भारत के पूर्वी राज्य सिक्किम में स्थित युकसोम हिमालय परिदृश्य के साथ अपनी बर्फीली पहाड़ियों और घाटियों के लिए जाना जाता है। इस पहाड़ी स्थल को कंचनजंगा का प्रवेश द्वार भी कहा गया है। सिक्किम का यह पर्वतीय गंतव्य अपने मठों और बौद्ध विरासतों के लिए प्रसिद्ध है। 1780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित युकसोम कभी सिक्किम की प्राचीन राजधानी हुआ करता था। यह स्थान मुख्यत: अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। युकसोम प्रतीकात्मक रूप से 'सिक्किम की तीसरी आंख' का प्रतिनिधित्व करता है। '
युकसोम का शाब्दिक अर्थ है 'तीन लामाओं की बैठक का स्थान' । माना जाता है कि ये तीन लामा तिब्बत से आए थे जिन्होंने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यहां बैठक की थी। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह खूबसूरत पहाड़ी गंतव्य आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के सबसे प्रसिद्ध स्थानों के बारे मे।
केचेओपरल्ड्री झील (Khecheopalri)
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केचेओपरल्ड्री झील 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिक्किम की चुनिंदा सबसे खूबसूरत और बड़ी झीलों में गिनी जाती है, जो पेलिंग शहर से लगभग 28 किमी दूर है। अपनी कुदरती खासियतों के बल पर यह झील बहुत हद तक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह झील आकार में काफी बड़ी है, जो जंगल के मध्य स्थित है। अपनी खूबसूरती के अलावा यह झील अपनी दैवीय पवित्रता के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
किंवदंतियों के अनुसार, यह झील देवी तारा से जुड़ी मानी जाती है। झील के बारे में विभिन्न कहानियों को स्थानीय लोगों के माध्यम से सुना जा सकता है। स्थानीय लोग इस झील को एक पवित्र स्थान के रूप में मानते हैं। तीर्थयात्री हर साल यहां झील के दर्शन के लिए आते हैं।
तास हाइडिंग मठ (Tashiding )
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तास हाइडिंग मठ बौद्धों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बौद्ध गुरू पद्मसंभव द्वारा इस स्थान का दौरा किया गया था। यह स्थान कई बार भूकंप की चपेट में भी आ चुका है, और हर बार राज्य सरकार की मदद से इस मठ का पुन: निर्माण कर दिया जाता है।
सुंदर इमारतों से सजा यह मठ में अपने चमकदार रंग और सुंदर बौद्ध वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है। साल के दौरान यहां कई पवित्र समारोहों का आयोजन किया जाता है। जीवन में कुछ अलग अनुभव पाने के लिए आप यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
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दुबडी मठ (Dubdi)
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तास हाइडिंग मठ के अलावा युकसोम अपने दुबडी मठ के लिए भी जाना जाता है। वर्ष 1701 में बनवाया गया यह मठ चोग्यार नामग्याल द्वारा स्थापित किया गया था। इस खूबसूरत मठ को यकसोम मठ के नाम से भी जाना जाता है। प्राकृतिक हरियाली के बीच बसा यह मठ अपनी पवित्रता के साथ-साथ अपनी संरचनात्मक सौंदर्यता के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
मठ का आंतरिक भाग खूबसूरत चित्र, नक्काशीदार बौद्ध डिजाइन, बौद्ध प्रतिक और पांडुलिपियों से सजाया गया है। बौद्ध अनुयायियों के लिए यह एक पवित्र स्थान है।
खानछेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान (Khangchendzonga )
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बौद्ध मठों के अलावा आप युकसोम स्थित खानछेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 820 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ यह उद्यान कई हिमालय जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है।
यहां आप हिमालयी तेंदुआ, भालू, हिमालयी काला भालू, लाल पांडा आदि जानवरों को देख सकते हैं। हिमालय क्षेत्र के अंतर्गत इस राष्ट्रीय उद्यान को भारत के चुनिंदा सबसे खूबसूरत नेशनल पार्क में गिना जाता है। पार्क में पक्षियों और वनस्पतियों की 500 से अधिक विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं।
कटोक मठ (Katok )
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के कटोक मठ की सैर का प्लान बना सकते हैं। सिक्किम के बाकी मठों की तरह इसे भी राज्य के महत्वपूर्ण मठों में गिना जाता है। जानकारी के अनुसार इस मठ का नामकरण एक बौद्ध लामा के नाम पर करा गया है। यह प्रसिद्ध मठ कटोक झील के ठीक विपरित बनाया गया है।
खूबसूरत बौद्ध वास्तुकला और रंगों का इस्तेमाल कर इस मठ को संरचनात्मक रूप से काफी सुंदर बनाया गया है। मानसिक और आत्मिक शांति के लिए आप यहां कुछ समय बिता सकते हैं।
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