि के उपनगरीय इलाके में स्थित, यह जगह कई लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है। यह कसबा केरल के......
सबरीमला – सहज रूप से पवित्र
सबरीमला, समृद्ध जंगलों के मध्य स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ है। पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में स्थित इस स्थान का प्राकृतिक सौन्दर्य आज भी अपने प्राचीन रूप में है। गडगडाती हुई......
कुमाराकोम - मोहक जलाशयों पर छुट्टियाँ बिताना
कुमाराकोम छोटे और सुंदर द्वीपों के झुँड के रूप में केरल के सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। केरल की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील, वेम्बानाड झील के तट पर बसा कुमारकोम......
कोल्लम - काजू और नारियल की जटाओं का शहर
कोल्लम सबसे अच्छी तरह अपने प्राचीन नाम क्वीलॉन के नाम से जाना जाता है, यह शहर अपने वाणिज्य और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह तटीय शहर, अश्तामुडी झील के......
मुन्नार - प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्वर्ग समान स्थल
मुन्नार एक अविश्वसनीय, शानदार और अतिआकर्षक मन को लुभाने वाला हिल स्टेशन है जो इडुक्की जिले में स्थित है। पहाड़ों के घुमावदार इलाकों से घिरा हुआ यह हिल......
मलप्पुरम: नदियों और संस्कृति का मेल
मलप्पुरम केरल का उत्तरी जिला है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और उल्लेखनीय विरासत के लिए जाना जाता है। मलप्पुरम, छोटी पहाड़ियों और टीलों का क्षेत्र है जो मलप्पुरम के......
वायनाड - पवित्र भूमि
वायनाड केरल के बारह जिलों में से एक है जो कन्नूर और कोझिकोड जिलों के मध्य स्थित है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। पश्चिमी घाट के हरे भरे पर्वतों के......
तेनमाला - शहद की भूमि
तेनमाला एक मुख्य पर्यावरण पर्यटन के हॉट स्पॉट के रूप में जाना जाता है। यह कोल्लम जिले में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। वस्तुत: यह जगह 'हनी हिल' के रूप में जानी जाती है, इस......
पियरमेड : पहाड़ी आनंद
कोट्टायम के पूर्व में 85 किमी की दूरी पर स्थित ‘पियरमेड ’, केरल के सबसे अधिक मांग वाले पहाड़ी स्टेशनों में से एक है। यह पहाड़ी क्षेत्र आनंददाई ट्रैकिंग परीक्षण,......
पुनलुर - दो राज्यों की कथा
केरल और तमिलनाड़ु सीमा पर बसा पुनलुर, नैसर्गिक सौन्दर्य से भरा सुन्दर शहर है। जिसके बीच कल्लादा नदी बहती है। यहाँ स्थापित पुनलुर पेपर मिल से केरल में ओद्योगिक क्रांति की शुरुवात......
मलयाट्टूर : जहाँ प्रकृति संस्कृति से मिलती है
मलयाट्टूर, एर्नाकुलम जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है जिसका नाम मलयालम शब्दों ‘माला’ अर्थात ‘पर्वत’, ‘अर्र’ अर्थात नदी और ‘उर’......
वागामण - प्रकृति का आशीर्वाद
वागामण केरल के कोट्टायम और इडुक्की जिलों की सीमा पर स्थित एक हिल स्टेशन है। यह पर्यटकों तथा विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ो और काम का बोझ उतारने वालों के लिये एक शानदार जगह है। हरे......
पतनमतिटटा – कला, संस्कृति और धर्म की एक झलक
पतनमतिटटा केरल के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह इस ईश्वरीय प्रदेश का सबसे छोटा जिला है। विकास की गति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस जिले को 1 नवम्बर 1982 में बनाया गया था। अब......
कालपेट्टा - प्रकृति के साथ मंथन
कालपेट्टा एक छोटा सा शहर है जो कॉफी के बागानों के कारण उसकी महक से भरा हुआ और चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह स्थल समुद्र स्तर से 780 मीटर की ऊंचाई पर......
नीलांबुर - सागौन का शहर
सागौन वृक्षारोपण के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध, नीलांबुर, केरल राज्य के मलप्पुरम जि़ले में स्थित एक बड़ा शहर है। विशाल जंगल, प्राकृतिक सुंदरता, अद्वितीय वन्य-जीवन, आकर्षक झरनें,......
कालीकट - कहानियों और इतिहासों की भूमि
कालीकट जिसे कोज़ीकोड के नाम से भी जाना जाता है, एक उत्तरी जिला है जो भारत के दक्षिण – पश्चिम तटीय प्रदेश में स्थित है। इस जिले का मुख्यालय भी इसी नाम से जाना जाता है जैसे......
मालमपुझा – हरे-भरे बगीचों और जादुई पहाड़ियों का शहर
मालमपुझा एक छोटा सा सुन्दर कस्बा है जो कि अपने मनोरम दृश्यों, बाँधों और बगीचों के लिये जाना जाता है। पलक्कड़ (जिसे केरल का धान का कटोरा कहते हैं) में स्थित यह लोकप्रिय स्थान......
कन्नूर - जहां प्रकृति और संस्कृति का मिलाप होता है
कन्नूर, जो इसके प्राचीन नाम कन्नानोर के नाम से अधिक लोकप्रिय है, केरल का एक उत्तरी जिला है जो यहां की जीवंत संस्कृति और समृद्ध विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह......
इडुक्की - प्राकृतिक परिदृश्य
‘खुदा का अपना घर’ कहा जाने वाला इडुक्की, पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है। हरे-भरे व घने वनों से घिरे तथा हरित पर्वतों से सुशोभित यह स्थान, भारत की सबसे ऊंची चोटी......