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लौटना है बचपन में तो जरुर जायें दिल्ली की इन जगहों पर

इस फ्रेंडशिप अपने दोस्तों के साथ दिल्ली की इन खूबसूरत जगहों पर करें बचपन की यादों को ताजा

By Goldi

अक्सर आप ऑफिस टूर पर जाते होंगे, जहां आप सिर्फ काम काम और कम करते हैं...लेकिन क्या आपको बचपन के स्कूल टूर याद है। जहां दोस्तों के साथ जमकर मस्ती होती थी।

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स्कूल के दिन या कहे बचपन के दिन कितने अच्छे थे ना....तब ना बॉस की चिक-चिक थी ना ही ऑफिस में टारगेट पूरा करने की टेंशन लेकिन बचपन में हमेशा पढ़ाई के चलते हम जल्दी बड़े होने की कोशिश करते रहते हैं।

दिल्ली के बच्चे होंगे..और भी स्मार्ट..जाने कैसेदिल्ली के बच्चे होंगे..और भी स्मार्ट..जाने कैसे

यूं तो स्कूल में गुजारा हुआ हर पल यादगार होते है..लेकिन सबसे ज्यादा यादगार होते हैं स्कूल ट्रिप्स। मैंने आपने हम सभी ने स्कूल ट्रिप्स का खूब लुत्फ उठाया है। स्कूलों में जब बात ट्रिप की आती है..तो सबसे पहले नाम आता है दिल्ली का।

दिल्ली में बच्चो के घूमने के लिए ऐतिहासिक इमारत से लेकर मनोरंजन पार्क राष्ट्रपति भवन आदि मौजूद है..और जब भी हम इन जगहों पर जाते हैं तो स्कूल ट्रिप की बात जरुर होती है। लेकिन अब भगती दौड़ती जिन्दगी में वो बचपना कहीं गुम सा हो गया है। अगर आप अपने बचपन को एकबार फिर से जीना चाहते हैं तो अपनी बाइक लेकर निकल पड़िए दिल्ली की उन खूबसूरत जगहों पर जहां कभी आप स्कूल टूर के दौरान गये थे..और ये वीकेंड ट्रिप तब और मजेदार हो जायेगी जब आप और आपके स्कूल फ्रेंड्स एकसाथ बैठकर अपने बचपन के दिन उन जगहों पर याद करेंगे। वैसे भी 6 अगस्त को फ्रेंडशिप डे है..तो अपने व्यस्त समय में से इस फ्रेंडशिप डे थोड़ा टाइम निकालिए और जी लीजिये एकबार फिर से बचपन के दिनों को

लाल किला

लाल किला

जब भी स्कूल से दिल्ली ट्रिप लगी तो हमे हर बार ही लाल किला दिखाया गया। लाल किला जी हां यह वही लाल किला है जहां 26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडा फहराया जाता है।लाल किला 17 वीं सदी के मध्य के दौरान स्थापित किया गया था। किले का निर्माण उस्ताद अहमद द्वारा किया गया था, इस किले का निर्माण 1639 में शुरू हुआ जो 1648 तक जारी रहा। हालांकि, किले का अतिरिक्त काम 19 वीं सदी के मध्य में शुरू किया गया। यह किला 2.41किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, और दो किलों का मुख्य द्वार लाहौर गेट और दिल्ली गेट है। लाहौर गेट चट्टा चौक के पास है जो शाही परिवारों के लिए बनवाया गया था।
यह लाल किला वर्तमान में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है।
PC: Diego Delso

कहां: नेताजी सुभाष मार्ग, लाल किला, चांदनी चौक, नई दिल्ली

कमल मंदिर

कमल मंदिर

बहाई समुदाय द्वारा 1986 में निर्मित कमल के आकार का यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है जिसे मॉडर्न भारत का 20वी शताब्दी का ताज महल भी कहा जाता है। दिल्ली में स्थित यह बेहतरीन और सबसे शानदार इमारत है और इसे आइकोनिक प्रतीक भी कहा जाता है। इस मंदिर को अपने वास्तुशिल्प डिजाइन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार द्वारा नवाजा जा चुका है।मंदिर 27 संगमरमर की पंखुड़ियों के साथ एक कमल के फूल की आकार की तरह का है। 9 पक्षों के गठन, 3 समूहों में व्यवस्था है।

कहां- लोटस मंदिर आरडी, बहापुर, शंभू दयाल बाग, कालकाजी, नई दिल्लीPC:C Jaideep

दमादम झील

दमादम झील

दमदमा लेक दमदमा लेक हरियाणा में सबसे बड़ा प्राकृतिक झीलों में से एक है एक आदर्श सप्ताहांत नौकायन स्थल है। यह झील हरियाणा के सबसे बड़ा प्राकृतिक झीलों में से एक है। यहां बोटिंग के साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे ट्रैकिंग, हॉट बैलून की सवारी, रॉक क्लाइम्बिंग का भी मजा लिया जा सकता है।


कहां: दिल्ली-अलवर राजमार्ग

PC:Shaz.syed13

राष्ट्र पति भवन

राष्ट्र पति भवन

अगर आपने बचपन में राष्ट्रपति भवन नहीं देखा तो क्या हुआ अब देख आइये।राष्ट्रपति भवन भारत में मौजूद सबसे प्रतिष्ठित इमारतों के अलावा अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के और भारत के राष्ट्रपति के सरकारी निवास स्थान के रूप में जाना जाता है।इसकी वास्तुकार एडविन लैंडसेर लुटियन थे इस परिसर के पूरे ढांचे में 340 कमरे हैं और ये परिसर एक चार मंजिला ईमारत है। इस पूरे परिसर के निर्माण में कहीं भी स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है जो इस स्थान की एक अलग प्रकार की खासियत है । राष्ट्रपति भवन स्थित मंदिर की एक अन्य खासियत है जो इसे किसी भी दूसरे मंदिर से अलग करती है वो ये है की यहाँ बने मंदिर में हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध जैन धर्म की घंटियों का इस्तेमाल किया गया है जो अलग अलग संस्कृतियों को दर्शाती है।

कहां: राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली
PC: Ekabhishek

नेशनल रेल म्यूजियम

नेशनल रेल म्यूजियम

राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय दिल्ली चाणक्यपुरी में स्थित है एवं इसकी स्थापना 1 फरवरी 1977 में हुई थी। इस संग्रहालय में भारतीय रेलवे से सम्बंधित 100 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। इसमें स्थिर एवं चालित मॉडल, सिगनल उपकरण, पुरातन फर्नीचर, ऐतिहासिक चित्र एवं इससे संबंधित साहित्य इत्यादि रखे हैं। इस म्यूजियम में यहां आने वाले पर्यटक कई तरह की पुरानी और नई ट्रेन देख सकते हैं।
कहां-मार्केट आरडी, ब्लॉक एफ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली
PC:Carlton Browne

दिल्ली हाट

दिल्ली हाट

दिल्ली हाट में एक पारंपरिक हाट अथवा गांव के बाज़ार का माहौल देता है, किन्तु यह एक ही स्थान पर अनेक पारंपरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। यहां आप हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का सम्मिश्रण देख सकते हैं। फूड एंड क्राफ्ट बाज़ार, भारतीय संस्कृति, हस्तशिल्प के साथ साथ भारत के विभिन्न राज्यों के खाने का स्वाद भी चख सकते हैं।

कहां: श्री अरबिंदो मार्ग, लक्ष्मीबाई नगर, नई दिल्ली

PC: Lokantha

इंडिया गेट

इंडिया गेट

दिल्ली की शान और जान इंडिया गेट का डिज़ाईन पेरिस के आर्क डे ट्रिओम्फे के समान है। इस संरचना की नींव सर एडविन लुट्यन्स द्वारा रखी गयी थी जो उस समय दिल्ली के मुख्य वास्तुकार(आर्किटेक्ट) थे। इंडिया गेट की ऊंचाई लगभग 42 मीटर है। पूरी रचना संगमरमर के पत्थर से बनी हुई है और उसमे लिखे गए शब्द पीले बलुई पत्थर से लिखे गए हैं। इस स्मारक का मूल नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक था जिसे लगभग 70000 सैनिकों की याद में बनवाया गया था।
कहां-राजपथ मार्ग, भारत गेट, नई दिल्ली

PC: Akshatha Inamdar

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