भारत की राजधानी दिल्ली में यूं तो काफी कुछ देखने और घूमने वाला है, लेकिन अगर आप दिल्ली घूम-घूम कर थक चुके हैं।तो आज हम आपको अपने लेख के जरिये दिल्ली के कुछ ऐसे वीकेंड गेटवे के बारे में बताने जा रहें हैं जो कि दिल्ली से महज 300 किमी की दूरी पर है, जहां अप फ्रेंड्स, फैमली के साथ जमकर एन्जॉय कर सकते हैं । तो देर किस बात की आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में,
आगरा (दिल्ली से 200 किमी दूर )
आगरा, दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है। जो अपने आलीशान ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। दुनिया का सातवां अजूबा कहा जाने वाला ताज महल इसी शहर की सर ज़मीं पर है।
अलवर (दिल्ली से 166 किमी दूर)
अरावली की पथरीली चट्टानों में बसा यह ऐतिहासिक शहर अलवर राजस्थान के मुख्य आकर्षणों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने इसी स्थल पर 13 साल भेष बदलकर बिताया था। इतिहास में यह स्थान मेवाड़ के नाम से भी जाना जाता था। यहाँ आकर आप अलवर की खूबसूरती को सही से देख सकते हैं। यहाँ के किले, झील और यहाँ का अद्भुत दृश्य देखने लायक होता है।
नीमराना (दिल्ली से 122 किमी दूर)
नीमराना राजस्थान के अलवर जिले में स्य्हित एक ऐतिहासिक शहर है जोकि दिल्ली से 122 किमी की दूरी पर स्थित है।नीमराना में घूमने के लिए नीलकंठ मंदिर,सिलिसरेह झील,विराटनगर आदि हैं। नीमराना के पास ही भानगढ़ भी है जोकि सैलानियों के बीच खासा प्रसिद्ध है।
मथुरा-वृन्दवन(दिल्ली से 160 किमी दूर)
दिल्ली से मथुरा वृन्दावन की दूरी महज 160 किमी है। मथुरा भगवान कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा को अंनत प्रेम की भूमि कहा जाता है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का बचपन और उनकी जवानी के कुछ दिन इसी ऐतिहासिक शहर में
व्यतीत हुए हैं। जहाँ की गलियों में नंदलाल गोपियों संग खेले हैं। वीकेंड में आप मथुरा की सैर कर सकते हैं।
जैसा की आप जानते ही होंगे की दुनियाभर में सूरजकुंड का मेला बहुत प्रसिद्ध है और इसी प्रकार से यहां की सूरजकुंड झील भी बहुत प्रसिद्ध है, जो की बहुत शांत और सुन्दर है। यह झील दिल्ली से मात्र 20 किमी दूर हरियाणा में स्थित है।
इस झील का निर्माण राजा सूरजमल ने 10 वी शताब्दी में करवाया था। सिर्फ एक दिन की छुट्टी में मिले समय को यादगार बनने के लिए यह जगह बहुत ही सुन्दर है।
भरतपुर (दिल्ली से 195 किमी दूर)
भरतपुर दिल्ली से 195 किमी की दूरी पर स्थित है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर का सर्वाधिक प्रसिद्द पर्यटन आकर्षण है। यह पार्क जिसे केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है, का निर्माण लगभग 250 वर्ष पहले महाराजा सूरजमलने करवाया था। वर्तमान में इस पार्क में कछुओं की 7 किस्में, मछलियों की 50 किस्में और उभयचरों की 5 किस्में पाई जाती हैं। इसके अलावा यह उद्यान पक्षियों की लगभग 375 किस्मों का प्राकृतिक आवास है। आप यहां दिल्ली वाया आगरा होकर भी पहुंच सकते हैं।
ऋषिकेश (दिल्ली से 230 किमी दूर)
आत्मिक शांति के लिए ऋषिकेश सबसे परफेक्ट जगह है, यहां लोग ध्यान और योग के लिए आते हैं। इसके अलावा आप यहां रिवर राफ्टिंग, रॉक क्लाइम्बिंग आदि का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क (दिल्ली से 235 किमी दूर)
कॉर्बेट नेशनल पार्कनेशनल पार्क दिल्ली से 235किलोमीटर दूर स्थित है। कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है,भारत जंगली बाघों की सबसे अधिक आबादी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है और जिम कॉर्बेट पार्क लगभग 160 बाघों का आवास है। आप यहां टाइगर के अलावा बाघ, चीता, हाथी, हिरण, साम्बर, पाढ़ा, बार्किंग हिरन, स्लोथ भालू, जंगली सूअर, घूरल, लंगूर और रेसस बंदर आदि को भी देख सकते हैं।इस पार्क में लगभग 600 प्रजातियों के रंगबिरंगे पक्षी रहते है जिनमें मोर, तीतर, कबूतर, उल्लू, हॉर्नबिल, बार्बिट, चक्रवाक, मैना, मैगपाई, मिनिवेट, तीतर, चिड़िया, टिट, नॉटहैच, वागटेल, सनबर्ड, बंटिंग, ओरियल, किंगफिशर, ड्रोंगो, कबूतर, कठफोडवा, बतख, चैती, गिद्ध, सारस, जलकाग, बाज़, बुलबुल और फ्लायकेचर शामिल हैं। इसके अलावा यात्री यहाँ 51 प्रकार की झाडियाँ, 30 प्रकार के बाँस और लगभग 110 प्रकार के विभिन्न वृक्ष देख सकते हैं।
मंडवा (दिल्ली से 260 किमी दूर )
राजस्थान के झुंझुनू जिले में, और शेखावाटी प्रांत के मध्य में स्थित मांडवा एक छोटा सा शहर है।मंडवा अपने किलों और हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है। यह किला बहुत सुन्दर है और इसके प्रवेश द्वार पर बने भगवन कृष्ण और उनकी गायों की चित्रकलायें और भी सुन्दर है। इस किले का निर्माण 1812 (1755 ए.डी) विर्कम संवत में राजा श्रधुल सिंह के बेटे ठाकुर नवल सिंह ने किया था। पर आज कैसल मंडवा एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित हो गया है और इसकी देख रेख मंडवा का शाही परिवार करता है।होटल में कुल 70 कमरे है जो स्टैण्डर्ड, डीलक्स, लक्जरी सूट, और शाही सूट की श्रेणी में विभाजित है। यहाँ के मल्टी क्युजिन रेस्टोरंट में यात्री पारंपरिक राजस्थानी खाने के साथ साथ और कई व्यंजनों का भी स्वाद चख सकते हैं। इसके अलावा 24 घंटे रूम सर्विस, ट्रेवल डेस्क, विदेशी मुद्रा, स्विमिंग पूल ( यहाँ से 3 कि.मी दूर डेज़र्ट रिसोर्ट में), सांस्कृतिक कार्यक्रम, खाना, घोडा सफारी, ऊंट सफारी, गाँव की सैर आदि मौजूद है।
नौकुचियाताल झील (दिल्ली से 300 किमी दूर )
नौकुचियाताल झील एक सुन्दर जल स्त्रोत है जो कि समुद्र तल से 3996 फीट की ऊंचाई पर है। इस झील के नौ कोने है। इस झील के नौ कोनो को देखना एक असम्भव सी बात है। आप यहां आकर बोटिंग, स्विमिंग, फिशिंग आदि कर सकते है। इसके अलावा माउंटेन बाइकिंग भी एक एड्वेंचर्स स्पोर्ट है जो कि बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
लैंसडाउन (दिल्ली से 250 किमी दूर )
लैंसडाउन, उत्तराखण्ड के पौडी जिले में स्थित एक सुन्दर हिल स्टेशन है, जहाँ गढवाल रेजीमेंट नामक भारतीय सेना का सैन्य-दल स्थित है। यह समुन्दरी तट से 1706 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। लैंसडाउन में सैर स्पाटे के लिए कई
पर्यटक स्थल है। कंवाश्रम, जो मंदिरों के शहर पुरी का प्रवेश द्वार माना जाता है, लैंसडाउन का प्रसिद्ध आश्रम है। लैंसडाउन के हरे भरे जंगलों के बीच बने इस आश्रम के पास मालिनी नदी बहती है। यहां आप ट्रैकिंग और जंगल सफारी का भी मजा ले सकते हैं।