रोज़मर्रा के कामों के बीच उलझे रहना ही हमारी जिंदगी बन गई है। काम को संतुलित करना, स्वस्थ जीवनशैली, सोशल लाइफ और अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय बिताना हर किसी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। कम से कम इन सबमें से एक ना एक हिस्सा तो जरूर ही बुरी तरह से प्रभावित होता है।
25 साल के होने से पहले करना ना भूलें इन जगहों की भी यात्रा!
ऐसे में हर कोई अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक लेकर अपनी जिंदगी में संतुलन और शांति पाना चाहता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही तलाश कर रहे हैं तो अब आपकी तलाश खत्म होती है। भारत की इन जगहों में साइकलिंग का मज़ा लेकर आप सेहत को भी दुरुस्त कर सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती भी कर सकते हैं।
बैंगलोर - नंदी हिल्स
बैंगलोर में वीकेंड पर छुट्टियां मनाने के लिए सबसे बढ़िया जगह मानी जाती है नंदी हिल्स जोकि शहर से महज़ 62 किमी की दूरी पर स्थित है। बैंगलोर से नंदी हिल्स का रूट काफी व्यवस्थित और आरामदायक है। आप यहां साइकिल के ज़रिए भी पहुंच सकते हैं।
शहर की भागदौड़ से दूर नंदी की पहाडियों में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच छुट्टी बिताना वाकई अद्भुत अनुभव होगा। बैंगलोर से आप 4 से 5 घंटे के भीतर साइकिल द्वारा नंदी हिल्स पहुंच जाएंगें।
PC:Marc Dalmulder
चेन्नई - पॉन्डिचेरी
चेन्नई और पॉन्डिचेरी के बीच पड़ने वाले ईस्ट कोस्ट रोड पर आप साइकलिंग का मज़ा लिया जा सकता हैं। 150 किमी लंबे इस रास्ते पर आप गियर या फिर सामान्य साइकिल द्वारा पहुंच सकते हैं। इस काम के लिए आपको ढेर सारी ऊर्जा और प्रोत्साहन की जरूरत पड़ेगी।
इस बीच महाबलिपुरम में कई रेस्टोरेंट पड़ेंगें जहां आप आराम फरमा सकते हैं। इस पूरे रास्ते में आपको 12 घंटे का समय लग सकता है। बेहतर होगा कि आप जल्दबाज़ी में यात्रा ना करें। ईस्ट कोस्ट रोड़ पर तेज गति में आने वाले वाहनों से सावधान रहें।PC:C/N N/G
दार्जीलिंग - गंगटोक
बाइक राइडर्स को ये रूट बहुत पसंद आता है। दार्जीलिंग से गंगटोक का रूट साइक्लिंग से पूरा करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन यहां आपको मज़ा बहुत आएगा। इस एडवेंचरस ट्रिप को साइकिल से पूरा करने में आपको कई दिनों का समय लग सकता है।
दार्जीलिंग से गंगटोक का सफर लगभग 100 किमी है। ये रास्ता पहाडियों से घिरा हुआ है इसलिए आपको यहां थोड़ी मुश्किल हो सकती है। सिक्किम की सीमा पर रैंग्पो पर आप थोड़ा आराम कर सकते हैं।
PC:Ankit Agarwal
गोकर्णा - गोवा
गोवा में पाटी और मौज-मस्ती के अलावा आप गोकर्णा से गोवा तक या गोवा से गोकरणा तक साइकलिंग का मज़ा भी ले सकते हैं। एक समुद्रतट से दूसो समुद्रतट तक साइकिल से यात्रा करना वाकई अद्भुत अनुभव होगा।
करवार की ओर यात्रा में आपको कोटिगावो वन्यजीव अभ्यारण्य भी देखने का मौका मिलेगा। यहां रूक कर आप इस अभ्यारण्य के घने जंगलों में प्रकृति का मज़ा ले सकते हैं। यहां पर आपको कई पशु जैसे बंदर आदि दिखाई देंगें। साइकिल से इस सफर में आपको एक से दो दिन का समय लग सकता है।PC:Sudharsan.Narayanan
कोच्चि - मुन्नार
कोच्चि जैसे व्यस्ततम शहर से मुन्नार के चाय के बागानों तक का सफर आपको ताजगी से भर देगा। ध्यान रहे कि कोच्चि से निकलते समय आपको भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ सकता है। कोच्चि के ट्रैफिक से मुन्नार के खूबसूरत नज़ारों तक का ये सफर बेहद सुहावना है। ये रास्ता तकरीबन 130 किमी का है और इसे पूरा करने मे 1 से 2 दिन का समय लग सकता है।
पहाड़ी क्षेत्रों, घाट और हरे-भरे वातावरण जैसे कुछ नज़ारें आपकी यात्रा के आनंद को और बढ़ा देंगें।
PC: www.david baxendale.com
मनाली - रोहतांग पास
कई एडवेंचर ग्रुप मनाली से रोहतांग पास के लिए साइकलिंग का प्रबंध करते हैं। ये भारत के सबसे प्रसिद्ध साइक्लिंग रूट में से एक है। 150 किमी लंबे इस सफर में आपको 4 से 6 दिन का समय लग सकता है। इस बीच आप नग्गर, सोलांग नाला जैसी जगहों पर कैंप लगा सकते हैं।
अगर आपको साइकिल से लंबी दूरी तय करने की आदत है तो ये रूट आपके लिए सही है वरना इतनी ऊंचाई पर साइकलिंग करना थोड़ा मुश्किल होता है। ऊंचे पहाड़ों, हरी-भरी घाटी और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच आपका मन मंत्रमुग्ध हो उठेगा।PC:Balaji Photography