क्या कभी भी दिन में जंगल की सफारी करते हुए आपके मन में ख्याल नहीं आया कि, ये जानवर रात में क्या करते होंगे..और अगर रात में जंगल घूमा जाए तो जंगल में कैसा माहौल होगा..कभी सोचा है ऐसा आपने? अगर नहीं सोचा है तो सोचना शुरू कर दीजिये..क्योंकि जल्द ही भारत में नाईट सफारी शुरू होने वाली है।
जहां आप रात में तारो की रौशनी के बीच नाईट सफारी का भी मजा ले सकेंगे हैं। जी हां,अभी तक भारत में नाईट सफारी का चलन नहीं था..मगर पर्यटक जल्द ही भारत के जंगल में नाईट सफारी का आनन्द ले सकेंगे।
जी हां,जिसकी शुरुआत होगी उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नॉएडा के वाइल्ड सफारी पार्क से..इसी के साथ नागपुर स्थित चिड़ियाघर गोरेवाडा में भी पर्यटक रात के अँधेरे में नाईट सफारी का मजा ले सकेंगे।
वन्य जीवों का बसेरा, मध्य प्रदेश: भाग 1!
ग्रेटर नॉएडा नाईट सफारी
ग्रेटर नॉएडा सफारी भारत का सबसे पहला नाईट सफारी पार्क होगा, 102 हेक्टेयर में बने इस पार्क में सभी हाई क्लास सुविधाएँ पर्यटकों की नाईट सफारी के दौरान प्रदान की जाएगी। यही नहीं इसकी शुरुआत के साथ ही सिंगापुर के बाद भारत दूसरा देश होगा जहां नाईट सफारी पार्क होगा।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। पर्यटक इस पार्क में भी रात में तारों की जगमगाहट में पशुयों को निहार सकेंगे। इस पार्क की प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा पर्यटकों के बीच हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। कान्हा जीव जन्तुओं के संरक्षण के लिए विख्यात है। यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जन्तुओं का यह पार्क 1945 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की भी प्रेरणा इसी स्थान से ली गई थी।
पेंच नेशनल पार्क
पेंच नेशनल पार्क सतपुड़ा की पहाड़ियों के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस स्थान का नामकरण पेंच नदी के कारण हुआ है जो कि पेंच नेशनल पार्क के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की और बहती है। यह पार्क मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा में महाराष्ट्र के पास स्थित है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे 1983 में नेशनल पार्क घोषित किया गया और 1992 में इसे अधिकारिक रूप से भारत का उन्नीसवा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।PC: Mayurisamudre
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, उत्तर भारत में सबसे बड़ा वन्यजीव भंडार में से एक है, जो राजसी खेल संरक्षण था। 1955 में, यह एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था. बाद में, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के पहले चरण में इसको शामिल किया गया। रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य को 1980 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा प्रदान किया गया था. बाघों के अलावा, राष्ट्रीय पार्क में विभिन्न जंगली जानवरों, सियार, चीते, हाइना, दलदल मगरमच्छ, जंगली सुअरों और हिरण के विभिन्न किस्मों के लिए एक प्राकृतिक निवास स्थान के रूप में कार्य करता है, इसके अलावा, वहाँ जैसे जलीय वनस्पति, लिली, डकवीड और पार्क में कमल बहुतायत है। यहां की जीप सफ़ारी पहले ही देशभर में प्रसिद्ध है, इसलिए यहां रात में पशु पक्षियों को देखने में अब और भी मजा आएगा।PC:JULIAN MASON
गोरेवाड़ा चिड़ियाघर
वाइल्ड लाइफ पार्क में नाईट सफारी के अलावा आप महाराष्ट्र के नागपुर स्थित गोरेवाड़ा चिड़ियाघर में भी नाईट सफारी का मजा ले सकते हैं....ये भारत का पहला चिड़ियाघर होगा जहां आने वाले पर्यटक रात की रौशनी में भी शेर चीते, भालू आदि को देख सकेंगें।