भारत का हृदय मध्य प्रदेश बेहद ही खूबसूरत राज्य है। इस राज्य का इतिहास, भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और यहाँ के लोग इसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं।
एमपी के फ़ूड कैपिटल कहे जानें वाले इंदौर में क्या है एक टूरिस्ट और ट्रैवलर के लिए
अगर आप वन्य जीव जीव प्रेमी है तो आप इस राज्य के समर्द्ध नेशनल पार्क बांधगढ़ नेशनल पार्क,पन्ना नेशनल पार्क आदि देख सकते हैं, अगर आप इतिहास से प्यार करते हैं तो सैलानी ग्वालियर,ओरछा की ओर रुख कर सकते हैं। इस सबके अलावा अगर आप मध्य प्रदेश में कुछ नया अनुभव करना चाहते हैं..तो आप सैर कीजिये मध्य प्रदेश के कुछ ऑफबीट हॉलिडे डेस्टिनेशन की...
धार
मध्य प्रदेश के मलवा खंड में स्थित धार एक ऑफबीट हॉलिडे डेस्टिनेशन है..यह सबसे समृद्ध सांस्कृतिक स्थलों में से एक है जिसका अपना एक महत्व है। इस जगह पुआरसों के द्वारा शासन किया गया था,जो एक मराठा रियासत थी और उस अवधि के दौरान इस इलाके को ''सैल्यूट स्टेट'' की उपाधि से नवाजा गया था। इसके आसपास के क्षेत्रों में कई पर्यटन स्थल है। यहां आकर बाघ गुफाओं का दौरा अवश्य करना चाहिए। यहां का अन्य आकर्षण पीथमपुर है जो एक औद्योगिक शहर है।
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केन घड़ियाल सेंचुरी
केन घडियाल अभयारण्य, भारत का एक महत्वपूर्ण अभयारण्य है जिसे देश में तेजी से लुप्त हो रहे घडियालों की प्रजाति को बचाने के लिए स्थापित किया गया है। यह पन्ना शहर के पास में ही स्थित है। यह अभयारण्य बेहद खूबसूरत है और यह चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। अभयारण्य के बराबर पर ही 45 किमी. लम्बी नदी केन है जो हमेशा बहती रहती है।इस अभयारण्य को आम जनता के लिए 1985 में खोल दिया गया था, यहां घडियालों के अलावा और भी प्रकार के जीव व सरीसृप का प्राकृतिक घर है। इस सेंचुरी में 6 मीटर लम्बे मगरमच्छ भी है।पर्यटकों को बच्चों को इस अभयारण्य में अवश्य साथ ले जाना चाहिए, वह यहां आकर काफी कुछ सीख सकते है और रोमांचक यात्रा का अनुभव भी कर सकते है। सेंचुरी सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
टीकमगढ़
टीकमगढ़ कभी ओरछा राज्य का हिस्सा हुआ करता था।यह जगह इतिहास को करीब से जानने वालों के लिए एकदम परफेक्ट है। यहां पर्यटक टीकमगढ़ किला,देख सकते हैं,जिसका निर्माण 16वीं शताब्दी में बुन्देला के राजा रूद्र प्रताप सिंह द्वारा किया था। टीकमगढ़ ओरछा से 80 किमी की दूरी पर स्थित है।PC: Elex.sunil
बटेश्वर
ग्वालियर से 40 किमी की दूरी पर स्थित बटेश्वर मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी में गुर्जर और प्रतिहार राजाओं के वंश के दौरान किया गया। यह पौराणिक धरोहर वास्तव में 200 मंदिरों के समूह के रूप में निर्मित की गई थी, जो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के इतिहास को बयां करती है। यहाँ के ज़्यादातर मंदिर भगवान शिव जी को ही समर्पित हैं और जो बचे हुए मंदिर हैं, वे भगवान विष्णु जी को। बटेश्वर मंदिर अपने में ही एक आश्चर्य है। पत्थर की वास्तुकला, नक्काशीदार मूर्तियां और इसकी पूरी शैली उस समय कला के प्रति जूनून को बखूबी दर्शाते हैं।PC:Vikramjit.rooprai
भिंड
चंबल में स्थित भिंड मध्य प्रदेश का ही हिस्सा है..इस जगह का दौरा यहां की खूबसूरत वास्तुकला देखने के लिए आपको जरुर करना चाहिए। यह जगह अपने पुराने मन्दिरों और अटेर किला के लिए जानी जाती है। भिंड के दौरे के समय आपको पंचनदा जरुर देखना चाहिए जहां एक साथ पांच नदियों का पहुज नदी, सिंध नदी, क्वाडी नदी, चंबल नदी और यमुना नदी का मिलन होता है।