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इनमें से कुछ त्योहारों को विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है जबकि कुछ त्योहार जैसे मैसूर दसारा को पूरे दक्षिण भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं दक्षिण भारत के प्रमुख 6 त्योहारों के बारे में।
हंपी उत्सव
हर साल बड़ी धूमधाम से मनाए जाने वाले हंपी के उत्सव को हंपी उत्सव और विजया उत्सव भी कहा जाता है। तीन दिन तक चलने वाले इस त्योहार को विजयानगर राजवंश के काल से मनाया जा रहा है। इस उत्सव के दौरान भारत के प्रतिभावान कलाकारों द्वारा कई सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाती है।
सांस्कृतिक संगीत, कला और नृत्य का मेल है हंपी उत्सव। इस उत्सव की सबसे खास बात है इसकस लाइट एंड साउंड शो जिसमें कई विशेष लाइटों का इस्तेमाल किया जाता है।
हर साल नवंबर के महीने में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।PC: vilapicina
ओणम
हिंदुओ का पवित्र त्योहार है ओणम जो व्यापक रूप से केरल में मनाया जाता है। इसे चावल की फसल के त्योहार के रूप में भगवान विझशु के वामन अवतार के सम्मान में और राजा महाबलि के अपने गृहनगर लौटने की खुशी में मनाया जाता है। मलयाली हिंदू इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। हर साल ये त्योहार अगस्त से सितंबर के महीने में मनाया जाता है।
ओनम के त्योहार के अवसर में कई तरह की प्रस्तुतियां जैसे पुलिकली, ओनाथल्लु, ओनाविल्लु और कई फूलों की खूबसूरत व्यवस्था जिसे पूक्कलम कहा जाता है आदि की व्यवस्था की जाती है। इस दौरान नावों की दौड़ और वल्लम कली का आयोजन भी किया जाता है।
PC:Unni Nalanchira
मैसूर दसारा
मैसूर शहर अपने खूबसूरत महल के अलावा शानदार मैसूर दसारा के लिए भी मशहूर है जो हर साल सितंबर और अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। नौ दिन तक चलने वाले इस उत्सव में 20 से ज्यादा आयोजन किए जाते हैं।
देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति का जुलूस निकाला जाता है जिसे जंबू सवारी भी कहा जाता है। मैसूर महल को 100,000 बल्बों से रोशन किया जाता है और महल के विपरीत ओर लगने वाली प्रदर्शनी इस उत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक होती है।PC: Ananth BS
नत्यांजलि नृत्य उत्सव
कला और नृत्य से मिलकर बना नत्यांजलि नृत्य उत्सव भगवान शिव के नटराज स्वरूप को समर्पित है। इस 5 दिन लंबे उत्सव को फरवरी और मार्च के महीने में शिवरात्रि के दौरान मनाया जाता है।
इस उत्सव को चेन्नई से 230 किमी दूर स्थित तमिलनाडु के चिदंबरम में मनाया जाता है। देशभर से कलाकार इस उत्सव में नृत्य प्रस्तुति देने हर साल यहां आते हैं।PC:amazingarfa
पोंगल
तमिलनाडु का कृषि त्योहार है पोंगल जिसे 14 और 15 जनवरी के दिन मनाया जाता है। ये त्योहार भारत के अन्य शहरों में मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है जबकि तमिलनाडु में इसे पोंगल कहते हैं। हिंदुओं के इस प्रमुख त्योहार को 4 दिन तक मनाया जाता है और हर दिन का एक अलग महत्व होता है।
इस मौसम में गन्ना, हल्दी और दालों आदि की फसल की जाती है और इस त्योहार के ज़रिए प्रकृति को अमूल्य धान प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया जाता है।
थिरूस्सुर पूरम
केरल के इस वार्षिक त्योहार को थिरूस्सुर के वदाक्कुनाथन मंदिर में मनाया जाता है। पूरम नक्षत्र में चंद्रमा के होने पर इस त्योहार को मनाया जाता है। केरल के इस शानदार त्योहार पर हाथियों को सजाया जाता है, पटाखे जलाए जातें है और संगीत का आयोजन किया जाता है।
हर साल अप्रैल या मई महीने में इस त्योहार को मनाया जाता है। थिरूस्सु पूरम की शुरुआत सन् 1700 में कोच्चि के राजा रामा वर्मा ने की थी। इस उत्सव पर ईलंजिथारा मेलम में 250 से ज्यादा कलाकारों द्वारा चेंदा वाद्य यंत्र द्वारा प्रस्तृति दी जाती है।