में यूं तो कई ऐतिहासिक किले मौजूद है..इन्ही में एक है सफदरजंग का मकबरा.. यह किला और किलों की तरह खासा प्रसिद्ध तो नहीं है लेकिन दिल्ली " loading="lazy" width="100" height="56" />भारत की राजधानी दिल्ली में यूं तो कई ऐतिहासिक किले मौजूद है..इन्ही में एक है सफदरजंग का मकबरा.. यह किला और किलों की तरह खासा प्रसिद्ध तो नहीं है लेकिन दिल्ली
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सफदरंज का मकबरा एक बंद बगीचों वाला मकबरा है..इस मकबरे में कई मंडप है जिन्हें विचित्र नामों से जाना जाता है। जैसे बानगी देखिए। जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) मोती महल (पर्ल पैलेस) और बादशाह पसंद (किंग्स फेवॅरिट) आदि नाम हैं जिनसे इन्हें जाना जाता है।
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इसके परिसर में एक मदरसा भी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इसके मुख्य द्वार पर एक पुस्तकालय चलाया जाता है। बता दें,यह एक संरक्षित स्मारक है जिसमें प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों को 15 रुपये का टिकट लेना पड़ता है।
कौन था सफरदजंग?
अगर आप सोच रहें हैं कि, सफ़रदजंग कोई बादशाह था, तो आप गलत है।दरअसल वह अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह का प्रधानमंत्री था। सफदरजंग का जन्म 1708 में ईरान के निशापुर में हुआ था। उसकी मृत्यु 1754 में सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) में हुई। उसका पुरा नाम अब्दुल मंसूर मुकीम अली खान मिर्जा मुहम्मद सफदरजंग था। वह एक कुशल प्रशासक था। वह अपने जीवन काल में कश्मीर, आगरा, अवध आदि प्रांतों का सुबेदार रहा। बाद में वह मुगलिया सल्तनत के अधीन पूरे देश का प्रधानमंत्री बना।PC: Nikhil.marar
सफरदजंग
वह एक कुशल प्रशासक था। सफदरजंग का मकबरा उसकी स्मृति में 1754 में अवध के नवाब सुजाउद्दौला खां ने बनवाया था। वह सफदरजंग के बेटे थे। इसमें सफदरजंग और उसकी बेगम की कब्र बनी हुई हैं।
PC:Dr Souvik Maitra
मुगल वास्तुकला
ये मकबरा एक सफेद समाधि है जो मुगल वास्तुकला का सुंदर नमूना है।
PC: Neel.kapur
सफरदजंग किला
सफदरंज का मकबरा एक बंद बगीचों वाला मकबरा है। यह भले ही और मकबरों की तरह भव्य नहीं है..लेकिन यहां दूर दूर तक फैली हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है।PC: Pushpindersingh
मकबरे में हैं कई मंडप
सफदरजंग के मकबरे में कई मंडप है जिन्हें विचित्र नामों से जाना जाता है। जैसे बानगी देखिए। जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) मोती महल (पर्ल पैलेस) और बादशाह पसंद (किंग्स फेवॅरिट) आदि नाम हैं जिनसे इन्हें जाना जाता है।PC:Anupamg
मकबरे का मुख्य द्वार
मकबरे का मुख्य द्वार करीब दो मंजिला का जिस पर अरबी शिलालेख को देखा जा सकत है, कमरे में अंदर लाइब्रेरी ,और मुगल काल के कमरों को बखूबी देखा जा सकता है। गेट के दायीं ओर एक मस्जिद है, जो एक स्ट्रेटेज़ है जिसमें तीन गुंबदों को देखा जा सकता है ।PC:Devansh Goel
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