आपने कई सारे चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यानों की यात्रा की होगी और आपने शेर भी अवश्य ही देखा होगा, चाहे चिड़ियाघर हो या फिर नेशनल पार्क शेर हमेशा से ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। कहा जाता है कि यदि व्यक्ति भाग्यशाली है तभी वो खुले में शेर के दीदार कर पायगा। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत करा रहे हैं भारत की एक मात्र सफ़ारी से जहां एशियाई शेर वास करते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं गुजरात के गिर वन्यजीव अभ्यारण्य की। आइये कुछ तूफानी किया जाये, क्यों न इस बार भारत के इन जंगलों को विजिट किया जाये
गिर वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के गुजरात राज्य में लगभग 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस वन्य अभ्यारण्य में अधिसंख्य मात्रा में पुष्प और जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है। यहां स्तनधारियों की 30 प्रजातियां, सरीसृप वर्ग की 20 प्रजातियां और कीडों- मकोडों तथा पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है। दक्षिणी अफ्रीका के अलावा विश्व का यही ऐसा एकलौता स्थान है जहां शेरों को अपने प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है।
जंगल के शेर के लिए अंतिम आश्रय के रूप में गिर का जंगल, भारत के महत्वपूर्ण वन्य अभ्यारण्यों में से एक है। गिर के जंगल को सन् 1969 में वन्य जीव अभ्यारण्य बनाया गया और 6 वर्षों बाद इसका 140.4 वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्यारण्य अब लगभग 258.71 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को सरक्षंण प्रदान करने के प्रयास से अब शेरों की संख्या बढकर 312 हो गई है।
भारत के सबसे बड़े कद का हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा और बारहसिंगा भी यहां देखा जा सकता है साथ ही यहां भालू और बड़ी पूंछ वाले लंगूर भी भारी मात्रा में पाए जाते है। कुछ ही लोग जानते होंगे कि गिर भारत का एक अच्छा पक्षी अभ्यारण्य भी है। यहां फलगी वाला बाज, कठफोडवा, एरीओल, जंगली मैना और पैराडाइज फलाईकेचर भी देखा जा सकता है। साथ ही यह अधोलिया, वालडेरा, रतनघुना और पीपलिया आदि पक्षियों को भी देखने के लिए उपयुक्त स्थान है।
आने वाले पर्यटकों के लिए गिर वन्य अभ्यारण्य मध्य अक्टूबर महीने से लेकर मध्य जून तक खोला जाता है लेकिन मानसून के मौसम में इसे बन्द कर दिया जाता है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
गिर वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के गुजरात राज्य में लगभग 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस वन्य अभ्यारण्य में अधिसंख्य मात्रा में पुष्प और जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
यहां स्तनधारियों की 30 प्रजातियां, सरीसृप वर्ग की 20 प्रजातियां और कीडों- मकोडों तथा पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
दक्षिणी अफ्रीका के अलावा विश्व का यही ऐसा एकलौता स्थान है जहां शेरों को अपने प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
जंगल के शेर के लिए अंतिम आश्रय के रूप में गिर का जंगल, भारत के महत्वपूर्ण वन्य अभ्यारण्यों में से एक है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
गिर के जंगल को सन् 1969 में वन्य जीव अभ्यारण्य बनाया गया और 6 वर्षों बाद इसका 140.4 वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
ह अभ्यारण्य अब लगभग 258.71 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को सरक्षंण प्रदान करने के प्रयास से अब शेरों की संख्या बढकर 312 हो गई है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
भारत के सबसे बड़े कद का हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा और बारहसिंगा भी यहां देखा जा सकता है साथ ही यहां भालू और बड़ी पूंछ वाले लंगूर भी भारी मात्रा में पाए जाते है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि गिर शेरों के अलावा आज नीलगाय जैसे विशाल जानवरों का भी घर है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
कुछ ही लोग जानते होंगे कि गिर भारत का एक अच्छा पक्षी अभ्यारण्य भी है। यहां फलगी वाला बाज, कठफोडवा, एरीओल, जंगली मैना और पैराडाइज फलाईकेचर भी देखा जा सकता है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
साथ ही यह अधोलिया, वालडेरा, रतनघुना और पीपलिया आदि पक्षियों को भी देखने के लिए उपयुक्त स्थान है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
आने वाले पर्यटकों के लिए गिर वन्य अभ्यारण्य मध्य अक्टूबर महीने से लेकर मध्य जून तक खोला जाता है लेकिन मानसून के मौसम में इसे बन्द कर दिया जाता है।
गिर, भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर
एक युवा शेर को कैमरे में कैद करती तस्वीर।