'घोस्ट स्टोरीज ऑफ शिमला हिल्स' यह वो पुस्तक है जो 'मिनाक्षी चौधरी' नाम की एक लेखिका ने शिमला की हसीन वादियों से हटकर वहां के डरावने अनुभवों को एक किताब की शक्ल दी है। भूत-प्रेतों की कहानियों को शिमला जैसे खबसूरत स्थान से जोड़कर देखना जरा अटपटा जरूर लगता है लेकिन जो हकीकत है उसे बदला भी नहीं जा सकता है। यह बिलकुल सच है यहां कि बर्फीली पहाड़ियों के बीच बहुत से डरवाने अनुभव गड़े हैं, जो किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकते है।
ग्लेशियर से ढके पहाड़ और बर्फीली घाटियों से परे कई डरावनी सच्ची कहानियां यहां की पुरानी इमारतों, स्कूलों, सुंरगों और जंगलों से जुड़ी हैं। रहस्य की पड़ताल मे आज हमारे साथ जानिए शिमला के उन चुनिंदा सबसे डरावने स्थानों के बारे में जो यहां के प्रेतवाधित पहलुओं को सबके सामने लाकर रखते हैं।
शिमला टनल 33
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शिमला के सबसे प्रेतवाधित स्थानों में यहां की टनल नंबर 33 आती है। यहां की पूरी कहानी एक अंग्रेज इंजिनियर बारोग से जुड़ी है। इन टनल नंबर 33 को बनाने का जिम्मा कभी इस इंजिनियर को सौपा गया था, लेकिन किसी कारण बारोग टनल को बनाने का काम पूरा नहीं कर पाए थे, जिनके बाद उन्हें आला अफसरों द्वारा काफी अपमान सहना पड़ा। इसके अलावा उन्हें दंड का भी भागी बनना पड़ा। इतनी जिल्लत सहने के बाद बारोग को कुछ न सुझा और उन्होंने आत्म हत्या कर ली।
जिसके बाद से उनकी भटकती आत्मा इस सुरंग के आसपास नजर आती है। जानकारों का मानना है कि उन्होंने सुरंग के रेलवे ट्रैक पर कई अनहोनियों को होते देखा है। यहां के डरावने अनुभवों के कारण टनल नंबर 33 को शिमला का सबसे प्रेतवाधित स्थान माना जाता है। वर्तमान में यह टनल कालका-शिमला मार्ग पर बड़ोग स्टेशन के पास स्थित है।
चार्लेविले हवेली
शिमला स्थित चार्लेविले हवेली एक शहर की सबसे वीरान पुरानी हवेली है, जिसे यहां के चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। शिमला की हसीन वादियों के बीच यह हवेली कभी किसी अंग्रेज अफसर विक्टर बेले और उनकी पत्नी का घर हुआ करती थी।
उनकी हवेली के पास ही ये आर्मी अफसर भी रहा करता था। बहुत बार इन दोनों परिवारो ने यहां कई अनहोनियों की शिकायत की थी। उनका मानना था कि यहां किसी अदृश्य साये का निवास है, जो दिखता है और फिर गायब हो जाता है।
इसके अलावा घर की चीजें के टूटने और गिरने की आवाजे आदि। वर्तमान में यह हवेली किसी भारतीय के नाम है जिसने भवन में कई बदलाव कर डाले हैं। लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां अनहोनियां घटने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है। आज भी कोई अदृश्य साया यहां भटकता है।
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इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज
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शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज पूरे हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चिकित्सालय माना जाता है। इसके अलावा भी इसका नाम शहर के भुतहा स्थानों में गिना जाता है। यहां के कई मरीजों, डॉक्टर्स और कर्माचारियों ने अजीबोगरीब घटनाओं की शिकायत की है। उनका मानना है कि यहां की लिफ्ट, कॉरिडोर और कमरों में अनहोनियां घटती हैं। रात में अजीबोगरीब आवाजें, शोर के साथ यहां लोगों ने यह तक कहा कि सीढ़ियों पर चलते वक्त कोई अदृश्य साया पीछे खींचने की कोशिश करता है।
जानकारों का मानना है यहां उन लोगों की आत्माएं भटकती है जिन्होंने इस मेडिकल कॉलेज में अपनी जान दी है। इसके अलावा कॉलेज के पास जंगल वाली रोड भी भुतहा बताई जाती है।
कॉन्वेंट स्कूल, छोटा शिमला
शिमला के प्रेतवाधित स्थानों में यहां का एक सिद्ध कॉन्वेंट स्कूल भी शामिल है। जीसस एंड मेरी स्कूल से कई डरवाने किस्से जुड़े हुए हैं। हालांकि बहुत सी अफवाहें भी इस स्थान को लेकर उड़ी हैं। बहुत सी कहानियों में एक कहानी यह भी है कि यहां कोई सरकटा घुड़सवार आता है और यहां कि लड़कियों को गुलाब का फूल देता है, अगर कोई भी उसके साथ गयी तो वो उसे मार देता है।
कहते हैं यहां वर्तमान में जो खेल का मैदान है वहां कभी बच्चों को दफनाया गया था। कहते हैं 2012 में स्कूल के पास दो छात्र अप्राकृतिक तरीके से मृत पाए गए थे। ऐसी बहुत सी कहानियां इस स्कूल के नाम दर्ज हैं जो इसे एक प्रेतवाधित स्थान बनाने का काम करता है।
दुखानी का घर
उपरोक्त स्थानों के अलावा यहां पहाड़ियों पर बसे दुखानी नाम के किसी घर को भी प्रेतवाधित माना जाता है। जानकारों के मानें तो यहां किसी वृद्ध इंसान की आत्मा का प्रकोप है। माना जाता है कि ब्रिटिश शासन के दौरान उस वृद्ध इंसान ने इसी घर में खुद को गोली मार ली थी। तब से इस घर में उस व्यक्ति की आत्मा भटकती है। दुखानी में आए सर जॉन स्मित नाम के एक गेस्ट के अनुसार उसने इस घर में उस वृद्ध इंसान को देखा था जहां उसने खुद को गोली मारी थी।
दुखानी का घर अब वीरान रहता है, कोई भी उस घर में जाने की हिम्मत नहीं करता। अगर आप रोमांच के साथ थोड़ा साहसिक अनुभव लेना चाहते हैं तो बताए गए स्थानों की सैर जरूर करें।