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छुट्टियों को बनाना है यादगार तो चले आयें...लोनावाला

शहर की भाग-दौड़ और शोर से दूर लोनावला पूरे वर्ष भर यह पहाड़ी क्षेत्र अपनी ताज़ा, प्रदूषण मुक्त वातावरण में आपअपनी छुट्टियों को और भी यादगार बना सकते हैं।

By Goldi

लोनावाला महारष्ट्र का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जोकि मुंबई और पुणे के बीच में स्थित है। लोनावाला को "सहयाद्रि श्रेणी का गहना" भी कहा जाता है। यहाँ की शांत जलवायु, शांत वातावरण और स्वच्छ हवा लोनावाला को छुट्टी बिताने के लिए एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन है। शहर की भाग-दौड़ और शोर से दूर पूरे वर्ष भर यह पहाड़ी क्षेत्र अपनी ताज़ा, प्रदूषण मुक्त वातावरण में आप अपनी छुट्टियों को और भी यादगार बना सकते हैं।लोनावाला पुणे से 64 किलोमीटर और मुम्बई से 96 किलोमीटर की दूरी पर है।

लोनावाला के एक तरफ डेक्‍कन के पठार और दूसरी तरफ कोंकण तट के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है और इस शांति का अनुभव करने के लिए मानसून से बेहतर मौसम कोई नहीं हो सकता! साथ ही आप के आसपास व्यापक झरने और हरियाली, यह प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ है।

1871 में मुंबई के गवर्नर सर एल्फिसटन ने लोनावाला की खोज की। इसकी खोज के समय यह एक घने जंगल के रूप में था और केवल कुछ मुट्ठी भर लोग ही बसे थे।कहने की जरूरत नहीं है यह जगह घरेलू तथा विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के रूप में सालाना अच्छी तरह से आय का साधन है।

लोनावला में घूमने की जगह

बुशी डैम

बुशी डैम

लोनावाला से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बुशी डैम स्थित है। यह यहां का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। खासकर मानसून के समय यहां पर्यटकों की खासा भीड़ देखी जा सकती है। यहां अगर आप जाते हैं तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि डैम में पानी अचानक बढ़ जाता है।PC: sobarwiki

ड्यूक नोज

ड्यूक नोज

ड्यूक नोज को नागफनी के नाम से भी जाना जाता है इसका नाम एक ब्रिटिश गर्वनर के नाम पर पड़ा. खंडाला स्‍टेशन से इसके शिखर पर आसानी से पैदल चढ़ा जा सकता है ।इस पहाड़ी के समीप ही सौसेज हिल और आईएनएस शिवाजी है। सौसेज हिल पर एक छोटा सा जंगल है ,यहां पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती हैं।

रईवुड पार्क

रईवुड पार्क

यहां का नजारा पूरी तरह से हरियाली से भरा हुआ है। चारों ओर पेड़ पौधे के साथ हरी भरी घासें की प्राकृतिक छठा देखते ही बनती है। जो सभी का मन मोह ले और यह अपनी ओर आकर्षित करती है। तभी तो दूर-दूर के लोग यहां पर आकर इस नजारें का पूरा लुफ्त उठाते है। यहां पर बड़ों से लेकर बूढ़े भी खूब मस्ती कर वादियों का लुफ्त उठाते है।

राजमची पाइंट

राजमची पाइंट

खूबसूरत वादियों के बीच बसा राजमची लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है। इसकी ओर चले आने का कारण यहां की सुंदरता के साथ अट्रैक्शन का केन्द्रबिंदू है शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है। PC: kandoi.sid

तुंगारी झील

तुंगारी झील

तुंगारी झील का निर्माण बिर्टिश साम्रज्य के दौरान हुआ बारिश के पानी को सरंक्षित करने के लिए हुआ था। मानसून के दौरान इस झील में काफी पानी इकट्ठा हो जाता है...इसमें पर्यटक नौकायान का लुत्फ उठा सकते हैं।

कार्ला गुफा

कार्ला गुफा

कार्ला गुफा यहां की सबसे पुरानी गुफायों में से एक हैं..पत्थरों को काटकर बनाई गई कार्ले की गुफाएं के स्तंभों पर बेहतरीन नक्‍काशी की गई है। हीनयान सम्‍प्रदाय द्वारा निर्मित इस गुफा को बाद में महायान संप्रदाय ने अपने नियंत्रण में लिया. इस गुफा के मुख्‍य हाल के बाहर कोली मंदिर है।

भाजा गुफा

भाजा गुफा

कार्ले की गुफाओं के विपरीत दिशा में भाजा की गुफाएं स्थित है. यह मालावी स्‍टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भाजा की गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व में हुआ था।यहां की गुफाएं कार्ले की गुफाओं से ज्‍यादा सुरक्षित अवस्‍था में है।

कैसे आयें

कैसे आयें

मुंबई और पुणे से महज एक सौ किलोमीटर दूर, इस छुट्टी के स्थान पर वायु, सड़क और रेल द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

हवाईजहाज द्वारा
लोनावाला का निकटतम हवाई अड्डा पुणे एयरपोर्ट है..एयरपोर्ट से सैलानी लोनावाला टैक्सी या बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा
पुणे से प्रत्येक 2 घंटे पर लोनावाला के लिए लोकल ट्रेन चलती हैं। ट्रेन के जरिए मुंबई से यहां पहुंचने में 2.5 घंटे लगते हैं जबकि पुणे से यहां डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकता है। रेल से आने वाले यात्री पुणे या मुंबई पहुंचे और टैक्सी या बस के जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं।

सड़क द्वारा
लोनावाला मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर है और सड़क के मार्ग दूसरे शहरों से भी जुड़ा हुआ है।
PC: wikimedia.org

कहां रुके

कहां रुके

लोनावला में रुकने की व्यवस्था काफी अच्छी है जो आपकी जेब पर भरी नहीं पड़ेगी..साथ ही आप यहां चाइनीज और कॉन्टिनेंटल खाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं।PC: wikimedia.org

कब जाएँ

कब जाएँ

लोनावला में झरनों या झीलों के हिसाब से बरसात के मौसम में आना सही है, पर इसके प्राकृतिक नजारों को देखने की बात करें तो इसके लिए अक्टूबर से मै के बीच का महीना काफी अच्छा होता है। क्योंकि इन दिनों का मौसम काफी सुहावना रहता है। जिससे आपका मजा कई गुना बढ़ जाता है।PC: wikimedia.org

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