भले ही विज्ञान तेजी से प्रगति करते जा रहा है, लेकिन जब भी किसी असाधारण गतिविधि या किस्सों के बारे में हम सुनते हैं, कुछ समय के लिए ही सही दिमाग किसी अज्ञान सोच में चला जाता है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य प्राकृतिक सुंदरता के मामले में किसी से कम नहीं...यहां घूमने-फिरने और एडवेंचर के लिए कई खास गंतव्य मौजूद हैं।
लेकिन शायद बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि यहां वे स्थान भी मौजूद हैं जहां इंसानों का वास नहीं बल्कि बुरी आत्माओं का कब्जा है। असम राज्य से जुड़े तंत्र-मंत्र साधनाओं के किस्से किसी से छुपे नहीं है.. लेकिन असम के अलावा भी अन्य राज्यों में ऐसे बहुत से स्थान मौजूद हैं जिन्हें प्रेतवाधित माना गया है।
रहस्य की पड़ताल में हमारे साथ जानिए पूर्वोत्तर भारत के चुनिंदा सबसे खतरनाक स्थानों के बारे में.. जिनका इतिहास लिखा गया है खूनी स्याही से।
भुतहा लॉज, जोरहाट(असम)
असमजादू-टोने और तंत्र-मंत्र साधना के लिए काफी कुख्यात रहा है। तो यहां भूत-प्रेत जैसी घटनाएं आम है। राज्य के जोरहाट के एक पुराना लॉज है जिसे असामान्य घटानाओं के कारण प्रेतवाधित माना जाता है। यह मुख्य तौर पर अंग्रेजों के समय बनवाया गया एक भवन है।
माना जाता है कि जो स्थानीय इस लॉज की देखभाल करते हैं वे यहां की प्रेतवाधित घटनाओं के शिकार हुए हैं। उन्हें यहां अजीबोगरीब आवाज़ें, चीखने-चिल्लाना, जोर-जोर से हंसना और डरवाने शोर का एहसास हुआ है।
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डॉव हिल्स स्कूल – कुर्सियांग
कुर्सियांग बंगाल के दार्जिलिंग का एक हिल स्टेशन है, जहां के डो हिल्स स्कूल को प्रेतवाधित माना गया है। ऐसा माना जाता है कि डॉव हिल्स स्कूल वो बहुत सी रहस्मयी हत्याएं हो चुकी हैं। इसके अलावा स्कूल के छात्रों और अध्यापकों द्वारा स्कूल कैंपस में बिना सिर वाले एक लड़के को देखा है। साथ ही कई छात्रों को अजीबोगरीब घबराहट और डर का अनुभव भी हुआ है।
इस पहाड़ी स्कूल के विषय में बहुत ही कम लोग जानते हैं। लगातार ऐसी डरावनी घटनाओं की वजहों से इस स्कूल को प्रेतवाधित श्रेणी में रखा गया है।
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जोली गांव - अरुणाचल प्रदेश
जोली अरुणाचल प्रदेश का एक गांव है, जो चारों ओर से घने-डरावने जंगलों से घिरा हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार इन जंगलों में प्रेत शिकारी घूमते हैं। यहां घटी अजीबोगरीब घटनाओं के अनुसार अगर आप इन जंगलों में शिकार या मछली पकड़ने के लिए जाएंगे तो आपपर किसी अज्ञान दिशा से पत्थर की बरसात शुरू हो जाएगी।
यहां के लोगों का मानना है कि यहां भटकती आत्माओं का निवास है जिन्हें स्थानीय भाषा में यापोम या दीमी कहा जाता है।
जेएनआईएमएस अस्पताल - मणिपुर
मणिपुर स्थित जेएनआईएमएस अस्पताल शहर के चुनिंदा सबसे प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। जानकारी के अनुसार यहां मरीजों और रात के समय काम करने वाले कर्मचारियों ने अजीबोगरीब घटनाओं की शिकायत की है। उनका मानना है कि अस्पताल का गाइनकालजी विभागुुुपर प्रेतों का साया है। साथ ही अस्पताल के कुछ विभागों के वॉश रूम और कॉरिडोर में भी भटकते साये को देखा गया है।
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जटिंगा घाटी - असम
असम में जटिंगा नाम की एक खूबसूरत प्राकृतिक घाटी है, माना जाता है कि यह घाटी सितंबर और अक्टूबर महीनों के दौरान मौत की घाटी बन जाती है। यह घाटी अपनी कुदरती खूबसूरती के ज्यादा पक्षियों के द्वारा की जाने वाले सामूहिक आत्महत्या के लिए जानी जाती है। यह सोच से परे है कि भला कोई पक्षी कैसे अपनी जान खुद दे सकते है।
लेकिन यह हकिकत है। रात के दौरान बड़ी संख्या में पक्षी मकानों और पेड़ों से टकराकर आत्महत्या कर लेते हैं। इस रहस्य को अभी तक विज्ञान भी समझ नहीं पाया है।