पुष्कर, राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत शहर है, जिसे 'गुलाब उद्यान' के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर इसलिए भी खास है क्योंकि यहां विश्व का एकलौता ब्रह्मा जी का मंदिर है। यही कारण है कि इस शहर को संस्कृति और बुद्धि का शहर भी कहा जाता है। यहां का ऊंट मेला पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध है, जोकि नंवबर के महीने में आयोजित होता है।
इस धार्मिक शहर में सिर्फ ब्रह्मा जी का मंदिर ही नहीं बल्कि यहां पर कुछ अन्य मंदिर भी है, जो अपनी भव्यता, मान्यता और प्रसिद्धी के लिए जाने जाते हैं। यहां आसपास में भी घूमने लायक काफी जगहें है, जहां पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है। पुष्कर में कई सारे घाट भी है, जहां आप डुबकी लगा सकते हैं। तो आइए चलते हैं पुष्कर के इन खास मंदिरों के दर्शन करने, जो बेहद खास है।
ब्रह्मा मंदिर
ब्रह्मा मंदिर, सिर्फ पुष्कर में ही नहीं बल्कि विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है। यह मंदिर 2000 हजार साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि 14वीं शाताब्दी में मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर के गर्भगृह में विवाहित पुरुषों को जाने की अनुमति नहीं है। यहां केवल तपस्वियों या सन्यासियों को जाने दिया जाता है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद अनोखी है, जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। मंदिर खुलने का समय सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक का है। इस बीच मंदिर दोपहर डेढ़ बजे से लेकर 3 बजे तक बंद रहता है।
सरस्वती मंदिर
ब्रह्मा जी के मंदिर के साथ-साथ यहां ज्ञान की देवी मां सरस्वती का भी मंदिर है, जिनके दर्शन के बिना पुष्कर की यात्रा अधूरी मानी जाती है। माता सरस्वती यहां नदी के स्वरूप में भी विराजमान है।
रंगजी मंदिर
रंगजी मंदिर का इतिहास काफी गहरा है। यहां पर आपको मुगल वास्तुकला के साथ-साथ दक्षिण भारत की स्थापत्य कला की झलक देखने को मिलेगी। विष्णु जी के अवतार भगवान रंगी को समर्पित यह मंदिर दक्षिण भारतीयों के लिए एक खास तीर्थस्थल है। यह 19वीं सदी के आरम्भ में बना यह मंदिर भव्यता का प्रतीक है। मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक है।
सावित्री मंदिर
पुष्कर में स्थित सावित्री मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको करीब 1 से डेढ घंटे की कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर शहर के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। मंदिर की मुख्य देवी ब्रह्मा जी की पहली पत्नी सावित्री माता और दूसरी पत्नी गायत्री माता है। रोपवे के जरिए भी भक्त माता के दरबार में पहुंच सकते हैं, जहां से पहाड़ों का नजारा बेहद आकर्षक लगता है। मंदिर के खुलने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
आप्तेश्वर महादेव मंदिर
पुष्कर झील के तट पर स्थित आप्तेश्वर महादेव का मंदिर है। यहां संगरमरमर से बनी पंचमुखी भगवान शिव की प्रतिमा है, जो सुंदर आभूषणों से सुसज्जित है। 19वीं शाताब्दी में बना यह मंदिर स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है। मंदिर के चारों ओर आपको शानदार नक्काशी देखने को मिलेगा। यह मंदिर सुबह 6 से रात 8 बजे तक खुला रहता है।