भारत का नवगठित राज्य झारखंड न सिर्फ अपने वन और खनिज संपदा के लिए जाना जाता है बल्कि इस राज्य का अपना अलग सांस्कृतिक महत्व भी है। एक बड़े आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला झारखंड अपनी लोक संस्कृति के मामले में भी समृद्ध माना जाता है। यहां का आदिवासी समाज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जंगलों पर निर्भर है। इसलिए इस राज्य का नाम भी वनो पर ही आधारित है, झार यानी वन और खंड यानी भू-भाग। प्रकृति का जीवंत रूप देखने के लिए आप झारखंड का भ्रमण कर सकते है।
यहां आप प्राकृतिक सौदर्यता के साथ-साथ इस राज्य के धार्मिक महत्व को भी समझ सकेंगे। पर्यटन के हिसाब से भी यह राज्य काफी उन्नत माना जाता है। समय के साथ-साथ यह राज्य उन्नती के शिखर पर है। इस खास लेख में जानिए झारखंड के चुनिंदा सबसे खास धार्मिक स्थानों के बारे में।
बैद्यनाथ मंदिर
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झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ मंदिर राज्य के चुनिंदा सबसे खास तीर्थस्थानों में गिना जाता है। बैद्यनाथ मंदिर भगवान शिव के सबसे खाख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जहां सावन में जल चढ़ाने के लिए भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है और पैर रखने तक की जगह नहीं होती।
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को बाबा धाम या बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव का मुख्य मंदिर है और साथ में 12 अन्य मंदिरों की श्रृंखला है। जुलाई से अगस्त में यहां भक्तों की ज्यादा भीड़ उमड़ती है। आराम से बाबा के दर्शन के लिए आप इन दो महीने छोड़ कर बाकी महीनों में दर्शन का प्लान बना सकेत हैं।
बिंदु धाम
बिंदु धाम झारखंड़ के बड़वार नगर में स्थित है। यह प्रसिद्ध मंदिर त्रीदेवी को समर्पित है। जिनमें महादुर्गा/काली, महालक्ष्मी और महासरस्वती शक्तिपीठ के रूप में विराजमान हैं। मंदिर परिसर में अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। आप यहां सूर्य देव की भव्य मूर्ति देख सकते हैं, इसके अलावा यहां 35 फीट की वानरों के देवता और हनुमान भगवान की मूर्ति भी स्थातित है।
भक्त यहां हनुमान भगवान के दुर्लभ पद चिह्न देख सकते हैं। चेत्र नवरात्रि के दौरान मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है। झारखंड भ्रमण के दौरान आप इस विशेष तीर्थ स्थान के दर्शन कर सकते हैं।
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मालुती मंदिर
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मालुती मंदिर झारखंड के मालुती गांव में स्थित है। जो 78 टेराकोटा मंदिरों के समूह के लिए जाने जाते हैं। इतिहासकारों के मुताबिक ये मंदिर 17वीं से लेकर 19वीं शताब्दी के बताए जाते हैं। इन मंदिरों में कई हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित है। जैसे देवी मौलाक्षी, भगवान शिव, विष्णु, मनसा देवी, मां दूर्गा और काली।
देवी-देवताओं के अलावा यहां संतों की भी मूर्तियां स्थापित हैं। आप यहां संत बामाख्यापा को समर्पित मंदिर के दर्शन भी कर सकते है। मग्लोबल हेरिटेज फंड द्वारा मालुती मंदिर विलुप्त होती ऐतिहासिक धरोहर के रूप में चिह्नित किया गया है। झारखंड भ्रमण के दौरान आप इस विशेष स्थान की सैर का प्लान बना सकते हैं।
जगन्नाथ मंदिर
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झारखंड के राजधानी शहर रांची की पहाड़ी पर बसा है प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर। वास्तुकला और मंदिर संरचना के मामले में यह मंदिर कुछ पुरी जगन्नाथ मंदिर के जैसा ही है। दर्शन के लिए भक्तों को पहाड़ी पर पैदल या निजी वाहनों की मदद से पहुंचना पड़ता है। साल में एक बार यहां भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है।
जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। स्थानीय लोगों के लिए यह मंदिर मुख्य आस्था का केंद्र माना जाता है। झारखंड यात्रा के दौरान आप इस भव्य जगन्नाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
छिन्नमस्ता मंदिर, रामगढ़
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प्रसिद्ध छिन्नमस्ता मंदिर झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है, यह भव्य मंदिर देवी छिन्नमस्ता को समर्पित है। छिन्नमस्ता बिना सर वाली देवी हैं जिन्हें कमल के पुष्प पर कामदेव और रति के शरीर पर खड़े रूप में प्रदर्शित किया गया है। यह मंदिर अपने तांत्रिक स्वरूप के लिए ज्यादा जाना जाता है। मंदिर परिसर में 10 मंदिर अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं।
आप यहां भगवान सूर्य, भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियां देख सकते हैं। झारखंड यात्रा के दौरान आप इस अद्भुत मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं।
झारखंड धाम
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप झारखंड धाम के दर्शन के लिए आ सकते हैं। झारखंड धाम को झारखंडी के नाम से भी जाना जाता है, जो राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसमें कोई छत नही है। मंदिर चारों तरफ से घेरा गया है पर ऊपरी भाग खुला हुआ है। यह अनोखा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
वार्षिक त्योहार के दिनों में यह मंदिर भक्तो से भऱ जाता है। महाशिवरात्रि के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है। जब दूर-दूर से श्रद्भालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं।
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