हिमालय की गोद में स्थित सिक्किम भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है, जो अपनी असीम खूबसूरती से दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के बड़े-बडे पहाड़, बर्फ से ठकी चोटियां और स्पार्कलिंग ऑर्किड ,इसकी ताजा हवा, वन, पहाड़, घाटियां और बर्फ से ढकी चोटियां मन को बहुत राहत पहुंचती हैं।
इन सबके अलावा सिक्किम में एक और चीज है, जो पर्यटकों को अपनी और आकषित करती है, वह हैं यहां की खूबसूरत झीलें। सिक्किम की घूमते समय आप प्रकृति को बेहद करीबी से निहार सकते हैं। आइये जानते हैं सिक्किम की पांच खूबसूरत झीलें
गुरडोंगमार झील
गुरुडोंगमार झील 5210 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मीठे पानी की झील है, जो पूरे विश्व में सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित जलाशयों में से एक है। यह झील कंचनजंगा पहाड़ियों के उत्तर-पूर्व में स्थित है। सर्दियों के महीनों में यह झील पूरी तरह से जम जाती है। इस झील से 5 किमी पहले ही सो लस्मो झील स्थित है। सेना से पूर्व अनुमति के उपरान्त आप गुरडोंगमार झील से सो लस्मो झील तक ट्रेकिंग कर सकते हैं।Pc: flicker
त्सोंगमो झील
त्सोंगमो झील को चांगु झील के नाम से भी जाना जाता है..यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और व्यापक विविधता के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। इस झील के बारे में एक विशेषता है। भारतीय डाक सेवा ने वर्ष 2006 में इस झील को समर्पित एक टिकट जारी किया था। झील की सतह अलग-अलग मौसम में अलग-अलग रंगों को दर्शाती है। इसलिए सिक्किम के मूल निवासियों के तौर पर यह एक पवित्र झील के रूप में माना जाता है।Pc:Anilrini
लंपोखारी झील
गंगटोक से तीन घंटे की दूरी पर स्थित लंपोखारी झील रेनॉक के पास स्थित है। समुद्र तल से 1402 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील राज्य में सबसे पुराने प्राकृतिक झीलों में से एक है। हाल फिलहाल ही इस झील में बोटिंग की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। स्थानीय लोग इस झील को अरितार झील भी कहते है। दरअसल यह सिक्किम का एकमात्र ऐसा झील है जो पैडल बोटिंग की सुविधा प्रदान कराता है।
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त्सो ल्हामो झील
यदि आप एकांत में रहकर प्रकृति को उसके सर्वोत्तम रूप में निहारना चाहते हैं, तो त्सो ल्हामो झील आपके लिए एकदम परफेक्ट जगह है।आपको बताते चलें कि 5330 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये झील उत्तरीय सिक्किम में स्थित है। हालांकि आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि इस झील तक पहुंचने के लिए आपको यहां से सेना की अनुमति लेनी होगी।
खेचेओपलरी झील
सिक्किम में यह खूबसूरत झील है, जिसे बौद्ध के साथ-साथ हिंदू भी पवित्र जलाशय के रूप में मानते हैं। खेचेओपलरी दो शब्दों खचेओ और पलरी से लिया गया है, जिसका मतलब क्रमशः 'उड़ने वाले फरिश्ते/स्वर्गदूत' और 'महल'। खेचेओपलरी गांव के करीब सुंदर झील, जो खा-चोट-पलरी नाम से भी जानी जाती है खेचोएडपलडरी पहाड़ी से घिरी हुई है, जो पवित्र भी मानी जाती है। यहां आने वाले पर्यटक इस झील के चारों तरफ शांति का आनंद ले सकते हैं और यहां ध्यान में व्यस्त हैं।Pc:Yoghya