Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »क्या आप जय विलास महल से जुड़ी इन बातों को जानते हैं ?

क्या आप जय विलास महल से जुड़ी इन बातों को जानते हैं ?

जय विलास पैलेस देश के खूबसूरत महलों में गिना जाता है, जिसका निर्माण 1874 में जीवाजी राव सिंधिया ने करवाया था। इस महल का जिजाइन लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज द्वारा तैयार किया गया था।

भारत के ह्रदय स्थल में बसा मध्य प्रदेश देश का एक खूबसूरत राज्य है, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी ज्यादा महत्व रखता है। यहां मौजूद प्राचीन धरोहर, मंदिर, वन संपदा, नदी, घाटी झरने इस भूखंड को पर्यटन के लिहाज से एक आदर्श स्थल बनाने का काम करते हैं। यहां घूमने-फिरने और देखने योग्य कई शानदर स्थल मौजूद हैं, जिनकी सैर करना पर्यटकों को काफी पसंद है।

यहां देश ही नहीं बल्कि विश्व भर से सैलानियों को आगमन होता है। एक प्रकृति, कला और इतिहास के प्रेमी से लेकर यहां एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ उपलब्ध है। नर्मदा, चंबल, सोन, ताप्ती, शिप्रा, बेतवा जैसी नदियां इस स्थल को खास बनाने का काम करती है। यह राज्य विभिन्न वनस्पतियों के साथ-साथ असंख्य जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है।

यहां के प्राचीन किले, महल और अतीत से जुड़ी सरंचनाएं पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती हैं। इस लेख में आज हम आपको मध्य प्रदेश स्थित खूबसूरत जय विलास महल से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में बताएंगे, जिनके विषय में अधिकांश पर्यटकों को नहीं पता।

कब बनाया गया था ?

कब बनाया गया था ?

PC- Mohitkjain123

जय विलास पैलेस देश के खूबसूरत महलों में गिना जाता है, जिसका निर्माण 1874 में जीवाजी राव सिंधिया ने करवाया था। इस महल का जिजाइन लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज द्वारा तैयार किया गया था। यह महल अब भी सिंधिया शाही परिवार के अधीन है। इस महल को बनाने में ब्रिटिश, भारतीय और इतावली शैली का प्रयोग किया गया है। यह महल वाकई काफी खूबसूरत है, जो पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है।

अरबो रूपए का महल

अरबो रूपए का महल

PC- Shobhit Gosain

यह एक विशाल महल है, जो 1,240,771 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। माना जाता है कि जिस वक्त इस महल का निर्माण किया गया था, तब इसकी कीमत 1 करोड़ थी, लेकिन आज इस विशाल और आकर्षक महल की कीमत अरबों में है। क्या आप देखना चाहेंगे इस अद्भुत महल को ?

 इसलिए बनाया गया था

इसलिए बनाया गया था

PC-Shobhit Gosain

बहुत कम ही पर्यटक इस तथ्य से वाकिफ होंगे कि इस महल का निर्माण इंग्लैंड के प्रिंस एडवर्ड-VII के स्वागत में बनाया गया था। इस खूबसूरत महल को देखकर नहीं लगता कि इस निर्माण मात्र किसी के स्वागत के लिए किया होगा। इस महल को फ्रांस के वर्साइल्स पैलेस की तरह बनाने का प्रयास किया गया था। महल को सजाने के लिए विदेश से कारीगरों को बुलवाया गया था।

3500 किलो का झूमर, खड़े किए गए थे हाथी

3500 किलो का झूमर, खड़े किए गए थे हाथी

PC-Shobhit Gosain

इस महल में एक विशाल झूमर लगा हुआ है, बहुत कम ही लोग जानते हैं कि इस विशाल झूमर का वजन 3500 किलो का है। जो अपने आप में ही काफी अनोखा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि झूमर लगाने के लिए हाथियों की सहायता ली गई थी। दरअसल हाथियों का इस्तेमला छत की मजबूती जाचंने के लिए किया गया था, जहां झूमर लगना था।

इंजीनियरों ने छत पर 10 हाथियों को 7 दिनों तक खड़ा करके रखा था, जिसके बाद ही इस छत पर 3500 किलो वजनी झूमर को टांगा गया था। क्या आज से पहले आपको इस तरह के प्रयोग के बार में सुना है ?

चांदी की ट्रेन

चांदी की ट्रेन

PC- Shobhit Gosain

इस विशाल महल का एक खूबसूरत कोना यहां का बड़ा डाइनिंग हॉल है, जिसमें एक बार में कई लोग बैठ कर खाना खा सकते हैं। इस इाडिनिंग हॉल का मुख्य आकर्षण चांदी की ट्रेन है, जिसका इस्तेमाल महमानों को भोजन परोसने के लिए किया जाता था। यह ट्रेन खाने के साथ-साथ मेहमानों का मनोरंजन भी करती थी। आज भी इस ट्रेन को यहां देखा जा सकता है।

एक हिस्सा म्यूजियम में तब्दील

एक हिस्सा म्यूजियम में तब्दील

PC-Shobhit Gosain

इस महल में कुल 400 कमरे में हैं, जिनमें से 40 कमरों को संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया गया है। बाकी हिस्सों में सिंधिया परिवार रहता है। इस संग्रहालय को जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम नाम दिया गया है। पर्यटक इस संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं, और यहां मौजूद बेशकीमती वस्तुओं को भी देख सकते हैं। यह म्यूजियम बुधवार के दिन बंद रहता है। बाकी दिनों यह सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुला रहता है।

कैसे करें प्रवेश

कैसे करें प्रवेश

PC-Star Dust H

जय विलास पैलेस मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा ग्वालियर एयरपोर्ट है, जहां से आप प्राइवेट कैब या टैक्सी कर पैलेस तक पहुंच सकते हैं। रेल सेवा के लिए आपको ग्वालियर जंक्शन का सहारा लेना होगा, जो रेल मार्ग से भारत के महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। अगर आप चाहें तो यहां सड़क परिवहन की मदद से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से ग्वालियर आसपास के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X